CG School Education: वेतन 56 हजार, सेलरी एक लाख से अधिक, CM ने दो असिस्टेंट डायरेक्टरों की सेवावृद्धि रोकी, गजबे हाल...कई संविदा कर्मी 80 परसेंट DA उठा रहे...

CG School Education: मुख्यमंत्री ने राज्य साक्षरता मिशन के दो असिस्टेंट डायरेक्टरों की सेवावृद्धि रोकी है। वित्तीय अनियमितता को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग दोनों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। दोनों सहायक संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने वित्त विभाग के नियमों को धता बताते हुए कई तरह के भत्ते निकाल अपनी सेलरी दुगुना कर लिया बल्कि साक्षरता के आंकड़े भी मेंटेन नहीं किए। नीचे देखिए, मुख्यमंत्री का सेवा समाप्ति आदेश....

Update: 2025-09-18 06:22 GMT

CG School Education: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य साक्षरता मिशन के दो सहायक संचालकों की सेवा समाप्त कर दी है। दोनों के खिलाफ अनियमितता समेत कई शिकायतें थीं। मुख्यमंत्री के पास इन दोनों की सेवावृद्धि की नोटशीट गई तो उन्होंने सर्विस कन्टीन्यू करने से इंकार कर दिया। साक्षरता मिशन के डायरेक्टर ने मुख्यमंत्री के निर्देश का हवाला देते हुए दोनों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

बता दें, दोनों अधिकारियों की सेवावृद्धि की फाइल जब आगे बढ़ी, उस समय मुख्यमंत्री स्कूल शि़क्षा विभाग के भारसाधक मंत्री थे। उस समय तीन नए मंत्रियों की शपथ नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री के यहां से अभी फाइल लौटी तो पता चला कि दोनों सहायक संचालकों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

बताते हैं, प्रशांत पाण्डेय और दिनेश कुमार टांक लंबे समय से संविदा पर राज्य साक्षरता मिशन में सहायक संचालक के पद पर कार्य कर रहे थे। दोनों के खिलाफ गंभीर अनियमितता के साथ ही कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायतें मिल रही थीं। अफसरों का कहना है कि संविदा में किसी तरह के भत्ता की पात्रता नहीं होती। इसमें निश्चित वेतनमान मिलता है। मगर दोनों सहायक संचालकों ने डीए समेत कई तरह के भत्ते से अपना वेतन लगभग दुगुना बढ़ा लिया था। दोनों को कायदे से 56 हजार एकमुश्त वेतन मिलना चाहिए था। मगर बताते हैं, वे प्रति महीने एक लाख से अधिक वेतन आहरित कर रहे थे।

पता चला है, साक्षरता मिशन के अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री होते हैं। मंत्रियों को नियम-कायदे की डिटेल जानकारी नहीं होती थी। साक्षरता मिशन जैसे स्कूल शिक्षा विभाग में संविदा में पोस्टेड अनेक अधिकारियों, कर्मचारियों ने मंत्रियों से नोटशीट पर दस्तखत करा 80 परसेंट तक महंगाई भत्ता उठा रहे हैं। कई अधिकारी नाश्ता भत्ता, मोबाइल भत्ता तक ले रहे हैं। जबकि, वित्त विभाग के संविदा कर्मियों के नियमों के ये खिलाफ है। मोबाइल भत्ता तो रेगुलर अधिकारियों, कर्मचारियों को भी नहीं मिलता।

महंगाई भत्ता भी हाल में बढ़कर 55 परसेंट हुआ है। मगर स्कूल शिक्षा विभाग के कई बोर्ड और निगमों में अधिकारी 80 परसेंट तक महंगाई भत्ता ले रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि लिस्टिंग की जा रही है कि और कितने संविदा अधिकारी, कर्मचारी इस तरह के नियम विरूद्ध भत्ते ले रहे हैं। अफसरों ने कहा है कि दोनों सहायक संचालकों के खिलाफ पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

उधर, प्रशांत पाण्डेय का कहना है यह खबर निराधार एवं आसत्य है यह केवल हमें मानसिक प्रताड़ना व यातना देने बदनाम करने की साजिश है। हमारे ऊपर कोई आरोप नहीं है न हीं कोई शिकायत है। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को राष्ट्रपति द्वारा दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार व प्रदेश को 25 बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। मुख्यमंत्री के समक्ष मनगढ़ंत कारण बताकर सेवा वृद्धि नहीं दी गई है। गत 8 सितंबर 2024 के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों की सराहना की थी जिसकी वीडियो क्लिपिंग उपलब्ध है, जिसके लिए हमने पुनर्विचार हेतु आवेदन किया है। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को वेतन परिलब्धियां निर्धारित करने का अधिकार है, द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के समय हमारे वेतन में वृद्धि की गई थी।

बहरहाल, स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

देखिए छत्तीसगढ़ राज्य साक्षरता मिशन के दो सहायक संचालकों की बर्खास्तगी आदेश...



 


Tags:    

Similar News