छत्तीसगढ़ में चिरायु योजना बन रही वरदान, इस योजना से देश भर के अच्छे निजी अस्पतालों में कराया जाता है निःशुल्क इलाज...

चिरायु अंतर्गत अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पिटल चेन्नई में जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 2 वर्षीय अन्वी बाई, 9 वर्षीय अनंत नाायक, 9 वर्षीय कुमार नायक का सफल ईलाज किया गया..

Update: 2025-07-17 14:00 GMT

रायपुर। चिरायु योजना बच्चों के लिए वरदान बन गई है। खासकर ऐसे परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, जो दूसरे शहरों में जाकर किसी निजी अस्पताल में इलाज नहीं करा सकते। आदिवासी बाहुल्य जशपुर जहां विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग भी निवास करते हैं। यह योजना गरीब और जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रही है। दिल की बीमारी से जूझ रही पहाड़ी कोरवा अंजलि बाई, अंशिका, रितेश या इनके जैसे कई ऐसे बच्चे हैं जो दिल या किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे थे। चिरायु योजना ने उन्हें नवजीवन देने का काम किया हजशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड के जंगलों के बीच बसे एक छोटे से ग्राम सोनक्यारी में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार में जन्मी अंजली बाई। जिनका दिल की बीमारी का इलाज चिरायु योजना से किया गया है। छोटे छोटे काम कर घर का गुजारा चलाने वाले पिता नान्हू राम को जब पता चला की अंजली के दिल में छेद है तो उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था वह क्या करे। प्रारंभिक जांच मनोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होने के बाद चिरायु टीम के द्वारा उनका जांच किया गया। जिसमें पता चला कि अंजली के दिल में छेद है। अंजलि का रायपुर के एक बड़े निजी संस्थान में ले जाकर का उपचार किया गया। जहां सफल ऑपरेशन के बाद अंजली ठीक हो गयी।

इसी तहत जिले में कई गरीब परिवारों के बच्चे हैं जिनका सफल इलाज इस योजना के माध्यम से हुआ है। जिला मुख्यालय के पुरानीटोली निवासी सुदर्शन चौहान के पुत्र रितेश का निजी अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि उसके दिल में छेद है। निजी अस्पताल में इलाज कराना मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाले उनके पिता के लिए काफी मुश्किल था। फिर वे अपने बच्चे को जिला अस्पताल ले गए। जहां अस्पताल में डॉक्टरों के द्वारा चिरायु योजना की जानकारी दी गई और बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया, जहां ऑपरेशन और बेहतर इलाज के बाद आज बच्चा स्वस्थ है। इसी तरह विकासखण्ड कुनकुरी के ग्राम बेहराटोली के निवासी कृतिबाई और धनेश्वर यादव की पुत्री अंशिका की दिल की गंभीर बीमारी का प्रारंभिक इलाज रायपुर के मेडिकल कॉलेज, सत्यसाईं चिकित्सा संस्थान एवं भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कराने के बाद चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में अंशिका का दिल का ऑपरेशन किया गया। जिसमें कुल 14.50 लाख रुपयों का खर्च आया, जिसका वहन चिरायु योजना के अंतर्गत शासन द्वारा किया गया।

इसी प्रकार चिरायु अंतर्गत अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पिटल चेन्नई में जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 2 वर्षीय अन्वी बाई, 9 वर्षीय अनंत नाायक, 9 वर्षीय कुमार नायक का सफल ईलाज किया गया। इस योजना से जिला मुख्यालय स्थित चीरबगीचा निवासी नोवेल भगत, बीटीआई पारा के गर्वित सिंह का भी रायपुर के निजी अस्पताल में जन्मजात होंठ व तालू के विकृति का निःशुल्क सफल इलाज किया गया है।

उल्लेखनीय है कि चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों में जाकर बच्चों की संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच की जाती है। जांच के उपरांत 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति की जानकारी होने के बाद चिरायु योजना से बच्चों का इलाज कराया जाता है। आवश्यकता होने पर बच्चों को देश भर के अच्छे हॉस्पिटल में ले जाकर उपचार भी कराया जाता है।

सारंगढ़ बिलाईगढ़ पांच बच्चों का चिरायु योजना से हुआ सफल ऑपरेशन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु योजना जो आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में पढ़ते बच्चों का निःशुल्क जांच व चिन्हांकन पश्चात ईलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। यह योजना एक बार फिर बच्चों के लिए संजीवनी साबित हुई है। कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के निर्देशन व मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफआर निराला के मार्गदर्शन में जिले में चिरायु टीम संचालित है। अब स्कूल शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चला है। अतः पूरे स्कूलों के बच्चों का एक बार स्वास्थ्य जांच व आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों का दो बार स्वास्थ्य जांच किया जाना है। इसके बाद उन चिन्हित बच्चों को जरूरत के मुताबिक तत्काल इलाज व दवाई दिया जाता है और गम्भीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को रिफर किया जाता है। रिफर पश्चात उनका ईलाज हुआ या नही, यह सुनिश्चित भी चिरायु टीम करती है।


उल्लेखनीय है कि यह योजना बच्चों के सभी प्रकार के सामान्य, गम्भीर व दुर्लभ बीमारियों का ईलाज कराने में हरसम्भव मदद करती है। चिरायु टीम अपने स्क्रीनिंग के दौरान दिल मे छेद सुराख वाले बच्चों को चिन्हित कर उनके ऑपरेशन अपने राज्य में या अन्य राज्य में भी भेजकर निःशुल्क करवाने के प्रयास करती है। ऐसे ही जिले के बच्चे, सरिता विश्वकर्मा 10 वर्ष अमलीपाली (ब) सारंगढ़, नेहा निषाद 10 वर्ष छिंद सारंगढ़, गरिमा लहरे 5 वर्ष चुरेला सारंगढ़, दृष्टि बरेठ 4 वर्ष बरदुला सारंगढ़, आँचल सिदार 10 वर्ष भंवरपुर बरमकेला, इशिका बरिहा विक्रमपाली बरमकेला इन सभी बच्चों का सफल ऑपरेशन श्रीबालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रायपुर में निःशुल्क हुआ है। अब ये बच्चे कुशल व पहले से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार के सभी बच्चों के जांच, पहचान व चिन्हांकन में चिरायु टीम डॉक्टर्स की प्रमुख भूमिका है जो जमीनी स्तर पर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करती है।

कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के द्वारा टीम को पूरी तन्मयता के साथ समस्त बच्चों के जांच व ईलाज को सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही बच्चों के चिरायु कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफआर निराला का सीधा संबंध व संवाद रहता है, जिससे यह आसानी से जिले में संचालित हो रहा है।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों को मिल रहा नया जीवन

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु जरूरतमंद और कमजोर आय वर्ग के बच्चों के लिए वरदान बनकर सामने आया है। इस योजना के तहत जन्मजात और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है, जिससे न केवल बच्चों को नया जीवन मिल रहा है, बल्कि उनके परिवारों में भी खुशियों की वापसी हुई है।

स्वास्थ्य विभाग कोण्डागांव से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिरायु योजना के अंतर्गत कोंडागांव जिले के कुम्हारपारा निवासी पांच माह के रोनित कोर्राम और तहसीलपारा की चार माह की बच्ची का 15 जुलाई को रायपुर के निजी अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। दोनों बच्चे कटे-फटे होंठ की समस्या से पीड़ित थे। सर्जरी के बाद अब दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। बच्चों के परिजनों ने शासन को इस निःशुल्क इलाज सुविधा के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिले में चिरायु योजना के तहत अब तक कोंडागांव विकासखंड के 51 बच्चों की हृदय संबंधी सर्जरी की जा चुकी है। इसके अलावा टेढ़े-मेढ़े पैरों वाले 23 बच्चों, कटे-फटे होंठ से पीड़ित 22 बच्चों और जलने के कारण त्वचा चिपकने की समस्या से जूझ रहे 19 बच्चों का सफल इलाज किया गया है। केन्द्र एवं राज्य सरकार बच्चों के स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। चिरायु योजना के माध्यम से जहां एक ओर बच्चों को बेहतर इलाज मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके परिवारों को आर्थिक बोझ से राहत भी मिल रही है।


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