Chhattisgarh NAN Scam: गजब का है नान घोटाला: घोटालेबाजों ने अपनाया बिहार के चारा घोटाले का फार्मूला: कैग की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बातें

Chhattisgarh NAN Scam: छत्तीसगढ़ के नाम घोटाले में बिहार चारा घोटाला का फार्मूला अपनाया गया है। कैग की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। खरीदी व संग्रहण केंद्रों से एंबुलेंस,बाइक व कार के जरिए धान का परिवहन करना बताया गया है। धान परिवहन के एवज में जो बिल लगाए गए और वाहन के नंबर दिए गए हैं वह भी कम चाैंकाने वाला नहीं है। छत्तीसगए़ के बिलासपुर और राजनादगांव जिले के संग्रहण केंद्रों से तो पानी के टैंकर से धान का परिवहन किया गया है।

Update: 2025-09-23 10:19 GMT

Chhattisgarh NAN Scam: बिलासपुर। क्या आप इस बात से वास्ता रखते हैं कि संग्रहण व खरीदी केंद्रों से एंबुलेंस,बाइक व लग्जरी कार से धान का परिवहन किया गया होगा। पर यह सच है। धान परिवहन के एवज में जो बिल जारी किया गया और सरकार के खजाने से राशि निकालकर भुगतान किया गया है, उसमें यह सब कहानी है। कैग की रिपोर्ट में यह सब चाैंकाने वाली बातें सामने आई है। बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर यहां धान परिवहन में घोटाला किया गया है। राजनादगांव और बिलासपुर जिले में तो और भी गजब हुआ है। इन दोनों जिलों के संग्रहण केंद्रों से पानी के टैंकर के जरिए धान का परिवहन किए जाने की जानकारी सामने आई है।

छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में चारा घोटाले का परिवहन फार्मूला अपनाया गया था। इससे संबंधित याचिकाओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई अब भी लंबित है। वर्ष 2011 से 2015 के बीच सरकारी खजाने की लूट से संबंधित इस मामले में कई पहलुओं पर जांच के दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के बाद संग्रहण केंद्रों से ट्रकों के बजाय मोटर साइकिल, कार, आटो, एंबुलेंस और बस से 191.60 टन धान का परिवहन करना बताया गया है।

कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की रिपोर्ट में इस गड़बड़ी का पता चला है। राजनादगांव और बिलासपुर जिले के संग्रहण केंद्रों में तो पानी के टैंकर से परिवहन किए जाने की जानकारी सामने आई है। बता दें, बिहार में 1996 में सामने आए चारा घोटाले में भी इसी तरह पशुओं के चारे का परिवहन हुआ था।

RTO ने दिए वाहनों के नंबर, तब उजागर हुआ फर्जीवाड़ा

नान घोटाला और मामले की CBI से जांच कराने की मांग को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में दायर छह जनहित याचिकाओं पर हर सप्ताह बुधवार और शुक्रवार को सुनवाई हो रही थी। हमर संगवारी संस्था की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील ने कैग के दस्तावेज पेश किए। आरोप है कि नान और मार्कफेड के अधिकारियों ने प्रदेश के संग्रहण केंद्रों से धान परिवहन में जमकर फर्जीवाड़ा किया है। धान परिवहन में प्रयुक्त भारी वाहनों के नंबर बाइक से लेकर एंबुलेंस, बस और पानी के टैंकर के निकले हैं। प्रदेश के जिलों के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से वाहनों के नंबर की जानकारी मांगी गई तब फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

बेमेतरा जिले में लग्जरी कार और बाइक से परिवहन

बेमेतरा जिले के संग्रहण और खरीदी केंद्रों से लग्जरी कार,बाइक और एंबुलेंस के जरिए धान का परिवहन किया गया है। आरटीओ ने जब वाहनों के नंबर के साथ वाहनों का खुलासा किया तब यह गड़बड़ी सामने आई। फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वालों ने जो मर्जी उसी वाहन का नंबर जारी किया और मनचाहे बिल बनाकर सरकारी खजाने से राशि भी ले ली। इस फर्जीवाड़ा के सामने आने के बाद परिवहनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस में मामला सौंपा गया। पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज किया।

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