CG Principal Promotion: अपनों को बचाने प्राचार्य प्रमोशन की काउंसलिंग सूची में फेरबदल! फाइनल सूची के बाद खड़े हुए कई सवाल

CG Principal Promotion: प्रदेश में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर आज से काउंसलिंग शुरू होने जा रही है। लेकिन काउंसलिंग से ठीक पहले जारी हुई सूची को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

Update: 2025-11-21 04:11 GMT

CG Principal Pramotion: रायपुर। प्रदेश में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर आज से काउंसलिंग शुरू होने जा रही है। लेकिन काउंसलिंग से ठीक पहले जारी हुई सूची को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग ने जो नियमावली खुद तैयार किया है उसका पालन न होने के आरोप लग रहे हैं।

दरअसल विभाग ने टी संवर्ग की काउंसलिंग के समय ही पदोन्नति से जुड़े नियमों की संक्षेपिका जारी की थी जिसमें इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख है की शैक्षणिक संस्थानों जैसे एससीईआरटी और डाइट में पदस्थ व्याख्याता को उसी संस्था में प्राचार्य या सहायक संचालक के रूप में पदस्थ कर दिया जाएगा और यही वजह है कि अभी जारी काउंसलिंग सूची में भी रिक्त पदों में पूरे प्रदेश भर के शैक्षणिक संस्थान जैसे डाईट, एससीईआरटी और उन्नत शिक्षा संस्थान के पदों को रिक्त पदों में समाहित किया गया है और वहां पर व्याख्याता प्राचार्य/सहायक संचालक बनकर जा सकते हैं किंतु समग्र शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इत्यादि में अधिकारी बनकर बैठे व्याख्याताओ को उसी संस्था में पदस्थापना देने का कोई प्रावधान नहीं है यानी उन व्याख्याता को प्राचार्य बनाकर अन्य शैक्षणिक संस्था में जाना होगा ।

समग्र शिक्षा के एक व्याख्याता को मिला अभयदान!

इसी नियम का पालन होता हुआ अब दिखाई नहीं दे रहा है। राज्य ने 30 अप्रैल को जो पदोन्नति सूची जारी की थी उसमें 470 नंबर पर अजय कुमार देशपांडे का नाम था और वही 733 नंबर पर संजय शर्मा का नाम था और दोनों ही समग्र शिक्षा राज्य कार्यालय में पदस्थ है। इसके बाद 14 नवंबर को जो काउंसलिंग सूची जारी हुई उसमें 755 नंबर पर अजय देशपांडे का नाम था और वही 848 नंबर पर संजय शर्मा का नाम था यानी दोनों को ही काउंसलिंग में शामिल होना था। किंतु अब जो फाइनल सूची जारी हुई है उसमें आश्चर्यजनक रूप से संजय शर्मा का नाम गायब है जबकि अजय कुमार देशपांडे का नाम 745 नंबर पर विद्यमान है।

गौरतलब है कि अजय कुमार देशपांडे उम्र और वरिष्ठता दोनों के आधार पर संजय शर्मा से वरिष्ठ है साथ ही नियमों पर ध्यान दिया जाए तो समग्र शिक्षा कार्यालय में कार्यरत होने के कारण किसी भी स्थिति में दोनों में से किसी को भी समग्र शिक्षा कार्यालय में ही पदस्थापना देकर नहीं बचाया जा सकता था। पर संजय शर्मा का नाम फाइनल काउंसलिंग सूची से जिस प्रकार गायब हुआ है वह कई सवाल खड़े कर रहा है की क्या विभाग अपने ही नियमों को ताक पर रखकर कुछ लोगों को बचाने की फिराक में है। शिक्षकों के ग्रुप में इन चीजों को लेकर लगातार चर्चाएं भी हो रही है की कही आनन फानन में हो रही काउंसलिंग में मानवीय त्रुटि बताकर अपनों को बचाने का खेल तो नहीं किया जा रहा, पहली नजर में तो ऐसा ही लग रहा है अब देखना होगा कि मामला सामने आने के बाद विभाग इस पर क्या फैसला लेता है।





बता दें, लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई द्वारा जारी आदेश के महत पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना हेतु आज से काउंसलिंग शुरू हो गई है। 21.नवम्बर .2025 से 24.नवम्बर .2025 तक प्रतिदिन शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर, शंकर नगर रायपुर में आयोजित की गई है। उपरोक्त काउंसलिंग में प्रतिदिन 300 पदोन्नत प्राचार्यों (ई-संवर्ग) को आमंत्रित किया गया है। प्रतिदिन काउंसिलिंग स्थल पर उपस्थित रहकर काउंसिलिंग की प्रक्रिया का पालन करते हुए काउंसिलिंग का कार्य सुचारू रूप से संचालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे।

काउंसलिंग के दौरान पदोन्नत प्राचार्यों को साथ ले जाना होगा ये दस्तावेज

डीपीआई द्वारा जब भी काउंसलिंग की तिथि जारी की जाएगी तब सभी पदोन्नत प्राचार्यों को इन जरूरी दस्तावेजो के साथ उपस्थित होना अनिवार्य रहेगा।

वर्तमान संस्था में कार्यरत होने एवं मूल पदस्थापना की जानकारी संबंधी प्रमाण पत्र संस्था प्रमुख से प्रमाणित कर लाना होगा। पहचान सुनिश्चित करने हेतु शासन द्वारा मान्य फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से कोई एक अनिवार्य रूप से लाना होगा।

. यदि पदोन्नत प्राचार्य दिव्यांग है तो उसे दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। प्रमाण पत्र पेश ना करने की स्थिति उनको सामान्य अभ्यर्थी मानते हुए पदस्थापना दी जाएगी।

. ई संवर्ग के पदोन्नत प्राचार्य द्वारा टी संवर्ग की संस्था का चयन मान्य नहीं होगा।

. कांउसिंलिंग में उपस्थित नहीं होने वाले तथा काउंसिलिंग में उपस्थित होने पर भी स्थान का चयन करने से इंकार करने वाले पदोन्नत प्राचार्य को आबंटन उपरांत शेष बचे रिक्त पद पर पदस्थापना की जायेगी।


 


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