CG News: हॉस्पिटल की बदहाली से हाई कोर्ट नाराज, कहा- सिर्फ शपथ पत्र नहीं, मौके पर दिखे सुधार

High Court News: प्रदेश के एकमात्र मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी मानसिक चिकित्सालय की बदहाल व्यवस्था पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारियों के केवल शपथ पत्र देने से काम नहीं चलेगा। अफसरों को मौके पर कम दिखाना होगा। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को अस्पताल का दौरा और निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। डिवीजन ने दो कोर्ट कमिश्नरों की नियुक्ति भी कर दी है। अस्पताल का निरीक्षण कर डिवीजन बेंच को रिपोर्ट सौंपा जाएगा।

Update: 2025-08-06 07:43 GMT

CG News

High Court News: बिलासपुर। प्रदेश के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय सेंदरी की अव्यवस्थाओं पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने सख्त लहजे में कहा कि अस्पताल की व्यवस्था इतनी खराब है कि अब अधिकारियों के शपथ पत्र देने से भी कुछ नहीं होगा। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को अस्पताल का दौरा और निरीक्षण करने कहा है। बेंच ने एडवोकेट हिमांशु पांडे और एडवोकेट ऋषि राहुल सोनी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए मानसिक चिकित्सालय का निरीक्षण करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने कहा है। सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के साथ ही दूसरी मशीनें भी नहीं है।

जांच के लिए मरीजों को सिम्स लाने की मजबूरी है। इसके चलते अस्पताल स्टॉफ के साथ ही परिजनों को भी परेशानी होती है। हाई कोर्ट ने इस पर अधिकारियों से पूछा, मेंटल हास्पिटल में ही जांच और इलाज की व्यवस्था क्यों नहीं है?

अस्पताल से अनुपस्थित रहते हैं डॉक्टर-

सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि अस्पताल में तय सेटअप से डॉक्टर कम हैं। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सेंदरी अस्पताल को लेकर शासन गंभीर है और नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। कोर्ट कमिश्नर ने सुनाई के दौरान बताया कि डॉक्टर और स्टॉफ सिर्फ एक से डेढ़ घंटे अस्पताल में रहते हैं, जबकि उन्हें सुबह 8 से 2 बजे तक रहना है। इस बात की पड़ताल रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज से होती है। डॉक्टर देर से आते हैं और बायोमेट्रिक उपस्थिति भी दर्ज नहीं कराते। वाटर कूलर सही नहीं है। सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जाता। इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है।

मॉनिटरिंग के बाद भी अव्यवस्था-

हाई कोर्ट की निगरानी के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सही नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाबदेही तय करने को कहा और स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई तक निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट दें। पिछली सुनवाई में मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत शपथ पत्र में कहा था कि उनके निर्देश पर आयुक्त सह निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य नोडल अधिकारी NMHP के साथ 1 अप्रैल 2025 को मानसिक अस्पताल सेंदरी का दौरा कर निरीक्षण किया और रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसके अलावा सचिव स्वास्थ्य ने खुद 8 अप्रैल 2025 को मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी का भ्रमण कर निरीक्षण किया और कमियों को दूर करने और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए।

Tags:    

Similar News