CG Transfer: रसूखदार 60 अधिकारियों, कर्मचारियों का दोपहर ट्रांसफर, शाम को रिलीव और नई ज्वाईनिंग, हाई कोर्ट में केवियेट दायर

छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के ऐसे रजिस्ट्री अधिकारियों, कर्मचारियों को एक झटके में ट्रांसफर कर दिया, जिन्हें हिलाने के बारे में कोई सोच नहीं सकता था। इनमें से अधिकांश को भूमाफियाओं, बिल्डरों, राजनेताओं और नौकरशाहों का संरक्षण प्राप्त था। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ, जब अफसर से लेकर बाबू तक बदल दिए गए हों।

Update: 2024-09-13 14:51 GMT

CG Transfer रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के मामले में राजस्व के बाद कोई सबसे चर्चित विभाग है, तो वह है रजिस्ट्री विभाग। मध्यप्रदेश के जमाने में ऐसा नहीं था। नवंबर 2000 में अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में जमीनों का रेट हवाई जहाज के टेकऑफ की तरह बढ़ा। जमीनों के कारोबार में भूमाफियाओं के साथ ही राजनेताओं और नौकरशाहों की दिलचस्पी बढ़ी। राजनेताओं और नौकरशाहों के पैसे से छत्तीसगढ़ का रियल इस्टेट इतना फलने-फूलने लगा कि रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की लाटरी निकल गई।

बेहद रसूखदार मुलाजिम

चूकि बड़े लोगों के दो नंबर के काम रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी बखूबी करते हैं इसलिए उनकी पहुंच का अंदाज लगाया जा सकता है। आलम यह है कि रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों का ट्रांसफर होते ही बड़े लोगों का फोन घनघनाने लगता था। रजिस्ट्री अधिकारियों का ट्रांसफर रुकवाने के लिए भूमाफिया और बिल्डर पैसे लेकर खड़े रहते थे। क्योंकि, उनके काले कारोबार में रजिस्ट्र्री अधिकारियों की अहम भूमिका होती थी। इनके जरिये करोड़ों की मनी लॉड्रिंग हो रही थी।

पंजीयन विभाग की फुलप्रूफ प्लान

लगता है, पंजीयन विभाग को पता था कि ट्रांसफर के बाद प्रेशर आएगा। इसलिए प्लान-वे में तबादलों को अंजाम दिया गया। खासकर, कुल राजस्व का 60 प्रतिशत से अधिक राशि रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिले से आता है। सबसे अधिक माफिया राज इन्हीं तीनों जिलों में चल रहा था। इन तीनों जिलों के लोग बेहद ताकतवर भी थे। लिहाजा, पंजीयन विभाग ने हाई कोर्ट में पहले से केवियेट लगा दिया था। ताकि, सरकार का पक्ष सुने बिना कोई फैसला न हो। जाहिर है, आजकल ट्रांसफर होते ही लोग हाई कोर्ट दौड़ जाते हैं। ट्रांसफर का दिन भी शुक्रवार चुना गया। ताकि, शनिवार, रविवार अवकाश रहता है। अब तो सरकार ने सोमवार की भी छुट्टी का ऐलान कर दिया है। सो, कोर्ट नहीं जा पाएगा कोई भी अधिकारी, कर्मचारी।

ट्रांसफर के साथ रिलीव का आदेश भी

पंजीयन विभाग के अफसरों ने ट्रांसफर के साथ आज शाम तक सबको रिलीव करने का आदेश जारी कर दिया था। और शाम को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया गया। उधर, रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में कई अधिकारियों ने आकर ज्वाईन भी कर लिया। याने ट्रांसफर के खिलाफ जोर-जुगाड़ या राहत लेने की कोई गुंजाइश छोड़ी नहीं गई।

ऐतिहासिक ट्रांसफर

पंजीयन विभाग के 60 अधिकारियों, कर्मचारियों के ट्रांसफर को ऐतिहासिक इसलिए कहा जा रहा है कि इससे पहले पूरा स्टाफ कभी नहीं बदला गया। एक रजिस्ट्री से एकाध का ही ट्रांसफर होता था। मगर इस बार रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में सर्जरी कर पूरी टीम बदल दी गई।

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