CG News: पटवारी सस्पेंड: सरकारी जमीन को बनाया निजी, माडगेज रख बैंक से लिया लोन, कलेक्टर ने पटवारी को किया निलंबित
CG News: सरकारी जमीनों का नामांतरण करते हुए पटवारी ने इसे निजी संपत्ति बना दिया और फिर चालाकी करते हुए पट्टा जारी कर दिया। इसी भूमि को बैंक में बंधक रखकर लोन भी ले लिया। SDM के प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर अजीत बसंत ने पटवारी को निलंबित कर दिया है। मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं।
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CG News: कोरबा। सरकारी जमीन पर पटवारी ने बड़ा खेला किया है। कोरबा जिले में सरकारी जमीनों के बंदरबांट में राजस्व कर्मियों की मिलीभगत लगातार सामने आ रही है। जिस पर लगातार कार्यवाही भी हो रही है। पिछले दिनों आरआई और पटवारी को सरकारी जमीनों की अफरा तफरी के मामले में निलंबित किया गया था। अब फिर से एक बार एक्शन लेते कलेक्टर अजीत बंसत ने सरकारी जमीन के अफरा-तफरी करने वाले पटवारी को निलंबित कर दिया है।
पटवारी ने शासकीय भूखंड का निजी जमीन की तरह पट्टा जारी कर दिया। इसके अलावा जमीन बिक्री का भी मामला सामने आ रहा है। शासकीय योजनाओं के तहत जमीन प्राप्त कर लेने के बाद भी जमीन अपने पास न रखकर दूसरों को गैरकानूनी तरीके से बिक्री कर देने के भी मामले सामने आए।
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के पटवारी हल्का लाद में पदस्थ पटवारी जितेंद्र कुमार भावे ने अपने कार्यकाल में सरकारी जमीनों का निजी नामांतरण करते हुए पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है। यह मामला संज्ञान में आने के बाद सरकारी जमीनों को वापस शासन के खाते में मर्ज करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई। रिकॉर्ड की जांच के दौरान यह बात सामने आई, सरकारी जमीन का दो टुकड़ा बैंक में बंधक हैं। इन दोनों जमीनों के एवज में पट्टाधारक द्वारा केसीसी लोन ले लिया गया है।
कोरबा जिले की सरकारी जमीन को निजी बताकर दुर्ग और बेमेतरा जिले के बैंक से कर्ज ले लिया है। अचरज की बात ये कि इसी सरकारी जमीन को बैंक में बंधक रखा है। जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों व्यक्ति दूसरे जिले से आकर कोरबा जिले में जालसाजी कर पटवारी के जरिए सरकारी जमीन हथिया लिया है। नायब तहसीलदार की जांच को आगे बढ़ाते हुए एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर अजीत वसंत के समक्ष प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने जमीन अफरा-तफरी के गंभीर मामले में पटवारी को सस्पेंड कर दिया है। मामला अभी जांच में है।
कलेक्टर ने किया निलंबित
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) SDM पोडी उपरोड़ा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार पटवारी जितेन्द्र कुमार भावे प.ह.नं.-20 लाद तहसील- पोड़ीउपरोड़ा (वर्तमान पदस्थापना तहसील कार्यालय अजगरबहार) के द्वारा अपने पदीय क्षेत्र के शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरती गई। इसके फलस्वरुप छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 (1) नियम-3 (क) (ख) (ग) का उल्लंघन होना पाया गया है।
छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत् तत्कालीन पटवारी जितेन्द्र कुमार भावे को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन काल में इनका मुख्यालय तहसील कार्यालय बरपाली नियत किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।