CG Political News: विष्णुदेव कैबिनेट में अजा वर्ग के दो मंत्री, अनुसूचित वर्ग के बीच पैठ बनाने की दिख रही कोशिशें

CG Political News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव कैबिनेट में हरियाणा पैटर्न पर अब 14 मंत्री हो गए हैं। डेढ़ साल बाद ही सही सीएम साय की कैबिनेट अब पूरी हो गई है। तीन नए मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली है। तीनों पहली बार के विधायक हैं। तीन नए मंत्रियों के चयन में दिल्ली और प्रदेश भाजपा के रणनीतिकारों ने जातिगत समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण पर फोकस किया है। अनुसूचित वर्ग के लोगों के बीच पैठ बनाने के लिए भाजपा ने आरंग के विधायक गुरु खुशवंत सिंह को मंत्री बनाया है। वर्ष 2018 और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणाम और अनुसूचित वर्ग के रुझान और झुकाव से यह साफ हो गया है कि इस वर्ग के बीच भाजपा को अभी और मशक्कत करनी पड़ेगी। गुरु खुशवंत साहेब को मंत्रिमंडल में अवसर देने के पीछे भाजपा की अहम रणनीतिक फैसला माना जा रहा है।

Update: 2025-08-20 06:42 GMT

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का आज दूसरा और अंतिम विस्तार हो गया है। हरियाणा पैटर्न मंत्री का एक कोटा और मिल गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद छठवीं विधानसभा में एक मंत्री की संख्या बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ को अब हरियाणा पैटर्न पर एक मंत्री ज्यादा ही मिला करेंगे। सीएम साय का कैबिनेट अब पूरा हो गया है। आज जिन नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, उनके नाम के पीछे रणनीतिकारों को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। विधायकों के नाम मंत्री के रूप में चयन करने के पीछे जाति और क्षेत्रीय समीकरण को साधने का काम दिल्ली से लेकर प्रदेश भाजपा ने जोरशोर से किया है। नए मंत्रियों के चयन में पूरी तरह सोशल इंजीनियरिंग नजर आ रहा है। मौजूदा विस्तार में वर्ष 2018 के चुनाव परिणाम को भी सामने रखा गया है। कुछ इस तरह सोशल इंजीनियरिंग और क्षेत्रीय राजनीति को सामने रखकर तीन नामों को आगे लाया गया है।

जिन तीन नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, उनमें पूरी तरह जातिवादी सियासत को सामने रखा गया है। एक सामान्य वर्ग से एक ओबीसी व एक विधायक अनुसूचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा के रणनीतिकारों का पूरा फोकस अनुसूचित जाति वर्ग को साधने पर दिखाई दे रहा है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में एससी वर्ग के 10 सीटों में से भाजपा को मात्र दो सीटें ही मिल पाई थी। ये सीटें बिलासपुर और मुंगेली जिले की ही थी। अविभाजित बिलासपुर जिले की मुंगेली और मस्तूरी विधानसभा से ही भाजपा जीत पाई थी। इस चुनाव परिणाम पर चर्चा करें तो छत्तीसगढ़ के शेष आठ विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ दिया था। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति बेहतर रही है। दो सीटों का इजाफा हुआ। दो से बढ़कर अजा वर्ग के विधायकों की संख्या चार हो गई है। पांच साला के अंतराल में कांग्रेस को अजा वर्ग की सीटों के नजरिए से दो सीटों का नुकसान उठाना पड़ा तो भाजपा को दो सीटों का फायदा हुआ है। नफा नुकसान के इस खेल में मस्तूरी की सीट गंवानी पड़ी।

पांच साल के अंतराल में अजा वर्ग के मतदाताओं का रुझान जिस तरह एक सीट से उठकर दूसरी सीट पर गया और फिर शेष सीटों पर स्थिति वैसी ही रही,इसे लेकर भाजपाई रणनीतिकारों का चिंतित होना भी स्वाभाविक है। खासकर इस वर्ग के भाजपा के कद्दावर नेताओं और रणनीतिकरों की रणनीति हर बार कहीं ना कहीं फेल हो ही जा रही है। इस वर्ग के बीच अच्छी खासी पैठ बनाने की मशक्कत अब दिखाई देने लगी है।

वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में अजा वर्ग की सीटों पर ये है भाजपा व कांग्रेस की स्थिति

भाजपा: पुन्नूलाल मोहले मुंगेली, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा बालोद, दयालदास बघेल नवागढ़, खुशवंत साहेब आरंग।

कांग्रेस- उत्तरी जांगड़े सारंगढ बिलाईगढ़,दिलीप लहरिया मस्तूरी,शेषराज हरबंश पामगढ़,चातुरीनंद सरायपाली,कविता प्राण लहरे बिलाईगढ़,हर्षिता स्वामी बघेल डोंगरगढ़।

2018 विधानसभा में ऐसी रही स्थिति

कांग्रेस: उत्तरी जांगड़े सारंगढ़,इंदू बंजारे पामगढ़,किस्मतलाल नंद सराईपाली, चंद्रदेव प्रसाद राय बिलाईगढ़, आरंग शिव डहिरया,अहिरवारा गुरु रुद्र कुमार,नवागढ गुरुदयाल बंजारे,डोंगरगढ़ भुवनेश्वर शोभा राम बघेल।

भाजपा: पुन्नूलाल मोहले मुंगेली, डॉ कृष्णमूर्ति बांधी,


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