CG हनी ट्रैप मामलाः एक और महिला आरोपी गिरफ्तार, अमीर लोगों को झांसे में लेकर करती थी ब्लैकमेल...

CG Honey Trap Case: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में चर्चित हनी ट्रैप मामले में पुलिस ने एक और महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है...

Update: 2024-09-11 13:38 GMT

CG Honey Trap Case बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में चर्चित हनी ट्रैप मामले में पुलिस ने एक और महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है। महिला पर अमीर लोगों को झांसे में लेकर लाखों रूपये वसूली करने का आरोप है। थाना सिटी कोतवाली में महिला के खिलाफ धारा 384, 389, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज है।

दरअसल, सिटी कोतवाली थाने में 10 सितंबर को इसी मामले में 2 आरोपी पुष्पमाला फेकर एवं लक्ष्मीकांत केसरवाली को गिरफ्तार किया गया था। मामले में जांच और पूछताछ के बाद आज आरोपिया रवीना टंडन 22 साल निवासी दगौरी थाना बिल्हा को पकड़ा गया। आरोपिया को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

जानिए क्या था पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, थाना सिटी कोतवाली में धारा 384,389,34 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था। जांच में पीड़ित पक्ष के लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मुख्य सरगना शिरीष पांडे, मंजूलता फेकर, मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, महान मिश्रा व अन्य आरोपियों द्वारा खुबसूरत लड़कियों को पीड़ितों के घर में भेजा जाता था और उनकी फोटो-वीडियो खिंच उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम उगाही की जाती थी।

शिकायत को एसएसपी ने लिया संज्ञान

इस मामले को एसपी ने संज्ञान में लिया और जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 5 आरोपियों को पकड़ा गया है, जिनसे पूछताछ पर बलौदाबाजार शहर में भयादोहन कर 41 लाख रुपए की वसूली करने की बात कबूल की है।

ऐसे देते थे अंजाम

गिरोह द्वारा बहुत ही सुनियोजित तरीके से बलौदाबाजार शहर एवं आसपास के धनवान एवं विभिन्न शासकीय एवं प्राइवेट सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए लोगों को अपने झांसे में लिया जाता था। साथ ही उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने एवं लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की वसूली की जाती थी। यह गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देता था तथा गिरोह के सभी सदस्यों के काम अलग अलग थे। गिरोह का मुख्य सरगना एवं मास्टर माइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर है।

धनवान लोगों को बनाते थे शिकार

मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर इन दोनों आरोपियों द्वारा ही बलौदाबाजार नगर में धनवान व अन्य लोगों को चिन्हित करते थे। उसके बाद शिरीष पांडे खुद को नेता बताकर अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर उनको लडकी उपलब्ध करने का झांसा दिया जाता था। तत्पश्चात गिरोह के सभी सदस्यों को एक्टिव कर प्रार्थी क़ो भयादोहन कर प्रार्थी से लाखों रूपये की वसूली की जाती थी।

मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया एवं दुर्गा टंडन

दोनों आरोपी लोकल बलौदाबाजार के निवासी है। ये दोनों ही लड़कियों के शहर में रहने, खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतेजाम करते थे। इसके बाद उन लड़कियों को अपने टारगेट के पास भेज देते थे। लड़की के जाने के थोड़ी देर बाद खुद दोनों आरोपी मौके पर पहुंच कर लड़की के परिजन बताकर व्यक्ति को ब्लेकमेल पैसे की मांग करते थे। इस दौरान पीड़ित उनसे डरकर पैसे देने के लिए तैयार हो जाता था। हीराकाली नाम की महिला ही टारगेट को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी। यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर टारगेट के पास भेजती थी।

कथित पत्रकार गिरफ्तार

खुद को पत्रकार बताने वाला आशीष शुक्ला पत्रकारिता की आड़ में हनीट्रैप में फंसे व्यक्ति को धमकाने का काम करता था। आरोपी शुक्ला धमकी देता था कि यह कृत्य न्यूज एवं प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा। इस प्रकार भय दिखाकर वसूली करने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आशीष शुक्ला द्वारा एक प्रार्थी से 1,25,000 का मांग की गई थी, जिसमें पीड़ित व्यक्ति ने 75000 का भुगतान आरोपी आशीष शुक्ला के दुकान में जाकर किया था।

वकील भी इस पेशे में

महान मिश्रा यह पेशे से अधिवक्ता है तथा अपनी पहुंच एवं पहचान का रौब दिखाकर उगाही की गई रकम को संभालने एवं आपस में बंटवारा करने का काम करता था।

अब जानिए कैसे देते थे घटना को अंजाम

गिरोह द्वारा धनवान एवं रिटायर्ड कर्मियों को टारगेट किया जाता था। फिर टारगेट सेट कर उससे मेलजोल बढ़ाते हुए टारगेट से महिला को मिलाने का दिन एवं समय फिक्स किया जाता था। इसके बाद महिला उस टारगेट से मिलने जाती थी। इस दौरान गिरोह के सदस्यों द्वारा महिला के घर/रूम के अंदर जाने एवं बाहर आने की फोटो ले ली जाती थी। फिर इसी फोटो के माध्यम से उस टारगेट को ब्लैकमेल किया जाता था। आरोपी उगाही की रकम को आपस में बांटते थे। अभी तक की जांच में गिरोह द्वारा विभिन्न लोगों से लगभग 41 लाख रुपए तक की वसूली की जा चुकी है।

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