DGP Meeting: डीजीपी की समीक्षा बैठक, चेतना अभियान बनेगा सिस्टम का हिस्सा, पुलिसिंग को मिलेगा नया ढांचा, अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
DGP Meeting: डीजीपी अरुण देव गौतम बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने यहां रात्रि विश्राम किया। बिलासपुर पुलिस के कार्यों की आईजी संजीव शुक्ला की उपस्थिति में समीक्षा की। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे चेतना अभियान को उन्होंने पुलिसिंग की दिशा में बेहतर कदम बताते हुए इसे सिस्टमैटिक रूप से संस्थागत बनाने के निर्देश दिए, ताकि यह अनवरत ढंग से चला रहे और इससे अन्य जिलों को भी मार्गदर्शन मिल सकें।
DGP Meeting
DGP Meeting: बिलासपुर। प्रदेश के पुलिस प्रमुख डीजीपी अरुण देव गौतम बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। इस दौरान बिलासपुर पुलिस के कार्यों, कानून व्यवस्था,अपराध नियंत्रण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विजिबल पुलिसिंग और सामुदायिक पुलिसिंग पर जोर देते हुए चेतना अभियान को सिस्टमैटिक रूप से संस्थागत रूप देने के निर्देश दिए।
बैठक में बिलासपुर जिले में चलाए जा रहे चेतना अभियान की जानकारी उन्होंने ली। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने उन्हें बताया कि बेसिक पुलिसिंग के साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग और पुलिसिंग में कसावट लाने के लिए चेतना अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में पुलिसिंग के हर पहलुओं का ध्यान रखा गया है। इसमें बुजुर्गों के देखभाल और सुरक्षा के लिए सियान चेतना अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस द्वारा दुर्घटना से जनता को बचाने और ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए जनता में चेतना जगाते हुए जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
महिलाओं एवं बच्चों संबंधी अपराधों के निराकरण के लिए अभियान, नशे के विरुद्ध अभियान और कार्रवाई, हिस्ट्रीशीटरो के खिलाफ कार्रवाई, ऑर्गेनाइज्ड क्राईम के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति जप्ती,सायबर फ्रॉड से बचने जनता में चेतना फैलाने जैसे पुलिसिंग से जुड़े सभी बिंदुओं को एक ही अभियान के तहत एक साथ जिले में चलाया जा रहा है।
डीजीपी अरुण देव गौतम ने बारीकी से हर बिंदुओं पर चेतना अभियान की जानकारी ली। फिर इसे अच्छी पहल बताते हुए इसे सिस्टमैटिक रूप से संस्थागत रूप देने के निर्देश दिए। ये अभियान पुलिसिंग का यह एक हिस्सा बन जाएगा और यह अभियान किसी अधिकारी के तबादले के बाद भी नहीं रुकेगा। जो भी अधिकारी इसके बाद भी जिले में आएंगे तब भी यह अभियान बंद नहीं होगा और अनवरत रूप से जारी रहेगा। इस अभियान को व्यवस्थित कर बाकायदा इसके लिए नोडल अधिकारी भी बनाया जाएगा। डीजीपी ने इसमें कई बिंदुओं में अभियान को अच्छा करने सुझाव और मार्गदर्शन देते हुए कहा कि इससे अन्य जिलों को भी प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा। दूसरे जिले भी इसे प्रेरणा लेकर पुलिसिंग में कसावट ला सकेंगे।
बैठक के दौरान एसएसपी रजनेश सिंह द्वारा जिले की वर्तमान कानून व्यवस्था के अलावा डिटेक्शन रेट, सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रमों और विजिबल पुलिसिंग के तहत किए जा रहे कार्यों का विस्तृत प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया।
इन शाखाओं के कार्यों की समीक्षा की गई-
1. सकरी बटालियन (छ.स.ब.)
2. रेडियो कार्यालय
3. हाईकोर्ट सुरक्षा
4. एयरपोर्ट सुरक्षा
5. विशेष आसूचना शाखा
6. अभियोजन कार्यालय
7. रेंज एमटी शाखा
तकनीक के प्रयोग पर जोर, बीट सिस्टम करें मजबूत-
डीजीपी ने सीसीटीएनएस, ई-साक्ष्य और ई-समन जैसी डिजिटल विधियों के विवेचना में उपयोग को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही बीट सिस्टम को मजबूत बनाने और नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
थाना निरीक्षण और निगरानी पर भी विशेष ज़ोर-
समीक्षा बैठक में डीजीपी ने सभी राजपत्रित अधिकारियों को अपने-अपने पर्यवेक्षण क्षेत्र के थानों में घटित अपराधों के घटनास्थल पर तत्काल पहुंचने, फरियादियों की अनिवार्य रूप से सुनवाई करने, लंबित प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग और उनके समयबद्ध निराकरण की सुनिश्चित व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। पुलिस वेलफेयर योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन और शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन की भी गहन समीक्षा की गई।
आमजन में पुलिस की बनाए सकारात्मक छवि-
पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे कानून और नियमों का पालन करते हुए आमजन में पुलिस की एक सकारात्मक छवि बनाए रखने के लिए समर्पण भाव से कार्य करें। उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्होंने अधिकारियों को सराहना भी दी और भविष्य के लिए प्रेरित किया।
इस बैठक में बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला (आईपीएस), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (आईपीएस), 2वीं बटालियन के कमांडेंट मनोज खिलाड़ी, विशेष शाखा की जोनल एसपी दीपमाला कश्यप, रेडियो एसपी पूजा कुमार (आईपीएस) सहित जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे।