Bilaspur News: बारुद के ढेर पर बिलासपुर शहर, बम के धमाकों से दहल उठा शहर, जानिए पटाखा गोदामा-दुकान के लिए बनाए गए मापदंड व गाइड लाइन
Bilaspur News: बिलासपुर के तोरवा का इलाका आज सुबह बम के धमकों से दहल उठा। रिहायशी इलाके में फटाखा फैक्ट्री में आगजनी की घटना घट गई। बस फिर क्या था,देखते ही देखते गोदाम से आग की लपटें निकलने लगी। लपटों के बीच धमाके सुनाई देने लगा। पढ़िए इनसाइड स्टोरी,पटाखा गोदाम व दुकान के अलावा फैक्ट्री के लिए क्या मापदंड है। जिला प्रशासन के अफसर नियमों की कैसे अनदेखी कर रहे हैं। यह अनदेखी कहीं जानलेवा साबित ना हो जाए।
बिलासपुर। पटाखा गोदामा व दुकान के लिए लाइसेंस की कड़ी शर्त है। भारतीय विस्फोटक अधिनियम के तहत बनाए गए मापदंड व गाइड लाइन पर नजर डालें तो पटाखे की एक से दूसरे दुकान के बीच की दूरी कम से कम 15 फुट से अधिक होनी चाहिए। एक और खास बात यह कि दुकान व गोदाम एक मंजिल पर होना चाहिए।
ये कुछ ऐसे मापदंड है जिसका पालन कर बेहद जरुरी और अनिवार्य शर्त में से एक है। इसका पालन करने के साथ ही गोदाम व दुकानों में क्या-क्या रखना जरुरी है इसे लेकर भी शर्तें तय कर दी गई है। मसलन दुकान में कम से कम 10 बोरी रेत रखना होगा। पटाखा गोदाम में कम से कम 50 बोरी रेत, दो बड़े ड्राम में चौबीस घंटे पानी भरा हाेना चाहिए। 6 फायर एक्सटिंग्यूसर सिलेंडर भी रखना जरुरी है।
बिलासपुर शहर में इन नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। तोरवा में सुबह जिस पटाखा गोदाम में भारी विस्फोट हुआ है वह घनी आबादी वाले इलाके में है। अचरज की बात ये नियमों का पालन कराने वाले अफसरों ने इसकी अनदेखी क्यों और कैसे की। तोरवा के अलावा ईदगाह चौक के पास,गांधी प्रतिमा चौक,जूनाबिलासपुर ज्वाली नाला के आसपास,जूनी लाइन। ये घनी बस्ती इलाके हैं। जहां पटाखा दुकानों का बड़े पैमाने पर संचालन किया जा रहा है। आगजनी की घटना हुई तो बड़ा बवंडर हो सकता है। इस बात की आशंका इन इलाकों में हमेशा बनी रहती है।
ये है नियम
. पटाखों की बिक्री या भंडारण पक्का शेड के अंदर होना चाहिए। शेड के निर्माण में बोरा, लकड़ी, पुआल आदि ज्वलनशील सामग्री के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।
. शेड पूरी तरह सुरक्षित होना चाहिए।
. हर शेड या दुकान की आपस में दूरी कम से कम तीन मीटर होना जरुरी है। पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी या अन्य ज्वलनशील या विस्फोटक की दुकानें पटाखा भंडारण स्थल से 15 मीटर दूर होनी चाहिए। मतलब साफ है ऐसी जगहों पर पटाख गोदाम की अनुमति नहीं मिलेगी।
. पटाखा दुकान में लैंप, गैस लैंप या नेकेड लाइट को बैन किया गया है। बिजली के तार या स्विच खुले या क्षतिग्रस्त अवस्था में ना हों।
. एक स्थान (कलस्टर) में अधिक से अधिक 50 दुकानें ही लगाई जा सकती हैं।
गोदामा के लिए यह सब जरुरी शर्तें
पटाखा फैक्ट्रियों में एक समय में सिर्फ 15 किलो के बारूद से ही पटाखा बनाने की अनुमति दी गई है। पटाखा फैक्ट्री में पटाखा बनाने के कुछ मिनटों में इसे गोदामा व दुकान में शिफ्ट करना होता है। इसके बाद फिर 15 किलोग्राम बारूद से ही पटाखा बनाना होगा।
घनी आबादी से दूर होना चाहिए गोदाम व कारखाना
0 पटाखा फैक्ट्री और दुकान आबादी के तकरीबन एक किलोमीटर दूर होने चाहिए।
0 बिजली सप्लाई के लिए लगाए गए हाइटेंशन तार, ट्रांसफार्मर के आसपास फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए।
0 अग्निशमन विभाग और संबंधित थाना पुलिस की एनओसी है अनिवार्य।
0 फैक्ट्री या दुकान में दीवारों पर ध्रूमपान निषेध की सूचना बोर्ड, क्रेता का नाम लिखा होना आवश्यक है।
0 फैक्ट्री संचालक, दुकानदार को आतिशबाजी का अनुभव प्रमाण पत्र जरुरी है।
0 फैक्ट्री कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी होनी चाहिए।
0 मजदूरों के लिए दास्ताने, स्पेशल ड्रेस, मास्क सहित अन्य सुरक्षा के उपकरण होने चाहिए।
0 मौके पर प्राथमिक उपचार, फस्ट एड बाक्स होना चाहिए।