BharatMala Project Scam: पढ़िए इनसाइड स्टोरी, EOW के बाद ED की इंट्री के क्या मायने, घोटाले के आरोप में EOW ने जिनको किया था गिरफ्तार, क्या उन पर है ईडी की नजर?

BharatMala Project Scam Inside Story: रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच निर्माणाधीन भारतमाला प्रोजेक्ट में 34 करोड़ रुपए के मुआवजा घोटाले की परत-दर-परत पर्दाफाश NPG.NEWS ने किया था। एनपीजी की खबर के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने EOW को घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना में से एक इस प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने को पहुंचाए गए नुकसान की जांच और घोटालेबाजों तक पहुंचने के लिए अब इस मामले में ईडी की इंट्री हो गई है। पढ़िए इनसाइड स्टोरी, ईडी की इंट्री के क्या मायने हैं। जाहिरतौर पर शराब घोटाले की तर्ज पर अब घोटालेबाजों तक पहुंचने ईडी अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। छापेमारी के बाद से यह तय हो गया है कि ईडी पहले दस्तावेज जुटाएगी और उसके बाद अपना शिकंजा कसना शुरू करेगी।

Update: 2025-12-30 07:57 GMT

BharatMala Project Scam Inside Story: रायपुर। रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच निर्माणाधीन भारतमाला प्रोजेक्ट में 34 करोड़ रुपए के मुआवजा घोटाले की परत-दर-परत पर्दाफाश NPG.NEWS ने किया था। एनपीजी की खबर के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने EOW को घोटाले की जांच का जिम्मा सौंपा है। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना में से एक इस प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने को पहुंचाए गए नुकसान की जांच और घोटालेबाजों तक पहुंचने के लिए अब इस मामले में ईडी की इंट्री हो गई है। पढ़िए इनसाइड स्टोरी, ईडी की इंट्री के क्या मायने हैं। जाहिरतौर पर शराब घोटाले की तर्ज पर अब घोटालेबाजों तक पहुंचने ईडी अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। छापेमारी के बाद से यह तय हो गया है कि ईडी पहले दस्तावेज जुटाएगी और उसके बाद अपना शिकंजा कसना शुरू करेगी।

ईडी ने सोमवार को रायपुर और महासमुंद में 9 ठिकानों पर एकसाथ दबिश दी। ईडी ने प्रापर्टी डीलर और राजस्व अफसरों के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। कुछ जगहों पर अफसर व कर्मचारी नहीं मिले। घर में ताला जड़कर निकल गए थे। जिन अधिकारी व राजस्व विभाग के कर्मचारियों के घर पर ताला जड़ा मिला, दीवार पर नोटिस चस्पा कर ईडी के अफसर निकल गए। जो मिले उनके घरों में दस्तावेजों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच चलती रही। ईडी की टीम प्रॉपर्टी डीलर हरमीत सिंह खनूजा के नवा रायपुर स्थित घर के अलावा महासमुंद में उनके ससुराल हरमीत चावला और जसबीर सिंह बग्गा के घर भी अफसरों ने दबिश दी। तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू के घर पर ईडी ने दबिश दी और जांच पड़ताल करते रहे।

राजस्व अधिकारी हैं ईडी के टारगेट पर

तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, आरआई रोशन लाल वर्मा, तहसीलदार शशिकांत कुरें, नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी जितेंद्र साह, बसंती घृतलहरे, दिनेश पटेल और लेखराम देवांगन के घरों में दबिश देकर दस्तावेजों की पड़ताल की व जब्ती भी बनाई। छापेमारी के दौरान रोशन लाल वर्मा सहित आधा दर्जन अधिकारियों ने अपने घरों में ताला जड़ दिया था।

EOW ने जिन्हें किया था गिरफ्तार, उस पर लगी ED की नजर

तत्कालीन पटवारी गोपाल राम वर्मा, पीएचई अधिकारी नरेंद्र नायक, गृहिणी उमा तिवारी, पति केदार तिवारी, कारोबारी विजय जैन, खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और अभनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष कुंदन बघेल। ये ऐसे लोगों हैं जिनको घोटाले में संलिप्तता के आरोप में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। इन लोगों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अभी सभी लोग जमानत पर हैं। ईडी ने अब इनकी भूमिका पर अपनी नजर रखना शुरू कर दिया है। घोटाले में संलिप्तता को लेकर ईडी ने अब इनकी भूमिका की जांच शुरू कर दी है।

तहसीलदार पत्नी के जरिए प्रापर्टी डीलर ने बनवाए फर्जी दस्तावेज

प्रापर्टी डीलर हरमीत खनूजा की पत्नी तहसीलदार है। हरमीत ने कारोबारी विजय जैन, खेमराज कोसले और केदार तिवारी के साथ मिलकर बैकडेट में किसानों से फर्जी बंटवारा, नामांतरण के दस्तावेज तैयार कराया। ब्लैंक चेक और आरटीजीएस फॉर्म पर हस्ताक्षर भी करा लिया। आईसीआईसीआई बैंक, महासमुंद में अकांउट खुलवाया। इसी बैंक अकाउंट में मुआवजे की राशि जमा कराई। इसके बाद अलग-अलग खातों में राशि ट्रांसफर किया गया।

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