CG Winter News: शीतलहर और ठंड का प्रकोप: स्वास्थ्य विभाग ने जारी की अपील, यहां जानिए ठंड से बचने के उपाय
CG Winter News: भारत सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में ठंड को लेकर चेतावनी जारी की है। जिसके अनुक्रम में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देश पर शीतलहर और ठंड से बचने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न सुझाव जारी किए गए हैं।
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Thand Se Bachne Upay: रायपुर। भारत सरकार द्वारा सर्दियों के मौसम में कई प्रदेशों में शीतलहर एवं भारी ठंड की संभावना के संबंध में चेतावनी जारी की गई है, जिससे जन-धन की हानि की आशंका व्यक्त की गई है। इस स्थिति को देखते हुए संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं अटल नगर ने शीतलहर एवं ठंड से बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम नागरिकों से आग्रह किया गया है कि अत्यधिक ठंड के दौरान सावधानी अवश्य बरतें और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से सुरक्षित रहें।
शीत लहर के दौरान क्या करें -
मौसम की जानकारी और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देशों पर ध्यान दें और उसी के अनुसार आवश्यक सावधानियां अपनाएं। यथासंभव घर के अंदर रहें तथा यात्रा को सीमित रखें।
एक भारी कपड़े की बजाय ढीले-ढाले, हल्के, गर्म, ऊनी तथा वायुरोधक कपड़ों की कई परतें पहनें और तंग कपड़े पहनने से बचें।
शरीर को सूखा रखें तथा गीले कपड़े तुरंत बदलें। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढककर रखें, क्योंकि शरीर की अधिकतम गर्मी इन्हीं हिस्सों से बाहर निकलती है।
दस्तानों की बजाय मिट्टेन पहनें, टोपी, मफलर और ऊनी व वाटरप्रूफ जूते पहनें।
शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन, विटामिन-सी युक्त फल एवं गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
त्वचा को सूखने से बचाने के लिए तेल, वैसलीन या क्रीम से मॉइश्चराइज करें।
बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें तथा अकेले रहने वाले बुजुर्ग पड़ोसियों का हालचाल लेते रहें।
आवश्यक वस्तुओं तथा पानी का भंडारण करें और घर में ताप संरक्षण (इन्सुलेशन) की व्यवस्था करें।
फ्रॉस्टबाइट के लक्षणों पर विशेष ध्यान दें
उंगलियों, पैरों, नाक या कान पर सुन्नपन या त्वचा का सफेद/पीला दिखना फ्रॉस्टबाइट का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में प्रभावित हिस्से को गुनगुने (गरम नहीं) पानी में रखें।
हाइपोथर्मिया के लक्षण - तेज कंपकंपी, बोलने में कठिनाई, मांसपेशियों में अकड़न, नींद आने लगना व सांस कमजोर होना हाइपोथर्मिया के गंभीर संकेत हैं। ऐसी स्थिति को चिकित्सकीय आपातकाल मानते हुए तुरंत डॉक्टर की सहायता लें।
सर्दी, नाक बहना या बंद होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना भी आवश्यक है। प्राथमिक उपचार की जानकारी के लिए एनडीएमए की मोबाइल ऐप फर्स्ट एड फॉर स्टूडेंट एण्ड टीचर्स डाउनलोड करना उपयोगी रहेगा। पालतू पशुओं एवं मवेशियों को भी ठंड से सुरक्षित रखने की व्यवस्था करें।
क्या न करें
ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें।
शराब का सेवन न करें, यह शरीर का तापमान घटाती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ाती है।
फ्रॉस्टबाइट वाले हिस्से की मालिश न करें तथा पूरी तरह सचेत न होने पर मरीज को कोई तरल पदार्थ न दें।
आग या हीटर को कभी भी बिना निगरानी के न छोड़ें और बंद कमरों में लकड़ी, कोयला या मोमबत्ती न जलाएं, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि शीतलहर के दौरान पूर्ण सतर्कता बरतें और जरूरत पड़ने पर समय पर चिकित्सा सुविधा प्राप्त करें, क्योंकि सतर्कता ही सुरक्षा है।