छत्तीसगढ़ का लाल मां भारती की रक्षा में हुआ शहीद, लाया गया पार्थिव शरीर, परिवार के तीन बेटों में अब एक भी नहीं रहे...

लेह–लद्दाख की बर्फीली वादियों में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम कौड़ियां निवासी उमेश साहू देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। आज उनका पार्थिव शरीर गृह ग्राम लाया गया। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी जाएगी।

Update: 2024-10-21 07:48 GMT

दुर्ग। छत्तीसगढ़ का एक बेटा लेह लद्दाख में मां भारती की सेवा करते हुए शहीद हो गया। शहीद होने से कुछ समय पहले ही उसने अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात की थी। करवा चौथ के ठीक एक दिन पहले ही जवान के शहीद होने से पत्नी के साथ ही दो बच्चों के सर से पिता का साया उठ गया। आज पार्थिव शरीर लेकर भारतीय सेना गृह ग्राम पहुंची। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दुर्ग जिले के उतई थाना क्षेत्र के ग्राम कौड़ियां निवासी आर्मी जवान उमेश साहू 19 महार रेजीमेंट में हवलदार के पद पर पदस्थ थे। 22 सितंबर 2009 को उन्होंने भारतीय थल सेना ज्वाइन की थी। सागर, जम्मू,अनंतनाग, हिमाचल प्रदेश, ग्वालियर, मध्य प्रदेश मेघालय में पोस्टेड रहने के बाद वर्तमान में जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख ने पोस्टेड थे। उनके परिवार में तीन भाई थे। उमेश मंझले थे। 2 साल पहले उनके बड़े भाई का निधन हुआ है और 4 साल पहले उन्होंने अपनी मां को भी खो दिया। बीते जून माह में उन्होंने भाई को भी खो दिया। अंतिम संस्कार करने के लिए वे आए थे। पर पिता की तबीयत बिगड़ने के चलते उन्होंने छुट्टी बढ़ा ली थी। 30 अगस्त को वे फिर से वापस जाकर ड्यूटी ज्वाइन किए थे।

उमेश साहू के परिवार में उनकी पत्नी दो बच्चे और उनके बुजुर्ग पिता ही थे। वे रोजाना वीडियो कॉल पर परिवार से बात करते थे। 19 अक्टूबर को भी उन्होंने परिवार से बात की थी। इसके बाद वे शहीद हो गए। उनके घर में पहले उनके घायल होने की सूचना भिजवाई गई। फिर शनिवार रात 9:00 बजे उनके शहीद होने की सूचना दी गई।

आज उनके पार्थिव शरीर को गृह ग्राम लाया गया। पूरे गांव के अलावा स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। सभी भारत माता की जयकारे लगाते हुए अपने लाल को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े हैं। वहीं जवान के शहीद होने से पूरा परिवार टूट गया है।

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