Chhattisgarh News: घास जमीन की आड़ में शासन को लाखों का चूना, मल्टीफ्लैक्स को अनुमति देने राजस्व, टाउन प्लानिंग-निगम ने मिलकर किया खेल
Chhattisgarh News: शहर के नंदई इलाके में निर्माणाधीन मल्टीप्लैक्स को अनुज्ञा देने के मामले में निगम, राजस्व एवं टाउन प्लानिंग के अफसरो द्वारा जमकर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है।

Chhattisgarh News: राजनांदगांव। शहर के नंदई इलाके में निर्माणाधीन मल्टीप्लैक्स को अनुज्ञा देने के मामले में निगम, राजस्व एवं टाउन प्लानिंग के अफसरो द्वारा जमकर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। व्यापारी को फायदा दिलाने के लिए निगम ने जहां भवन अनुज्ञा देने में खेल किया है, वहीं राजस्व एवं टाउन प्लानिंग ने भी अनुमति देने के लिए कई नियमों को अनदेखा कर दिया। इतना ही नहीं, जमीन के पंजीयन में भी घास जमीन को दर्शा कर शासन को लाखों रुपए का चुना लगाने का काम हुआ है। हालांकि इस मामले में अब शासन से शिकायत कर दी गई है।
दरअसल, नदंई में बन रहे मल्टीप्लैक्स को लेकर रायपुर की महिला वकील दमयंती मंडल ने प्रदेश सरकार से लिखित शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि 0.437 हेक्टेयर में बन रहे इस मल्टीप्लैक्स को अनुमति देने में राजस्व, निगम एवं टाउन प्लानिंग विभाग ने मिलकर जमकर मनमानी की है। अफसराें की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बात यह है कि घास जमीन होने पर भी कलेक्टर के साथ ही नजूल विभाग से अनुमति ली जानी होती है, परन्तु ऐसा नहीं किया गया। इस मामले में टाउन प्लानिंग विभाग की बड़ी लफ़रवाही सामने आई है।
सड़क की बजाए दिखाई घास
शिकायत में यह भी कहा गया कि नियमानुसार मल्टीप्लैक्स के लिए पंजीकृत की गई भूमि में अधिक पंजीयन शुल्क लगना था। लेकिन राजस्व महकमे के साथ मिलीभगत कर व्यापारी ने सड़क को दर्शाने की जगह सरकारी घास भुमि दिखाकर अपनी जमीन का पंजीयन कराया। राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं अफसरो ने मिसल रिकार्ड में भी कई हेरफेर किए है। जिससे लाखों रुपए का पंजीयन शुल्क का नुकसान सीधे शासन को हुआ।
डेवलपमेंट चार्ज में भी गड़बड़ी
नगर निगम शहर में बनने वाले सभी प्रकार के निर्माण को अनुमति देने से पहले एक तय शुल्क लेता है। सुत्रों की माने तो इस मामले में भी निगम के अफसरों ने व्यापारी को डेवलपमेंट चार्ज को लेकर एक नोटिस जारी की थी। लेकिन जिस दर के अनुसार नोटिस दी गई थी, उससे कम राशि लेकर अनुज्ञा जारी कर दी गई। इस मामले में भी निगम के अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन अनुमति
मल्टीप्लैक्स को अनुमति देने के मामले में टाउन प्लानिंग विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। बताया गया कि जिस समय इस मल्टीफ्लैक्स को लेकर अनुमति दी गई, उस दौरान ऑनलाइन अनुमति देने की प्रक्रिया शुरु हो गई थी। परन्तु अपने फायदे के लिए अफसरों ने ऑनलाईन की जगह ऑफलाईन अनुमति जारी की। बताया गया कि इस अनुमति में प्रस्तावित 30 मीटर सड़क की जगह 45 मीटर की सड़क को बताकर अनुज्ञा जारी हुई है। ज्ञात हो 45 मीटर से कम चौड़ी सड़क होने पर मल्टीप्लेक्स के लिए अनुमति नहीं मिलती है।