CG Scam News: सत्ता का तांत्रिक, ठेका घोटाले में फरार KK श्रीवास्तव पर हाई कोर्ट की सख्ती, जमानत याचिका खारिज
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान बिलासपुर वाले केके श्रीवास्तव का धाक कुछ ऐसा था कि उन्होने अपनी मनमर्जी चलाई तब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिलासपुर उसलापुर के उनके निवास में महीने में दो फेरे जरुर लगाया करते थे। आध्यात्म से लेकर KK तंत्र-मंत्र और सरगांव के पास अनुरागीधाम में उनके आध्यात्म की चर्चा भी जोर-शोर से उड़ी। इसी सबका फायदा उठाकर ठेके के नाम पर फ्रॉड किया। फरारी में हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की तब चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी की थी। पढ़िए चीफ जस्टिस ने क्या कहते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
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CG Scam News: रायपुर। तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के बंगले में सीधी पहुंच, बिना रोक टोक के सीएम हाउस में एंट्री यह सब अफसरों ने करीब से देखा था। इसी सबका फायदा उठाते हुए ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी और 500 करोड़ के घोटाले में जब जांच एजेंसियों ने केके श्रीवास्तव पर शिकंजा कसा तब फरारी में हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के कोर्ट में हुई। चीफ जस्टिस की तब नाराजगी और तल्खी दोनों साथ-साथ सामने आई। जमानत याचिका को खारिज करने से पहले चीफ जस्टिस ने तल्खी के साथ कहा, इट इज अ ह्यूज फ्रॉड!
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान सबसे ज्यादा लाइम लाइट में रहने वालों में बिलासपुर वाले केके श्रीवास्तव का नाम टॉप पर था। पूर्व सीएम के बेहद करीबियों को छोड़िए खास में उनकी गिनती होती थी। इसी का फायदा उठाकर श्रीवास्तव ने जमकर खेला किया। धोखाधड़ी के आरोप में रायपुर पुलिस ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया। जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर चले गए। फरारी में अपने अधिवक्ता के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई थी। सुनवाई के दौरान सीजे की तल्खी और नाराजगी दोनों सामने आई। सीजे ने यहां तक कह दिया यह तो बहुत बड़ा फ्रॉड है।
धोखाधड़ी के आरोप में फरारी काट रहे केके श्रीवास्तव ने अग्रिम जमानत याचिका पर केके श्रीवास्तव की ओर से पैरवी करने के लिए कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मुरलीधरन छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सीजे ने जब इस तरह की टिप्पणी की तब मुरलीधरन ने कहा कि वो दूसरा मामला था।
पुलिस की कार्रवाई के बाद भूमिगत हो गए थे श्रीवास्तव-
करोड़ों की ठगी मामले में फरारी काट रहे पूर्व सीएम के करीबी के.के श्रीवास्तव की खोज में तब रायपुर पुलिस ने बिलासपुर में छापेमारी की थी। टीम ने अज्ञेय नगर स्थित उनके घर पर छापा मारा, लेकिन श्रीवास्तव वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने लगभग 30 मिनट तक परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और इसके बाद रायपुर लौट गई थी। फरारी के दौरान रायपुर पुलिस ने कई बार बिलासपुर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की थी।
कांग्रेस शासनकाल में उतरा फ्लाई ऐश के धंधे में-
कांग्रेस शासनकाल के दौरान ही केके श्रीवास्तव ने ब्लैक स्मिथ कंपनी बनाई। इसके जरिए फ्लाई ऐश के धंधे में उतरा। कोरबा से लेकर रायगढ़ और सीपत एनटीपीसी पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश के परिवहन में एकाधिकार कर लिया। उस दौर में चर्चा भी इस बात की खूब रही कि कोरबा जिले में उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप भी खूब हुआ करता था।
चिरमिरी से रतनपुर आया और साडा का सीईओ बन गया, यही से शुरू हुआ करप्शन का खेल-
केके श्रीवास्तव मूलतः चिरमिरी के रहने वाले हैं। वर्ष 1994-95 में रतनपुर साडा का सीईओ रहते भ्रष्टाचार के केस में निलंबित और बर्खास्त होकर जेल गया। नौकरी चली गई थी। सो जेल से छूटने के बाद कोरबा के सबसे बड़े औद्योगिक घराने से जुड़ा। अभी भी उसी कंपनी के लिए काम करता रहा। कांग्रेस शासनकाल में नहर निर्माण से लेकर सड़क का ठेका भी लेता रहा। जल संसाधन विभाग ने उनके रिश्तेदार ऊंचे ओहदे पर काम कर रहे थे। पूर्व सीएम से सीधे ताल्लुकात और रिश्तेदार के जल संसाधन विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर होने का भी फायदा मिला।
कोल लेवी, ED की छापेमारी भी
केके श्रीवास्तव के यहां ईडी भी दबिश दे चुकी है। कोयला में लेवी वसूली के मामले की जांच कर रही ईडी ने जांच की थी। श्रीवास्तव कोयला और राख परिवहन से जुड़े हैं। ईडी की टीम उनके बिलासपुर आवास और कोरबा में कार्यालय में 28 मार्च को पहुंची थी।