KK Srivastava News: पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव का एक और कारनामा, नौकरी छूट जाने के बाद किया ये धंधा, महिला ने भी लगाए गंभीर आरोप

KK Srivastava News: पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी रहे तांत्रिक केके श्रीवास्तव के खिलाफ राजधानी के बाद अब न्यायधानी में भी विधवा महिला से ठगी करने का अपराध दर्ज हुआ है। महिला के पति और केके श्रीवास्तव घनिष्ठ मित्र थे।

Update: 2025-07-19 11:55 GMT

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KK Srivastava News: बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी रहे तांत्रिक केके श्रीवास्तव के खिलाफ राजधानी के अलावा अब न्यायधानी में भी अपराध दर्ज हुआ है। नौकरी छूटने के बाद से ही केके श्रीवास्तव धोखाधड़ी को अंजाम देते आ रहे हैं। बिलासपुर में विधवा महिला की शिकायत पर केके श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस ने ठगी का अपराध दर्ज किया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अमलतास कॉलोनी निवासी रत्ना यादव ने अपनी शिकायत में बताया है कि नौकरी छूटने के बाद से उनके पति और केके श्रीवास्तव ने बिल्डर का काम करने की योजना बनाई। इसके लिए दोनों ने बराबर धनराशि मिलाकर बिल्डर का काम शुरू किया। दोनों के बीच गहरी मित्रता थी। व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा था और बहुत लाभ हो रहा था। दोनों ने मिलकर अमलतास कॉलोनी, नर्मदा नगर में प्लाट खरीद कर मकान बनाकर बेचने का व्यवसाय शुरू किया था। विकास के लिए अनुमति लेने के एवज में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में एक प्लाट बंधक रखा गया था। यह प्लाट डेवलपमेंट के बाद मुक्त करवाया जाना था। इस बीच 13 दिसंबर 2015 को उसके पति राजेश यादव की मृत्यु हो गई। मृत्यु के कुछ दिनों बाद केके श्रीवास्तव ने पति के हिस्से का उनके हिस्से का एक करोड रुपए देने का वादा किया।

दरअसल बंधक रखी गई जमीन की 2015 में कीमत दो से ढाई करोड़ थी। केके श्रीवास्तव ने यह रकम नहीं दी। मामला सुलझाने के लिए समाज के लोगों और प्रतिष्ठित लोगों के बीच बैठक हुई, केके श्रीवास्तव ने रकम देने का वादा किया। बाद में कोई गलतफहमी और विवाद ना हो, इसलिए पूरे मीटिंग की ऑडियो रिकॉर्डिंग पीड़िता रत्ना यादव ने करवाई थी। काफी दिनों तक रकम नहीं मिलने पर अपने जीजाजी के साथ केके श्रीवास्तव के घर जाकर रकम मांगी। पर केके ने जल्द ही रकम वापस दिलवाने का आश्वासन दे उन्हें वापस भेज दिया। इसकी भी ऑडियो पीड़िता के पास उपलब्ध है।

13 दिसंबर 2016 को दोपहर 12 बजकर 37 मिनट में पीड़िता के जीजा फ़णेश्वर नाथ यादव से केके श्रीवास्तव ने फोन कर उक्त जमीन के दस्तावेज मांगे। जिसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग पीड़िता के पास उपलब्ध है। इसके अलावा शाम को केके श्रीवास्तव का कर्मचारी और ड्राइवर उनके घर आए और उक्त दस्तावेजों का बंडल बनाकर अपने साथ कार में लेकर गए। जिसकी भी रिकॉर्डिंग पीड़िता ने कर रखी है। इसके बाद रकम के लिए पीड़िता ने कई बार केके श्रीवास्तव से संपर्क किया।

केके श्रीवास्तव द्वारा पीड़िता को आश्वासन देते हुए कहा गया कि उक्त जमीन पूर्व में बंधक रखी गई थी इस कारण उसका कोई खरीददार नहीं मिल रहा है जैसे ही जमीन का कोई खरीदार मिलेगा और जमीन बिकेगी तो वह जमीन बेचकर रकम दे देंगे। पीड़िता रत्ना यादव ने केके को ऑफर देते हुए कहा कि यदि आपके पास राशि उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो उक्त जमीन में से आधा हिस्सा मुझे दे दे,मैं उसे अपने रिश्तेदार को बेचकर सुविधा अनुसार उनसे रुपए ले लूंगी। पर केके ने इनकार कर दिया।

आठ करोड़ में बेची रकम

केके श्रीवास्तव ने उक्त जमीन वर्ष 2020-21 में 8 करोड़ रुपए में बेच दी। पीड़िता को हिस्सा नहीं दिया। इसके लिए पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से केके को नोटिस भिजवाया पर नोटिस के जवाब में पीड़िता को रकम देने से केके साफ मुकर गया। कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली होने की वजह से उस पर एफआईआर भी उस वक्त दर्ज नहीं हो पाई।

पीड़िता ने कृष्ण कुमार उर्फ के के श्रीवास्तव पर धारा 420, 406, 467,468 व 471 के तहत कार्यवाही की मांग की है। पुलिस ने फिलहाल धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत ही अपराध दर्ज किया है। 

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