CG PM Awas: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास से लोगों के अपना घर का सपना हो रहा साकार, जशपुर के मणिभूषण मिंज को मिला पक्का मकान, खुशी का ठिकाना नहीं

CG PM Awas: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना कर रहा लोगों के सपने साकार। पीएम जन मन आवापक्का मकान मिलने से जीवन में आ रहा बदलाव। जशपुर के मणिभूषण मिंज अपने परिवार के साथ खुद के पक्के मकान में खुशहाल जीवन कर रहे व्यतीत।

Update: 2025-08-22 16:00 GMT

CG PM Awas: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में लोगों के पक्के मकान बनाने के सपने साकार हो रहे हैं। चेहरे में खुशी जीवन में सुकून देखने को मिल रहा है। साय के सुशासन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।

जशपुर जिले में आर्थिक रूप से कमजोर विशेषकर गरीब परिवारों को पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है और उनके पारिवारिक जीवन में बदलाव आ रहा है।

दूरस्थ अंचलों में निवासरत बाहुल्य वाले इलाकों के लोगों तक योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर विकासखण्ड क्षेत्र में निवासरत् ग्राम बाधरकोना निवास मणिभूषण मिंज को वर्ष 2024 - 2025 में आवास योजना लाभ जिला प्रशासन के प्रयासों से मिला है। खुद के पक्के मकान में अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद भी दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि योजना से पक्का मकान बन जाने से कई परेशानियों से छुटकारा मिल गया है। बारिश में छत से पानी टपकने या गीले दीवारों की चिंता भी दूर हुई। साथ ही सांप बिच्छुओं का भी डर नहीं रहा। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

स्वावलंबी बन रही हैं दीदियां

बालोद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत स्वीकृत आवासों के निर्माण में बिहान की दीदियां अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है, जिससे आवास निर्माण कार्य में अच्छी गति देखने को मिली है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत जिले में अब तक कुल 53 हजार 621 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए है जिसमें से 38 हजार 986 पूर्ण हो चुके है। वर्ष 2024-25 में 18 हजार 245 आवास स्वीकृत किया गया, जिसमें से 07 हजार 733 पूर्ण हो चुके हैं। इन आवासों के समय-सीमा एवं गुणवत्ता युक्त निर्माण हेतु जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’बिहान’ के माध्यम से इन आवासों को अभिसरित किया गया है। उल्लेखनीय है कि बिहान के माध्यम से स्व-सहायता समूहों को बैंक से सुलभ एवं किफायती दर पर ऋण प्राप्त होता है जिले में स्वीकृत आवासों में से 47 हजार 112 परिवार के सदस्य बिहान से जुड़े हैं। आवास निर्माण हेतु शासन द्वारा निर्धारित अनुदान राशि (1.20 लाख 90 दिवस मनरेगा मजदुरी दिवस) प्राप्त होता है। साथ ही हितग्राहियों को आवास के बेहतर, सर्व सुविधायुक्त निर्माण हेतु हितग्राहियों को निरंतर प्रोत्साहित किया जाता है। इसके तहत बिहान द्वारा प्रदत्त सुलम ऋण को आवास हितग्राहियों तक पहुंच सुनिश्चित करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अभी तक 03 हजार 572 आवास हितग्राहियों को 8.10 करोड़ ऋण बिहान के माध्यम से प्रदाय कराया गया है। जिले में बडी संख्या में आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है इन क्षेत्रो में आवास निर्माण संबंधी मूलभुत आवश्यकताओं यथा सेंट्रिंग प्लेट, मिक्सचर मशीन, ईंट आदि की पूर्ति हेतु बिहान अंतर्गत गठित समुदाय आधारित संगठन एवं सदस्य सामने आई है। जिले के 258 समूह एवं सदस्यों द्वारा सेंट्रिंग प्लेट तथा मिक्सचर मशीन, क्रय कर आवास हितग्राहियों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया गया है, जिससे एक ओर शासन के मंशानुरूप समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण आवास का निर्माण हो रहा है तो दुसरी ओर महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर भी मिल रहा है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत जननी महिला संकुल संगठन दुधली के द्वारा सेंट्रिंग प्लेट का कार्य किया जा रहा है। संकुल अध्यक्ष श्रीमती फगनी कोमरे ने बताया कि हमारे संकुल द्वारा सेंट्रिंग प्लेट रियायती दर में उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे संकुल का आय बढ़ रही है और समूह से जुडी हमारी दीदियों को रियायती दर में सामग्री भी उपलब्ध करायी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम सिरपुर, बगईकोन्हा के दुलसिया बाई, संगवारी स्व-सहायता समूह जिनका आवास स्वीकृत हुआ है। जिन्हें आवास निर्माण हेतु शासन की स्वीकृति राशि के अतिरिक्त हमारे संकुल द्वारा 60000 बैंक एवं सीआईएफ राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराया गया। बाजार मूल्य से कम दाम में ईंट एवं ढलाई हेतु रियायती दर में सेंट्रिंग सामान उपलब्ध कराया गया, जिससे दीदी की आवास निर्माण में व्यय लागत कम हुआ तथा सुगमता से निर्माण सामग्री की पहुँच से दीदी को कम समय में अपने आवास को पूर्ण करने में आसानी हुई। जननी महिला संकुल संगठन द्वारा अब तक 11 आवास हितग्राही को सेंट्रिंग सामान उपलब्ध कराया गया जिससे 72200 रूपये आय अर्जित किया जा चुका है। संकुल के दीदियों के द्वारा ईट निर्माण कार्य से अब तक 15 हितग्राहियो को घर एवं शौचालय निर्माण हेतु ईट उपलब्ध कराया जा चुका है और 108000 रूपये आमदानी प्राप्त हुई है। वे ईट निर्माण कर स्वावलंबी बने है। जिला पंचायत बालोद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील कुमार चन्द्रवंशी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीणों के आवास का गुणवत्तापूर्ण तथा समय-सीमा में निर्माण तथा बिहान के दीदियों को स्व-रोजगार से जोड़ने के अभिसरण मॉडल के अंतर्गत शासन के मंशानुरूप जिले में कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के कुल 258 स्व-सहायता समूह, सामूदायिक संगठन द्वारा सेंट्रिंग प्लेट तथा मिक्सचर मशीन, ईंट निर्माण आदि कार्यों से 46.50 लाख के आय अर्जित किया गया है।

बरसात की मुसीबतों से मिली राहत

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत ज़रूरतमंद परिवारों को पक्के और सुरक्षित घर मिल रहे हैं। इस योजना ने गरीब और कमजोर वर्ग के जीवन में नई रोशनी लाई है। सक्ती जिले के विकासखंड सक्ती अंतर्गत ग्राम नंदौरखुर्द निवासी लतेल दास महंत इसका जीवंत उदाहरण बने हैं।

कृषि कार्य से गुजर-बसर करने वाले लतेल दास महंत वर्षों तक खपरैल वाले कच्चे मकान में रहते थे। बरसात के मौसम में टपकती छत, दरकती दीवारें और हर साल खपरैल पलटने की चिंता उनका सबसे बड़ा संकट था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह पक्का मकान बना पाने असमर्थ था।

प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने आवेदन किया और पात्रता मिलने के बाद उन्हें पक्का मकान आवंटित हुआ। आज उनका मजबूत, सुरक्षित आवास तैयार है, जिससे बरसात की परेशानियाँ अब इतिहास बन चुकी हैं। लतेल दास महंत ने बताया कि हर साल बरसात हमारे लिए चिंता और संकट लेकर आती थी। अब प्रधानमंत्री आवास योजना से मिला पक्का घर हमें न सिर्फ सुरक्षा दे रहा है बल्कि आत्मसम्मान और स्थिरता भी प्रदान कर रहा है।

यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की ज़िंदगी में आए बदलाव को दर्शाती है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना की सफलता और उसकी जमीनी हकीकत को बया कर रहा है। योजना ने छत्तीसगढ़ के हजारों परिवारों को सम्मानजनक जीवन प्रदान कर, सुरक्षित और स्थायी आवास देकर सामाजिक सुरक्षा और बेहतर जीवन का आधार प्रदान किया है। पक्के मकान के बारे में कभी सोचा ही नहीं था,बनने के बाद लगता है कि अपना भी एक घर है

बृजमोहन की बदली जिंदगी

ग्रामीण बृजमोहन खैरवार का वैसे तो खुद का अपना एक घर था, लेकिन उस घर में सुकून कम परेशानी ज्यादा थी। बृजमोहन को लगता था कि उनकी जिंदगी बस खेती किसानी के कार्यों में उलझ कर गुजर जाएगी और पक्का मकान के लिए कभी पैसा भी जोड़ नहीं पायेगा। जब पैसा ही नहीं होगा तो वह पक्का मकान भला कैसे बनाएगा। इस तरह बृजमोहन की जिंदगी के कई साल ऐसे ही गुजर गए और पक्के मकान का सपना सपना ही बनकर रह गया। इस बीच अपने झोपड़ी को पक्का करने की चर्चा पत्नी और बच्चों के साथ होती भी रहती थी, लेकिन जब पैसे की बात आती तो पक्का मकान का बुना हुआ सपना पल में धराशायी हो जाता था। पीएम आवास योजना में नाम आने के बाद बृजमोहन के सपने को जैसे पंख लग गए। उन्होंने कुछ पैसे का इंतजाम किया और योजना से मिली राशि से अपना घर बनवा लिया। अब गाँव में बृजमोहन का भी पक्का मकान बन गया है और वह अपनी पत्नी इन्जोरा बाई सहित बच्चों के साथ बिना किसी परेशानी का निवास कर पा रहा है।

पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम जटगा में निवास करने वाले बृजमोहन खैरवार ने बताया कि वह वर्षो से झोपड़ी में निवास करता है। समय के साथ झोपड़ी जर्जर हो जाने और बारिश के दिनों में उन्हें हर साल परेशानी उठानी पड़ती थी। उन्हें मरम्मत के लिए अनावश्यक पैसे खर्च भी करने पड़ते थे। उन्होंने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि घर को पक्का बना सके। परिवार के लोगों की इच्छा थी कि घर पक्का बन जाए, लेकिन पैसे का इंतजाम नहीं हो पाने से उनकी इच्छाएं अधूरी ही रह जाती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के पश्चात उन्होंने कुछ रुपये का इंतजाम किया और अपना मकान बनवा लिया है। उन्होंने बताया कि अब सिर्फ प्लास्टर का कार्य बचा है और आने वाले दिनों में इसे भी पूर्ण कर लेगा। हितग्राही बृजमोहन खैरवार ने अपना स्वयं का पक्का मकान बन जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य है कि पीएम आवास योजना में नाम आया। हम सभी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के आभारी है कि हमारा नाम चयन कर राशि प्रदान की।

सुध्धू बैगा के लिए सम्मान और सुरक्षा का पर्याय

केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की जनहितकारी योजनांओ का लाभ अब सुदूर वनांचल, दुर्गम, पहाड़ी क्षेत्रों और समाज के अंतिम पंक्ति में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहुल्य बसाहटों तक पहुँच रही हैं। जिसकी बानगी कबीरधाम जिले के विकासखंड बोड़ला के वनांचल ग्राम कोयलारी, ग्राम पंचायत चेन्द्रादादर के निवासी सुध्धू बैगा (पिता महरू बैगा) में देखने को मिलती है, जो विशेष पिछड़ी जनजाति ’बैगा’ समुदाय से आते हैं। सुध्धू बैगा अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में निवास करते थे। सुध्धू बैगा मजदूरी कर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते है, उनके लिए अपना घर बनाना किसी सपने के कम न था। प्रधानमंत्री आवास योजना सुध्धू बैगा के परिवार के लिए खुशियों की सौगात लेकर आई।

सुध्धू बैगा की जुबानी

हितग्राही सुध्धू बैगा बताते है कि पहले टूटा-फूटा झोपड़ी-नुमा कच्चा घर था, जो बरसात में चारो तरफ से पानी टपकते रहने के साथ सीलन के साथ में हम रहने को मजबूर थे। रात के अंधेरे में जंगली जानवर के खतरे के अलावा बरसात के दिनों में सांप-बिच्छु का डर बना रहता था। किसी अनहोनी के खतरे में मेरा परिवार जीवन जीने को विवश था। परन्तु प्रधानमंत्री जनमन योजना में आवास की पात्रता सूची में नाम आने से मेरा परिवार खुशी से झूम उठा। ग्राम सभा द्वारा वर्ष 2023-24 में आवास की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति के साथ ही पहले किश्त की राशि 40 हजार बैंक खातें में ऑनलाईन डी.बी.टी के माध्यम से आ गया। जैसे ही आवास निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ बैंक खाते में प्रगति के आधार पर द्वितीय किश्त की राशि 60 हजार,तृतीय किश्त की राशि 80 हजार एवं आवास पूर्ण होने के उपरांत अंतिम किश्त की राशि 20 हजार रूपए खातें में आ गया, इस तरह देखते ही देखते पक्का घर बनकर तैयार हो गया।

सुध्धू बैगा अपने पुराने दिनों को याद कर बताते हैं कि झोपडी में रहने के दौरान चिंता, तनाव और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। आज मैं अपने परिवार के साथ पक्के मकान में बहुत खुशहाली से जीवन यापन कर रहा हूं। मुझे आवास के साथ-साथ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत 95 मानव दिवस का रोजगार अपना आवास बनाने में मिल गया जिसका मजदूरी भुगतान प्रति दिवस 243 रुपए के दर से कुल 23085 रूपये बैंक में प्राप्त हुआ। पीने का शुद्ध पानी नल-जल योजना से मिलने की व्यवस्था हो गई है। किसान सम्मान निधि से न्यूनतम आय के रूप में सहायता राशि, स्वच्छ भारत मिशन से शौचालय व ईलाज के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिल रही है। आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, श्रमकार्ड, जनधन खाता, खाद्यान योजना से राशन सामाग्री का लाभ भी परिवार को मिल रहा है। राज्य शासन की महतारी वंदन योजना से मेरी पत्नी सतली बाई बैगा को प्रतिमाह 1000 रूपये के मान से 16 हजार रूपये अब तक मिल चुका है। इस राशि का उपयोग घर और दैनिक उपयोग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहे है। अब परिवार का जीवन पहले से सरल और सहज हो गया है। मै अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जीवन यापन कर रहा हूं सुध्धू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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