Bilaspur High Court: करंट से दो बच्चों की मौत: हाई कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को तलब कर जताई नाराजगी
Bilaspur High Court: बिजली करंट से दो बच्चों की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री को तलब कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट की नाराजगी सामने आते ही बिजली विभाग सक्रिय हुआ और मृत बच्चों के परिजन को मुआवजा राशि का वितरण किया।
CG Highcourt News
Bilaspur High Court: बिजली करंट से दो बच्चों की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री को तलब कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट की नाराजगी सामने आते ही बिजली विभाग सक्रिय हुआ और मृत बच्चों के परिजन को मुआवजा राशि का वितरण किया। हाई कोर्ट की संजीदगी और मामले की गंभीरता का आलम ये कि चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अवकाश के दिन हाई कोर्ट खुलवाया और मामले की सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। विभाग के अफसरों ने यह भी बताया कि पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है। खेत और आंगनबाड़ी में करंट लगने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इस प्रकरण में बिजली विभाग ने पीड़ित परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की जानकारी दी। एक परिवार को चार लाख और एक परिवार को एक लाख रुपये का मुआवजा राशि का वितरण किया गया है। सुनवाई के दाैरान विभाग के अफसरों ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरुरी उपाय करने की जानकारी कोर्ट को दी। बता दें कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अवकाश के दिन कोर्ट खुलवाया और सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने चीफ सिकरेट्री को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश जारी किया था। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हो, रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय के बारे में भी विस्तार से जानकारी देने की बात कही थी।
पहली घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की है, जहां करगीकला गांव में 6 साल के बच्चे की खेत के पास खेलते हुए करंट लगने से मौत हो गई थी। दूसरी घटना कोंडागांव जिले की है। आंगनबाड़ी में करंट की चपेट में आने से ढाई साल की बच्ची महेश्वरी यादव की जान चली गई थी। मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजे के निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य में खेतों में बाड़ पर बिजली का करंट लगाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे इंसान के अलावा पशु और वन्यजीवों की मौत हो रही है। बरसात के मौसम में यह और भी खतरनाक हो जाता है। पानी भरने से पूरा इलाका करंट की चपेट में आ सकता है।