CG Bilaspur News: बायोमेट्रिक सिस्टम करेगा कर्मचारियों की निगरानी, दफ्तर के 100 मीटर दायरे से बाहर जाते ही लगेगी गैर हाजिरी,कटेगा वेतन
CG Bilaspur News: नए साल से अब बिलासपुर जिले में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम से निगरानी होगी। अधिकारी– कर्मचारियों की हाजरी के अलावा बायोमेट्रिक मशीन कर्मचारियों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करेगी। दफ्तर से 100 मीटर दूर जाने पर कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज हो जाएगी। देर से आने,जल्दी जाने या अनुपस्थित रहने पर यह एप स्वतः ही समय का हिसाब लगाकर वेतन की कटौती करेगा।
CG Bilaspur News: बिलासपुर।जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में नए साल की शुरुआत एक सख्त व्यवस्था के साथ होने वाली है। 1 जनवरी से सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य किया जा रहा है, जो कर्मचारियों की उपस्थिति पर मिनट-दर-मिनट नजर रखेगा। सबसे खास बात यह है कि यह एप केवल दफ्तर के 100 मीटर के दायरे में ही काम करेगा। कर्मचारी इस सीमा से बाहर जाते ही अनुपस्थित दर्ज हो सकते हैं। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस नई व्यवस्था के लिए निर्देश देते हुए सभी विभागों से तैयारी पूरी करने को कहा है।
नया सिस्टम कर्मचारियों की तनख्वाह से भी सीधा जुड़ा रहेगा। देर से आने, जल्द जाने या अनुपस्थित रहने की स्थिति में एप स्वत: समय का हिसाब लगाकर वेतन कटौती कर देगा। कलेक्टर ने साफ कहा कि अब घर, पार्किंग या किसी दूसरे स्थान से उपस्थिति लगाने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। मोबाइल एप आधारित उपस्थिति केवल कार्यालय परिसर या उसके 100 मीटर के दायरे में ही मान्य होगी।
समय की पाबंदी पर अब सख्त नजर
सरकारी दफ्तरों में देरी से पहुंचने की शिकायतें लंबे समय से आती रही हैं। कलेक्टर ने कहा कि इस प्रणाली से कर्मचारियों की समय पालन की आदत सुधरेगी और कामकाज में पारदर्शिता मजबूत होगी। शाम को कार्यालय छोड़ने से पहले भी उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य होगा।
कल होने वाली टीएल बैठक में कलेक्टर ने धान खरीदी की स्थिति, अवैध उत्खनन पर की जा रही कार्रवाई और पर्यावरण से जुड़े मामलों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण करते रहें, खरीदे गए धान की स्टैकिंग की जांच करें और रिकॉर्ड में दर्ज मात्रा का सटीक मिलान करें।
अवैध उत्खनन पर कलेक्टर का कड़ा रुख
कलेक्टर ने अवैध उत्खनन रोकने में तेजी लाने को कहा और स्पष्ट किया कि ढिलाई बरतने पर जिला स्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कोयला और राखड़ परिवहन करने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। बिना तिरपाल ढके परिवहन करने वाले वाहनों पर आरटीओ और पर्यावरण विभाग को संयुक्त रूप से तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।