CG Crime News: ऑफर: लड़की को प्रेग्नेंट करो, रुपये पाओ: फिर ऐसा क्या हुआ कि युवक को सुसाइड करनी पड़ गई, हॉरर फिल्म की तरह है युवक की जानलेवा कहानी

CG Crime News: एक युवक के मोबाइल पर कॉल आया। लड़की को प्रेग्नेंट कर दो और मनचाहे रुपये ले लो। रुपये के लिए एक शर्त रखी। युवक ने शर्त पूरा कर दिया। फिर ऐसा क्या हुआ कि युवक को आत्म हत्या करनी पड़ गई। युवक की जानलेवा कहानी किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं है। युवक साइबर ठगों के जाल में ऐसा फंसा कि जान गंवानी पड़ गई।

Update: 2025-12-13 12:45 GMT

CG Crime News: बिलासपुर। एक युवक के मोबाइल पर कॉल आया। लड़की को प्रेग्नेंट कर दो और मनचाहे रुपये ले लो। रुपये के लिए एक शर्त रखी। युवक ने शर्त पूरा कर दिया। फिर ऐसा क्या हुआ कि युवक को आत्म हत्या करनी पड़ गई। युवक की जानलेवा कहानी किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं है। युवक साइबर ठगों के जाल में ऐसा फंसा कि जान गंवानी पड़ गई।

साइबर ठगों ने एक युवक को लड़की को गर्भवती करने पर रुपये देने का झांसा दिया। युवक के मोबाइल पर कॉल आया और इस तरह का ऑफर भी। युवक अनजान कॉलर के झांसे में आ गया। झांसेबाज ने एक शर्त रखी। शर्त रखी किबैंक में अपना अकाउंट खुलवाकर डिटेल वाट्सएप के जरिए भेज दे। एक बैंक का डिटेल भेजने के बाद एक और बैंक में अकाउंट खुलवाने और डिटेल भेजने कहा। ठगाें के झांसे और लालच में आकर युवक ने बिना सोचे समझे दूसरे बैंक में अकाउंट खुलवाया और डिटेल भेज दिया। बैंक अकाउंट खुलने के कुछ दिनों बाद बैंक के कर्मचारी इस बात से हैरान रह गए कि अकाउंट में लगातार रकम जमा हो रहा है और तत्काल उसे दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी कर दिया जा रहा है।

मामला छत्तीसगढ़ बिलासपुर के सकरी थाना का है। यहां रहने वाले युवक कामेश्वर के मोबाइल नंबर पर अनजान कॉलर ने कॉल किया था। लालच में आकर कामेश्वर ने पहले पंजाब नेशनल बैंक में अपना खाता खुलवाया। जब बैंक डिटेल वाट्सएप के जरिए भेजा तब ठगों ने फिर झांसा दिया और कामेश्वर को कॉल कर कहा कि पीएनबी के अकाउंट में रुपये ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। दूसरे बैंक में अकाउंट खुलवाने और बैंक डिटेल भेजने कहा। तब कामेश्वर ने केनरा बैंक में अकाउंट खुलवाया और डिटेल बताए गए वाट्सएप नंबर पर पोस्ट कर दिया। 14 जुलाई को बैंक से कामेश्वर के पास कॉल आया,जब वह बैंक गया तब बैंक के अधिकारियों ने उनके खाते में पैसे जमा कराने का फ्लो बहुत ज्यादा है। यह भी बताया कि उन पैसों को दूसरे अकाउंट में तत्काल ट्रांसफर किया जा रहा है। बैंक अफसरों ने कामेश्वर को बैंक डिटेल भी बताया। पैसे के लेनदेन के बारे में कामेश्वर बैंक अफसरों को कुछ जानकारी नहीं दे पाया। डरा सहमा कामेश्वर बैंक अफसरों को अपने साथ घटी घटना की जानकारी दी और घर लौट आया। बैंक अफसरों ने बताया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गया है। ठगों ने झांसे में लेकर बैंक अकाउंट खुलवा लिया है। गैरकानूनी पैसे के लेनदेन के लिए उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल हो रहा है। ठगों के जाल में जानकारी होने के बाद वह डरा सहमा रहने लगा और चार दिन बाद ट्रेन से कटकर जान दे दी। सकरी पुलिस ने मामला दर्ज कर मोबाइल नंबर के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

फ्रॉड से ऐसे बचें

साइबर ठग गिरोह के सदस्य बैंक अकाउंट पाने के लिए कमीशन का लालच देते हैं। कमीशन के लालच में फंसने वालों पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।

बैंक खातों पर अवैध लेनदेन होने पर पुलिस सबसे पहले बैंक अकाउंटधारक को गिरफ्तार करती है। इससे बचने के लिए अपने नाम से बैंक अकाउंट खुलवाकर दूसरों को उपयोग के नहीं देना चाहिए। इस तरह की धोखाधड़ी होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देनी चाहिए।

अपने बैंक डिटेल दूसरों को देने से बचें। खासकर तब जब व्यक्ति अनजान हो।

किसी भी कंपनी अथवा संस्थान की वेबसाइट को सर्च करने से पहले जानकारी जरूर लें। एचटीपीपीएस लगी वेबसाइट पर ही सर्च करें। लिंक से भेजे गए किसी भी एप को मोबाइल पर डाउनलोड नहीं करना चाहिए। केवल सेवा प्रदाता के एप को ही मोबाइल पर डाउनलोड करें।

यह जानना जरुरी

बैंक या कोई भी संस्थान लिंक भेजकर एप डाउनलोड नहीं कराता। कोई भी संस्थान बैंक की जानकारी नहीं मांगता। अगर कोई आपके मोबाइल पर लिंक भेजकर एप डाउनलोड करने कहता है, तो इससे बचें और ऐसे लोगों से सतर्क रहें। ऐसे लोग जालसाज हो सकते हैं। लेनदेन करने से पहले लोगों की जानकारी लें और आसपास के लोगों से भी इस संबंध में चर्चा कर जरूरी जानकारी ले लें।

अगर कोई इनाम का लालच दे रहा है तो इसे नजर अंदाज करें। रुपये का लालच देने वाले जालसाजी कर रुपये ऐंठने वाले हो सकते हैं। ऐसे लोगों से किसी भी तरह का लेनदेन न करें। घर बैठे लोन देने वाले भी जालसाजी करते हैं। ऐसे लोगों से रुपये लेने से बचना चाहिए।

इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइड की भरमार

जालसाजों ने बड़ी कंपनियों और वित्तीय संस्थानाें के नाम पर फर्जी वेबसाइड बना रखा है। इसके अलावा सरकारी संस्थान के भी फर्जी वेबसाइड हैं। ये इतने मिलते जुलते हैं कि लाेगों को भनक तक नहीं लगती कि फर्जी वेबसाइड में वे पहुंच गए। यहां पर हेल्प डेस्क के नाम पर मोबाइल नंबर दिए होते हैं। इसके कारण लोग आसानी से जालसाजी के शिकार हो जाते हैं।

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