CG Building Code News: भवन संहिता में बड़ा बदलाव : अब आवासीय व व्यावसायिक इमारतों में अनिवार्य होगी ईको-निवास संहिता

CG Building Code News: छत्तीसगढ़ सरकार ने नई बड़ी इमारत के लिए ऊर्जा दक्षता व हरित रेटिंग प्रणाली लागू कर दी है। इसका मकसद बड़े भवनों में ऊर्जा की खपत को कम करना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाना है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के मुताबिक हरित रेटिंग प्रणाली के तहत सरकारी और निजी दोनों तरह के भवनों को उनके पर्यावरणीय दक्षता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी।

Update: 2025-12-08 11:44 GMT

CG Building Code News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में बनने वाली बड़ी इमारतों को ऊर्जा दक्ष और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 में संशोधन अधिसूचना जारी करते हुए नई भवन संहिताओं, विशेषकर ईको निवास संहिता और ऊर्जा दक्षता आधारित ग्रीन रेटिंग सिस्टम को लागू कर दिया है। नया प्रावधान आवासीय, व्यावसायिक और विशेष भवनों में टिकाऊ निर्माण को बढ़ावा देगा।

संशोधन के अनुसार, दो हजार वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र वाली सभी इमारतों में हरित भवन मानकों का पालन अनिवार्य होगा। इनमें ऊर्जा दक्षता, वेंटिलेशन, प्राकृतिक रोशनी, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन और कार्बन उत्सर्जन कम करने से संबंधित मानकों का आकलन किया जाएगा। अभी तक कार्यालयीन भवनों में छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता लागू है, लेकिन अब वही ढांचा बड़े आवासीय व वाणिज्यिक भवनों पर भी लागू होगा।

विशेष श्रेणी के भवन जैसे अस्पताल, होटल, मल्टीप्लेक्स और बड़े कन्वेंशन सेंटर पर यह नियम बिना किसी क्षेत्र सीमा के लागू होगा। चाहे उनका निर्मित क्षेत्र कितना भी हो, उन्हें ग्रीन रेटिंग प्रणाली के मानकों का पालन करना ही होगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे निर्माण से लेकर संचालन तक बिजली और पानी की खपत कम होगी। प्राकृतिक रोशनी और बेहतर वेंटिलेशन से रहने और काम करने की गुणवत्ता सुधरेगी और भवनों का पर्यावरणीय प्रभाव भी घटेगा।

सरकार ने हरित निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रीन रेटिंग वाली इमारतों को निःशुल्क अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) देने का प्रावधान किया है। रेटिंग के स्तर के आधार पर यह लाभ अलग-अलग होगा। गोल्ड रेटिंग वाली इमारतों को पांच प्रतिशत, सिल्वर को तीन प्रतिशत और ब्रॉन्ज रेटिंग को दो प्रतिशत अतिरिक्त एफएआर मिलेगा। इससे बिल्डरों को लागत में राहत मिलेगी और हरित तकनीक अपनाने की प्रेरणा भी बढ़ेगी।

ईको निवास संहिता लागू होने के बाद राज्य में नई इमारतों को ऊर्जा संरक्षण के मानकों के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि यह प्रणाली न केवल बिजली की खपत घटाएगी, बल्कि भवनों को लंबे समय तक टिकाऊ और किफायती बनाएगी। पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए यह कदम शहरों में ग्रीन कंस्ट्रक्शन को गति देगा।

संशोधित नियमों के तहत हर नई बड़ी इमारत को हरित रेटिंग हासिल करनी होगी। इससे राज्य में निर्माण क्षेत्र अधिक सुव्यवस्थित होगा और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का दावा है कि यह पहल शहरी विकास की दिशा में बड़ा परिवर्तन साबित होगी और भविष्य के लिए अधिक सुरक्षित, कार्बन-न्यून निर्माण मॉडल तैयार करेगी।

इस मामले में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के आयुक्त अवनीश शरण ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बड़े भवनों के लिए ऊर्जा दक्षता व हरित रेटिंग प्रणाली लागू हो गई है। आवासीय भवनों के लिए इको निवास सहिंता और कार्यालयीन भवनों के लिए छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता के प्रावधान लागू होंगे।

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