मलेरिया फैलने के बाद झोला छाप डाक्टरों की आई शामत, इस जिले में प्रशासन ने छेड़ी मुहिम, चार क्लिनिक सील

CG:मलेरिया से बिलासपुर जिले में पांच मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की टीम कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देशों पर सक्रिय हो गई है। एक ही दिन में चार झोलाछाप डॉक्टरों के क्लिनिक को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का क्लर्क भी अस्पताल चला रहा था जिसे सील किया गया है।

Update: 2024-07-20 11:42 GMT

बिलासपुर। डायरिया से बिलासपुर जिले में हो रही मौतों के बीच कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय है। एक ही दिन में कार्यवाही करते हुए चार झोला छाप डॉक्टरों के क्लीनिक को सील कर दिया गया है।

कोटा ब्लॉक के टेंगनमांडा और करगीकला संचालित दो झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक को सील कर दिया गया है। कलेक्टर ने मलेरिया प्रभावित गांवों और इलाके के दौरे में अवैध क्लिनिकों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। टेंगनमाड़ा में दीपक गुप्ता का क्लिनिक हैं। यह क्लिनिक धर्मप्रताप पिता विशाल सिंह के मकान में चलाया जा रहा था। दीपक गुप्ता क्लिनिक में नहीं मिले। सरपंच, कोटवार एवं ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव में नहीं है। बताया गया कि उनके द्वारा किये गये गलत इलाज के कारण ही मलेरिया से दो लोगों की मौत हुई । इसी प्रकार करगी कला में डॉ. चिरंजित विश्वास के क्लिनिक का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उनके पास इलाज करने का किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं पाया गया। इसलिए उनका क्लिनिक सील कर दिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के क्लर्क द्वारा संचालित क्लिनिक भी सील

ब्लॉक मुख्यालय कोटा में भी कल देर रात दो और अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की गई। जांच के बाद दोनों क्लीनिक सील कर दिए गए। इसमें कोटा में संचालित विश्वास क्लीनिक और दूसरा मरावी क्लीनिक है। मरावी क्लीनिक का संचालक देवशंकर मरावी है जो कि शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा में क्लर्क पद पर कार्यरत है। कल दिन में गुप्ता क्लीनिक और चिरंजीत विश्वास क्लीनिक के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं।

कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार शैली में दबिश देकर कार्रवाई की। कोटा में गुरु द्वारा के पीछे में संचालित मरावी क्लिनिक और महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लिनिक की जांच की गई। दोनों ही क्लिनिक में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन पाया गया । मौके पर जांच के दौरान मरीजों की लंबी कतार देखी गई।विश्वास क्लिनिक में इलाज कराने आए धनरास के ग्रामीण विशंभर सिंह को कुल 713 रुपए की दवाई देकर कुल 1300 रूपए वसूला गया। जिसे तहसीलदार द्वारा वापस कराया गया । इसी प्रकार मरावी क्लिनिक के संचालक देवशंकर मरावी हैं, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क के रूप में पदस्थ हैं । इनके द्वारा भी भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां रखकर इलाज किया जा रहा था।बिना डिग्री के इलाज और भारी मात्रा में भंडारित एलोपैथी दवाइयों और इंजेक्शन के कारण उक्त दोनों क्लीनिक को तहसीलदार कोटा द्वारा सील किया गया।

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