CG Teacher Posting News: पोस्टिंग में संशोधन का बड़ा खेल: स्कूल शिक्षा विभाग ने अपना ही आदेश पलट 20 शिक्षकों का कर दिया पोस्टिंग चेंज
CG Teacher Posting News: पिछली सरकार संशोधन मामले में ही हुई थी बदनाम. इस में भी स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का वही खेल जारी. इस बार तो पढ़ास्थापना में संभाग ही बदल दिया गया. नीचे देखिये पोस्टिंग आदेश...

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में संशोधन का खेल जारी है... इस बार संशोधन उन शिक्षकों की पदस्थापना में हुआ है जिन शिक्षकों की नियुक्ति बी.एड शिक्षकों को हटाकर की गई थी। यानी यह वह डी.एड डिग्रीधारी शिक्षक हैं, जिन्हें कोर्ट के आदेश के परिपालन में नियुक्त किया गया था। जब इन्हें नियुक्ति दी गई तब यह प्रावधान बनाया गया था कि जिस क्रम में शिक्षक हटाए गए हैं उसी क्रम से वेटिंग लिस्ट से मेरिट क्रम के अनुसार पदस्थापना दी जाएगी लेकिन अब उन नियमों को बाकायदा शिथिल करते हुए शिक्षकों की पदस्थापना में परिवर्तन कर दिया गया है।
पदस्थापना में सीधे हो गया संभाग में ही परिवर्तन
पदस्थापना संशोधन भी कुछ इस अंदाज में हुआ है की देखकर आप हैरान रह जाएंगे जिस शिक्षक को बस्तर संभाग के कोंडागांव में पदस्थ किया गया था उसी शिक्षक को अब सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में पदस्थ कर दिया गया है। जिसे कोंडागांव में पदस्थ किया गया था उसे जशपुर में पदस्थ कर दिया गया है। अभी हमारे हाथ जो आदेश लगा है। उसके अनुसार 20 शिक्षकों के पदस्थापना आदेश में परिवर्तन किया गया है जो की हैरान कर देने वाला है।
पदोन्नति संशोधन मामले में हुई थी पिछले सरकार की किरकिरी
संशोधन का मामला इससे पहले पिछली सरकार में चार जेड समेत दर्जन भर अधिकारी कर्मचारियों की बलि ले चुका है और उस समय संशोधन का मामला जब सामने आया तो सीधे तौर पर कांग्रेस के ही नेताओं ने इसे लेकर मोर्चा खोल दिया विशेष तौर पर पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और इस मामले की जांच की मांग की इसके बाद मामले में यह साबित हुआ की पदोन्नति में संशोधन करना नियम विरुद्ध था जिसके बाद 4 जेडी को एक साथ निलंबित किया गया था और साथ ही संशोधन मामले में शामिल अन्य कर्मचारियों अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था जिनकी बहाली बड़ी मुश्किल से हुई मामला कोर्ट तक पहुंचा था और इस मामले में सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी । एक बार फिर नियुक्ति के बाद संशोधन किया जा रहा है जो की पूरी तरह गलत है क्योंकि चंद शिक्षकों को इस प्रकार का लाभ देना वह भी नियमों को शिथिल करके यह बताता है कि यह लाभ केवल और केवल चुनिंदा शिक्षकों को दिया जा रहा है । क्योंकि एक तरफ जहां बिना काउंसलिंग के सहायक शिक्षकों को पदस्थापना दी गई वहीं दूसरी तरफ अब शिक्षकों के आदेश में संशोधन किया जा रहा है वह भी तक जब मामला स्वयं कोर्ट में है।


