CG Congress News: CG कांग्रेस: बिहार चुनाव में उलझी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के जिला अध्यक्षो की नियुक्ति! कब होगा इंतजार खत्म...
CG Congress News: दीपावली के पहले ही छत्तीसगढ़ के पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी थी। अब प्रदेश के नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति बिहार चुनाव के कारण उलझ गई है।
CG Congress News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संगठन चुनाव का कार्यक्रम सृजन अभियान चल रहा है। इसके तहत सितंबर और अक्टूबर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने जिलों का दौरा पूरा कर लिया। साथ ही दावेदारों के नामों का पैनल आलाकमान को सौंप दिया है। उम्मीद की जा रही थी कि दीपावली के ठीक बाद नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाएगी। इसके विपरीत अभी छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इसे लेकर खामोशी दिख रही है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि आलाकमान की रिपोर्ट आने के बाद उच्च स्तर पर छत्तीसगढ़ के दिग्गज नेताओं से चर्चा हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपपक्ष चरणदास महंत, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने जिला अध्यक्षों के रूप में अपनी- अपनी पसंद से आलाकमान को अवगत करा दिया है। पर्यवेक्षकों ने संगठन के नए जिला अध्यक्ष के रूप में अधिकतम छह नामों का ही पैनल दिया है। किसी- किसी जिले में इससे कम नाम भी हैं। इन नामों के साथ पर्यवेक्षकों ने नियुक्ति के कारण के लिए तर्क भी दिया है, जिससे जिला अध्यक्ष के रूप में योग्य व्यक्ति का चयन करने में आसानी हो सके। पर्यवेक्षकों ने दावेदारों की राजनीतिक हैसियत के साथ सामाजिक संगठनों में पकड़ को भी ध्यान रखा है। इसके अलावा पार्टी में दावेदार को मिले अब तक के पदों का हिसाब भी लिया गया है। इससे यह तय हो सकेगा कि किस कांग्रेसी को पार्टी ने कितनी जिममेदारी दी थी और वह कितने में खरे उतरे हैं। पार्टी ने राहुल गांधी के सुझाव पर जिला अध्यक्षों के संदर्भ में यह भी जानकारी हासिल की है कि पार्टी के प्रशिक्षण शिविरों में दावेदार ने कितनी बार और कहां हिस्सा लिया है। पार्टी का मानना है कि नए जिला अध्यक्ष पार्टी की रीति- नीति से जितना जुड़ाव रखेगा, संगठन को उसका फायदा मिलेगा।
दिग्गजों का वजन दांव पर
नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में पार्टी के सभी दिग्गजों का राजनीतिक वजन भी दांव पर लगा हुआ है। नए जिला अध्यक्षों के फैसले से तय होगा कि किस दिग्गज को किस जिले में कितनी कामयाबी मिली है और वे अपने समर्थक को जिला अध्यक्ष बना सके हैं। रायपुर और दुर्ग संभाग में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का भी दखल दिख सकता है। इसके अलावा पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहेंगे। सबसे ज्यादा दावेदारी और जोर बिलासपुर और सरगुजा संभाग में दिख रहा है। यहां महंत और सिंहदेव गुट के लोग अधिक जोर लगा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल बिलासपुर जिले में अपने समर्थक को अध्यक्ष पद पर देखना चाहेंगे। जिलों में दिग्गजों की पसंद के साथ ही सामाजिक समीकरण का भी ख्याल रखा जाएगा। इसके आधार पर कुछ दावेदारों का नाम कट सकता है।