CG Teacher News: शिक्षक पर लगा अभद्र व्यवहार और गाली गलौज का आरोप, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीण नाराज

CG Teacher News: शिक्षक पर छात्र-छात्राओं से गाली गलौज और प्रधान पाठक से अभद्रता का आरोप है। शिकायत पर संकुल समन्वयक से जांच करवाई गई। मामला प्रमाणित पाए जाने के बाद भी सिर्फ दोषी शिक्षक को नोटिस जारी किया गया है। वही कार्यवाही नहीं होने पर ग्रामीणों में नाराजगी है।

Update: 2025-10-08 07:27 GMT

CG Teacher News: सक्ती। सक्ती जिले के मालखरौदा ब्लाक के शासकीय मिडिल स्कूल करिगांव के एक शिक्षक भूपेंद्र कुमार चंद्रा पर छात्रों व हेडमास्टर पर अभद्रता का आरोप लगा है। शिक्षक छात्र-छात्राओं के साथ गाली गलौज करने के अलावा प्रधान पाठक से भी अभद्रता करते है। शिकायत पर उन्हें केवल नोटिस जारी किया गया है, कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसके चलते शिक्षक के हौसले बुलंद है। वही कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है।

पूरा मामला सक्ती जिले के मालखरौदा ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला करिगांव का है। यहां पदस्थ शिक्षक भूपेंद्र कुमार चंद्रा के खिलाफ अभद्रता का आरोप है। मामले की शिकायत पर बीईओ ने शिक्षक को नोटिस जारी किया था, लेकिन शिक्षक ने नोटिस का क्या जवाब दिया यह अधर में है। ग्रामीणों ने शिक्षक के जवाब को सार्वजनिक करने की मांग की है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक ने शिक्षा अधिकारियों को सेटलमेंट कर मामले को दबा दिया। इसके चलते शिक्षक के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में बीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मिडिल स्कूल करिगांव में पदस्थ शिक्षक भूपेंद्र चंद्रा द्वारा छात्र-छात्राओं से अभद्र व्यवहार किया जाता है। यहां तक कि हेडमास्टर को भी वह हल्के में लेता है।

मामले की शिकायत पर संकुल प्रभारी बंदोरा से उक्त स्कूल का निरीक्षण किया। जिसमें पाया कि शिक्षक भूपेंद्र बच्चों को गाली गलौच करता है। इससे उसके चरित्र दोष को प्रदर्शित करता है।

हेडमास्टर से भी करता है दुर्व्यवहार

16 सितंबर को भी हेडमास्टर से अभद्रता की गई थी। इसकी शिकायत हेडमास्टर द्वारा की गई थी। इससे साफ जाहिर होता है कि शिक्षक द्वारा पदीय दायित्वों के प्रतिकूल एवं कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती है। इससे सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के विपरीत है। इससे शिक्षक के प्रति अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव बीईओ कार्यालय में भेजा गया। वहीं शिक्षक को दो दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया, लेकिन शिक्षक ने संतोषप्रद जवाब दिया या नहीं उनकी फाइल बीईओ में ही दबा दी गई। कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीण नाराज है।

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