CG Liquer Scam: सुप्रीम कोर्ट ने जिन 29 आबकारी अधिकारियों को दिया है बेल, ED ने चार्जशीट में बनाया आरोपी, पूर्व सीएम के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव भी आए घेरे में,.. पढ़िए इनसाइड स्टोरी
CG Liquer Scam: सुप्रीम कोर्ट से जिन 29 आबकारी अधिकारियों को बेल मिली है,अब उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। ईडी ने अपने अंतिम चार्जशीट में घोटालेबाज अफसरों के अलावा पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को भी घोटाले में संलिप्तता को लेकर ईडी ने आरोपी बनाया है।
रायपुर। सुप्रीम कोर्ट से जिन 29 आबकारी अधिकारियों को बेल मिली है,अब उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। ईडी ने अपने अंतिम चार्जशीट में घोटालेबाज अफसरों के अलावा पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को भी घोटाले में संलिप्तता को लेकर ईडी ने आरोपी बनाया है। पेश अंतिम चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी विभाग के 29 अधिकारियों ने 90 करोड़ का घोटाला किया है। इसके अलावा बड़े शराब कारोबारियों ने मुंहमांगी कमीशन भी दिया है।
ईडी की अंतिम चार्जशीट में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव व लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू को आरोपी बनाया है। 29 आबकारी अधिकारियों,केके श्रीवास्तव व पप्पू बंसल पर आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर चुनाव के लिए फंडिंग की। ईडी और EOW ने केके श्रीवास्तव व पप्पू बंसल की गिरफ्तारी नहीं की है। केके श्रीवास्तव जेल में बंद है, पप्पू बंसल बाहर घूम रहा है। ईडी ने आरोप पत्र में दावा किया है कि शराब घोटाले के लिए बनाए गए सिंडिकेट में चैतन्य बघेल और यश टुटेजा की बड़ी भूमिका रही है। नकली होलोग्राम का जमकर उपयोग किया गया है। नोएडा से प्रिज्म होलोग्राम की फैक्ट्री से 4014 पेटी डुप्लीकेट होलोग्राम रायपुर भेजा गया था।
घोटाले में किसे कितना मिला कमीशन
1500 करोड़ पार्टी फंड, 115 करोड़ सौम्या चौरसिया, 90 करोड़ अनवर ढेबर, 72 करोड़ कवासी लखमा, 55 करोड़ अरुणपित त्रिपाठी, 18 करोड़ निरंजन दास, 14 करोड़ अनिल टुटेजा।
चुनावी फंडिंग का जरिया बने अफसर
जांच एजेंसी के अनुसार 2023 के विधानसभा चुनाव में आबकारी विभाग ने एक राजनीतिक दल को बड़े पैमाने पर फंडिंग की। रकम जुटाने की जिम्मेदारी आबकारी उपायुक्त दिनकर वासनिक, नवीन प्रताप सिंह तोमर, विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी और इकबाल खान को दी गई थी। इन्हीं अधिकारियों ने चुनाव से पहले जिलों में अपनी पसंद के अधिकारियों की पोस्टिंग कराई और चुनाव फंड के लिए वसूली की। चुनाव में उम्मीदवारों को बांटने के लिए शराब भी उपलब्ध कराई गई। दिनकर वासनिक का नाम झारखंड शराब घोटाले में भी आया है।
15 जिलों को आठ जोन में बांटा
प्रदेश में शराब घोटाले के लिए जिन 15 जिलों को चिन्हांकित किया गया था सिंडिकेट व आबकारी विभाग के अधिकारियों ने 8 जोन में बांट दिया था। जोन अनुसार डिस्टिलरी को सप्लाई का काम दिया गया। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, मुंगेली, महासमुंद, कोरबा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, दुर्ग, धमतरी, बेमेतरा, बलौदाबाजार और बालोद को अवैध शराब बिक्री के लिए चिन्हांकित किया गया था। इन्हीं जिलों में अवैध शराब की बेधड़क बिक्री होती रही। 15 जिलों में 29 अधिकारियों की पोस्टिंग हुई, जो प्रति पेटी पैसा वसूलते थे। इन अफसरों को बतौर कमीशन 90 करोड़ रुपए मिले।