CG Constable Recruitment Controversy: आरक्षक भर्ती में धांधली का आरोप, प्रदेश भर से हाईकोर्ट पहुंचे युवाओं ने किया प्रदर्शन
CG Constable Recruitment Controversy: आरक्षक भर्ती में धांधली का आरोप लगा प्रदेश भर के हजारों अभ्यर्थी न्यायधानी बिलासपुर पहुंचे। हाईकोर्ट के गेट के सामने बैठक कर रणनीति बना रहे अभ्यर्थियों को वहां से हटाने पर सारे अभ्यर्थी पुलिस ग्राउंड पहुंच गए और आरक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की रणनीति बनाई।
CG Constable Recruitment Controversy: बिलासपुर। प्रदेश भर में हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। लिखित परीक्षा दिलाने वाले प्रदेश के कई जिलों के हजारों युवा गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंचे। यहां हाईकोर्ट के गेट के सामने सभा कर याचिका प्रस्तुत करने पर चर्चा कर रहे थे, लेकिन उन्हें यहां से हटा दिया गया। इसके बाद सभी शाम को पुलिस ग्राउंड में जमा हुए और आज शुक्रवार को याचिका लगाने पर सहमति बनी। युवाओं का आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। इससे योग्य अभ्यर्थी चयन से वंचित रह जाएंगे।
प्रदेश के सभी 33 जिलों में आरक्षकों के कुल 5967 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार को जिला स्तर पर नतीजे जारी किए गए हैं। परिणाम घोषित होने के बाद से परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बुधवार को जिला स्तर पर रणनीति बनाने के बाद हजारों युवा गुरुवार को बिलासपुर में एकत्रित हुए और याचिका लगाने पर चर्चा की गई। युवाओं ने शुक्रवार को याचिकाएं प्रस्तुत करने पर सहमति जताई है।
इस तरह की गड़बड़ियों के आरोप, एक उम्मीदवार का नाम कई जिलों में, 5967 पद भरना असंभव
युवाओं का आरोप है कि एक कैंडिडेट का नाम 5-6 जगह आया है। लेकिन एक युवा सिर्फ एक जगह ही जॉइन करेगा, ऐसे में पूरे पद भर पाना संभव नहीं है। हालांकि यह भर्ती 2007 के राजपत्र के अनुसार हुई है, जिसके तहत एक कैंडिडेट हर जिले में फॉर्म भर सकता है। शारीरिक परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार अपनी सुविधानुसार किसी एक जिले से परीक्षा देकर वहीं जॉइन कर सकता है। अब युवाओं का कहना है कि कई स्थानों पर नाम आने की वजह से 5967 पद किसी भी हाल में नहीं भरा जा सकता। इसका कारण यह है कि एक कैंडिडेट सिर्फ एक जगह से ही जॉइन करेगा, जबकि 4-5 जगह पद खाली रह जाएंगे। इससे योग्य उम्मीदवार चयन से वंचित रह जाएंगे ।
कम नंबर पर चयन, अधिक वाले फेल
कम नंबर वाले अभ्यर्थियों के चयन और ज्यादा नंबर वाले अभ्यर्थियों को फेल कर चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। शारीरिक परीक्षा में 200 में से 76, लिखित परीक्षा में 100 में से 60 मिलाकर कुल 136 अंक मिले हैं। लेकिन ओबीसी वर्ग से होते हुए भी मुंगेली जिले के एक अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ। आरोप है कि मुंगेली से ही कई ऐसे कैंडिडेट हैं, जिनका नंबर उससे कम है, लेकिन उनका चयन सामान्य वर्ग से हो गया है। आरोप है कि ऐसी गड़बड़ी कई जिलों में सामने आई है।
आवेदन का एक नंबर पर अलग- अलग नाम
इसी तरह युवाओं का कहना है कि हर जिले से 40-50 कैंडिडेट ऐसे हैं जिनका चयन गलत तरीके से हुआ है। समान एप्लीकेशन नंबर पर अलग-अलग नाम दर्ज हैं। नारायणपुर जिले में एप्लीकेशन नंबर समान होते हुए अलग-अलग नाम हैं ।
पहचान छिपाने का भी प्रयास
कई जिलों में परिणाम आवेदन नंबर के साथ दिया गया है, जबकि कुछ में रजिस्ट्रेशन व आवेदन के साथ दिया गया है। वहीं, कई में नाम, पिता का नाम व रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ दिया गया है। बिलासपुर जिले में सिर्फ नाम व आवेदन नंबर के साथ दिया गया है। ऐसे में आरोप लगाया जा रहा है कि इस तरह से कुछ चयनितों के नाम छिपाने का प्रयास किया गया है।
देखें वीडियो