CG Naan Scam: दो पूर्व IAS और तत्कालीन महाधिवक्ता पर केस दर्ज, नान घोटाले में CBI की कार्रवाई

CG Naan Scam: छत्तीसगढ़ में नान घोटले में सीबीआई ने तत्कालीन सरकार में उच्च पदों पर रहे तीन अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें दो आईएएस और महाधिवक्ता शामिल है।

Update: 2025-04-19 10:17 GMT

CG Naan Scam: रायपुर। सीबीआई ने नागरिक पूर्ति निगम (नान) घोटाले में दो पूर्व आईएएस और तत्कालीन महाधिवक्ता के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें तत्कालीन सरकार में प्रधान सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला, तत्कालीन संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा और तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का नाम शामिल है।

सीबीआई ने इस संबंध में जानकारी देते हुये प्रेसनोट जारी किया है। सीबीआई की प्रेस रिलीज में लिखा है...

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अनिल टुटेजाआईएएस (सेवानिवृत्त) तत्कालीन संयुक्त सचिव,  डॉ. आलोक शुक्ला आईएएस (सेवानिवृत्त) तत्कालीन प्रमुख सचिव, सतीश चंद्र वर्मा तत्कालीन महाधिवक्ता तीनों के खिलाफ पीएस राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, रायपुर में पहले से दर्ज एफआईआर संख्या 49/2024 की जांच अपने हाथ में लेते हुए मामला दर्ज किया है।

छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने रायपुर में दो स्थानों पर आरोपी दो लोक सेवकों के परिसरों की तलाशी ली, जिसमें कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी तत्कालीन लोक सेवकों ने ईओडब्ल्यू/एसीबी, रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर संख्या 9/2015 के माध्यम से नागरिक आपूर्ति निगम (एनएएन) मामले और एनएएन मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चल रही कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।

आयकर विभाग द्वारा जब्त डिजिटल साक्ष्यों के अनुसार आरोपी तत्कालीन लोक सेवकों ने NAN मामलों में कार्रवाई को विफल करने के लिए कई प्रयास किए। इसके अलावा, आरोपी तत्कालीन लोक सेवकों ने कथित तौर पर आरोपी सतीश चंद्र वर्मा तत्कालीन महाधिवक्ता, छत्तीसगढ़ को अनुचित तरीके से सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने और ईडी और ईओडब्ल्यू/एसीबी, छत्तीसगढ़ द्वारा जांच के तहत उपरोक्त मामलों में खुद के लिए अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अनुचित लाभ प्रदान किया।

आरोप है कि अग्रिम जमानत पाने के लिए आरोपी तत्कालीन लोक सेवकों ने राज्य आर्थिक अपराध जांच ब्यूरो में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के प्रक्रियात्मक और विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेजों और NAN मामले में उच्च न्यायालय में दायर किए जाने वाले जवाब को बदल दिया।

नीचे पढ़ें अंग्रेजी प्रेसनोट...



 


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