Bilaspur Highcourt News: म्यूल अकाउंट से 20 लाख का फ्रॉड, आरोपी महिला की जमानत खारिज
Bilaspur Highcourt News: म्यूल अकाउंट से 20 लाख रुपए के फ्रॉड के मामले में पुलिस ने खाताधारक महिला को आरोपी बनाया था। महिला के खाते में साइबर ठगी से मिली राशि को ठिकाने लगाया गया था। महिला ने तर्क दिया था की उसे खाता खोले जाने की जानकारी नहीं है,उसने पीएम आवास के लिए फार्म भरा था। वही राज्य सरकार के तर्कों को सुन महिला की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
Chhattisgarh High Court (NPG FILE PHOTO)
Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने म्यूल एकाउंट के जरिए 20 लाख रुपए के साइबर फ्राड की आरोपी महिला की दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने कहा कि मामला गंभीर है और इसमें अंतरराज्यीय संलिप्तता के सबूत हैं।
रायपुर के पुरानी बस्ती निवासी ज्योति मिश्रा पर आरोप है कि उसका बैंक ऑफ महाराष्ट्र का अकाउंट संगठित म्यूल बैंकिंग नेटवर्क का हिस्सा था। इस नेटवर्क का उपयोग साइबर अपराध से मिली रकम को छिपाने के लिए किया जा रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि कम समय में 20 लाख 71 हजार रुपए इस खाते में जमा हुए थे। पुलिस ने महिला के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया था। उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, कहा कि खाता उसकी जानकारी या सहमति के बिना खोला गया था। वह निरक्षर हैं और उसने प्रधानमंत्री आवास योजना का फॉर्म भरने के लिए अपने दस्तावेज दिए थे। उसे झूठे केस में फंसाया गया है।
राज्य सरकार ने दिया तर्क, दस हजार रुपए के लालच में ठगों को सौंपा था अकाउंट
जमानत याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि पुलिस की पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि अश्विनी विश्वकर्मा नामक व्यक्ति के कहने पर 10 हजार रुपए के लालच में बैंक खाता खुलवाया और एटीएम कार्ड समेत एकाउंट किट उसे सौंप दी थी। यह भी बताया कि इस खाते से जुड़े तीन साइबर फ्रॉड केस रायपुर, दिल्ली के द्वारका और उत्तरप्रदेश के संभल में दर्ज हैं। राज्य सरकार के तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने महिला की जमानत दूसरी जमानत खारिज कर दी।