CG News: डॉक्टर दंपत्ति के बेटे ने फांसी लगा की आत्महत्या, इंजीनियरिंग करने वाला छात्र इन कारणों से रहता था अवसाद में...

CG News: डॉक्टर दंपत्ति के इंजिनियरिंग करने वाले 19 वर्षीय पुत्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र काले होने और सुंदर नहीं होने के चलते अवसादग्रस्त हो गया था। लगातार इलाज और समझाइश के बाद भी उसके मन से यह बात निकल नहीं रही थी। जिसके बाद उसने फांसी लगा जान देने जैसा आत्मघाती कदम उठा लिया।

Update: 2025-10-27 15:48 GMT

CG News: बिलासपुर। डॉक्टर दंपत्ति के बेटे ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दौरान युवक के माता-पिता छठ पूजा के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वापस घर पहुंचे तो बेटे का शव फंदे से टूटकर नीचे गिरा हुआ था। सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को पीएम के लिए भेजा। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि बृहस्पति बाजार स्थित चंद्रा पार्क निवासी डॉ. आशुतोष तिवारी मनोरोग विशेषज्ञ है। उनकी पत्नी डॉ. आरती पांडेय सिम्स में पदस्थ हैं। रविवार की रात दोनों पति-पत्नी छठ पूजा के एक बैठक और तैयारी में शामिल होने घर से बाहर गए थे। इस दौरान घर उनका बेटा आयुष्मान तिवारी (19) घर पर था। रात 10.30 बजे डॉ. आशुतोष व डॉ. आरती घर पहुंचे। घर के अंदर प्रवेश किया तो आयुष्मान का शव फांसी के फंदे से टूट कर नीचे गिरे हुए मिला। उसने पंखे से लटक कर फांसी लगाई थी।पंखे पर रस्सी का आधा हिस्सा और गले में आधा हिस्सा बंधा हुआ था। आयुष्मान की मौत हो चुकी थी। तत्काल डॉक्टर आरती सिविल लाइन थाना पहुंची और पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम सूचना मिलने पर उनके साथ मौके पर पहुंची। यहां से शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए रात को सिम्स के मर्च्युरी भिजवाया। जहां आज पीएम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

काला होने से अवसाद ग्रस्त था आयुष्मान

19 वर्षीय आयुष्मान भिलाई में इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र था। वह काला होने के चलते बचपन से ही कॉम्प्लेक्स से ग्रस्त था। वक अक्सर कहता था कि वह सुंदर पैदा नहीं हुआ है और सुंदर नहीं है। यह बात उसके मन में बुरी तरह घर कर गई थी। जिसके चलते वह डिप्रेशन में आ गया था। बचपन से ही उसे इस बात का मलाल था। जो समय के साथ बढ़ता गया और पिछले कुछ सालों में वह काफी अवसादग्रस्त हो गया। आयुष्मान के परिजन जगह जगह उसका इलाज करवा और उसे समझा उसके काले होने या सुंदर नहीं होने के कॉम्प्लेक्स को दूर करने का लगातार प्रयास कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने इसके लिए पूजा पाठ ,झाड़ फूंक तक का सहारा लिया और उसके मन से इस बात को निकालने की कोशिश की,पर वह सफल नहीं हो पाए।

शाम को मां के साथ खाया खाना

आयुष्मान ने शाम को मां के साथ खाना खाया। यही नहीं उसने दीपावली पर भिलाई से घर आने के बाद उसके ई वॉलेट में जितने रुपए है,उसे अपनी मां को ट्रांसफर किए। एक– दो दोस्तों को भी कुछ रुपए देने पेंडिंग थे,वह भी दिया। मिली जानकारी के अनुसार पिता ने जब कल सुबह आयुष्मान को बाल कटवाने को कहा तब आयुष्मान ने उन्हें भी कहा था कि अब इसकी जरूरत नहीं। हालांकि परिजनों के अनुसार उसके व्यवहार से कहीं यह नहीं झलक रहा था कि आयुष्मान आत्मघाती कदम उठा लेगा।

ईएनटी विभाग की प्रमुख हैं डॉ. आरती

मृतक की मां डॉ. आरती पांडेय छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स अस्पताल के नाक, कान, गला विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। साथ ही सीनियर डॉक्टर हैं। सिम्स में बड़े-बड़ों पदों पर रह चुकी हैं। पिता डॉ. आशुतोष तिवारी सीनियर मनोचिकित्सक हैं।

चिकित्सा जगत के लोगों की उमड़ी भीड़, मां ने भी मुक्तिधाम पहुंच दी अंतिम विदाई

घटना की जानकारी लगते ही शहर के चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया। निजी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सक बड़ी संख्या में डॉक्टर आरती पांडे के घर और सरकंडा स्थित मुक्तिधाम पहुंचे। डॉक्टरों के अलावा शहर के प्रतिष्ठित लोग भी बड़ी संख्या में मुक्तिधाम पहुंचे थे। यहां तक कि खुद आयुष्मान की मां डॉक्टर आरती पांडे बेटे का अंतिम समय तक साथ देने और अंतिम विदाई देने मुक्तिधाम पहुंची। यहां पिता डॉक्टर आशुतोष तिवारी ने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। डॉक्टर दंपत्ति ने नम आंखों से अपने लाडले बेटे को अंतिम विदाई दी। उन्हें देख अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोग भी भावुक हो उठे।

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