BPL Final Match: बिलासपुर पहुंचे क्रिकेटर रिंकू सिंह ने कहा: संघर्ष कर पहुंचा हूं इस मुकाम तक, मां और भाई ने दिया साथ, बताया राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है
BPL Final Match: ब्राह्मण प्रीमियर लीग के फाइनल मैच में आज इंडियन क्रिकेटर रिंकू सिंह छत्तीसगढ़ के फाइनल में अतिथि बन कर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बात करते हुए बताया कि सिर्फ शौक के लिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था इसके बाद आगे मौके मिलते गए और वह मेहनत कर यहां तक पहुंच गए। उनके इस मुकाम में पहुंचने पर उनकी मां और भाई का विशेष योगदान रहा। कोलकाता नाइट राइडर्स की तरफ से गुजरात की टीम के खिलाफ आईपीएल खेलते हुए पांच गेंदों में पांच छक्के मारने को रिंकू सिंह ने लाइफ चेंजिंग मूवमेंट बताया। सपा सांसद से शादी लगने के बारे में उन्होंने बताया की शादी की अभी डेट फिक्स नहीं हुई है। इसके साथ ही उन्होंने बेबाकी से कहा कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है उनका फोकस क्रिकेट ही हैं। उनकी होने वाली जीवन संगिनी अपना काम कर रही है और मैं अपना काम कर रहा हूं।
BPL Final Match: बिलासपुर. क्रिकेटर तथा वर्तमान में कोलकाता नाइट राइडर्स से आईपीएल और उत्तर प्रदेश की टीम से रणजी खेलने वाले खिलाड़ी रिंकू सिंह बिलासपुर के सरकंडा स्थित खेल परिसर में हो रहे ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि निचले लेवल से आने वाले हर खिलाड़ियों के जीवन में संघर्ष होता है और वह संघर्ष कर ऊपर पहुंचते हैं। मेरे भी जीवन में यह संघर्ष है। मैं भी नीचे से संघर्ष कर ऊपर तक पहुंचा हूं। खिलाड़ियों के जीवन में स्ट्रगल होता है, मैं भी वह स्ट्रगल कर क्रिकेट टीम तक पहुंचा हूं। घरवालों के पास भी उतना कुछ होता नहीं है कि अपने लड़के का सपोर्ट करे। ऐसे में लड़का अपने मेहनत से ही कुछ बनता है। मेरी लाइफ भी वैसी ही है। मैं भी अपनी मेहनत से ही आगे आया हूं। बहुत लोगों ने मुझे सपोर्ट किया है, घर वालों ने भी थोड़ा बहुत सपोर्ट किया है। तो अपनी मेहनत है इसमें।
एंजॉयमेंट के लिए खेलते पहुंचे शीर्ष पर
क्रिकेटर रिंकू सिंह ने बताया कि इंडियन क्रिकेट टीम में खेलने का उन्होंने पहले सपना नहीं देखा था। उन्होंने बस ऐसे ही क्रिकेट एंजॉयमेंट के लिए खेलना शुरू किया। तब हम इंजॉय करने के लिए और क्रिकेट को जानने के लिए कि यह क्रिकेट कैसी चीज है ,खेलना शुरू किया। फिर क्रिकेट अच्छा लगा तो मेहनत करते रहे और जैसे जैसे खेलने को मिला मौका तो आगे बढ़ते रहे। 2012 में अंडर 16 खेला तो वहां से सारी चीजें चालू हो गई और सपने देखने शुरू हो गए कि इंडिया के लिए खेलना है। अब वह सारी चीज पूरी हो गई और अपना सपना भी पूरा हो गया।
इंडिया के ड्रेसिंग रूम में बैठने और उस समय जो फिलिंग मन में आता है उसके संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में रिंकू सिंह ने कहा कि हर खिलाड़ी का सपना होता है इंडिया खेलना और बड़े बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर काफी बड़ी बात होती है, तो इसमें बड़ा मजा आता है,ड्रेसिंग रूम शेयर करने में।
मां और भाई का मिला सपोर्ट
क्रिकेट खेलने में परिवार के सपोर्ट के बारे में पूछने पर रिंकू सिंह ने कहा कि परिवार में मम्मी ने मुझे ज्यादा सपोर्ट किया। पापा ऐसे थे कि ज्यादा सपोर्ट करते नहीं थे,वे चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं। पापा का ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला पर मम्मी ने सपोर्ट किया,भाई ने सपोर्ट किया। मम्मी और भाई का सपोर्ट ज्यादा मिला और इस तरह से काम चला रहा और मैं अपनी मेहनत करता रहा।
पांच गेंदों में पांच छक्कों को बताया जीवन बदलने वाला
पांच गेंदों में पांच छक्कों के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में रिंकू सिंह ने बताया कि उस समय दिमाग में चल रहा था कि उतनी अच्छी बैटिंग हो नहीं रही है,क्योंकि बल्ले से बाल नहीं लग रही थी। 14 बॉल में सिर्फ आठ रन बने थे, जिससे कॉन्फिडेंस लो हो गया था। मुझे यह भी नहीं पता था कि पांच बालों में 28 रन चाहिए। इतनी अच्छी बैटिंग नहीं हो रही थी इसलिए मैं परेशान था। तो फिर मैंने पहले और दूसरे के बाद तीसरा छक्का मारा फिर स्कोर बोर्ड देखा। तब दिखा कि दो बाल में 10 रन चाहिए, तब मुझे लगा कि दो छक्के मारकर बन सकते हैं। फिर मैने दो छक्के लगा दिए। इसके बाद सारी चीजें चेंज हो गई,लाइफ चेंज हो गई। सब मुझे जानने लगे इस पांच छक्के से। मेरे लिए लाइफ चेंजिंग मूवमेंट था वह।
राजनीति और शादी के बारे में कहा
सपा की सांसद से सगाई होने पर क्रिकेट के मैदान से राजनीति के मैदान में शुरूआत के बारे में कहा कि मेरा सिर्फ क्रिकेट में फोकस है, राजनीति उनका फील्ड है। वो अपना काम करती हैं और मैं अपना काम करता हूं। शादी की तैयारी के संबंध में रिंकू सिंह ने कहा कि शादी की तैयारियां चल रही है,अभी डेट फिक्स नहीं हुआ है। जब डेट फिक्स होगा तो सामने आ ही जाएगा और सभी को पता चल जाएगा