बेटियों का कमालः CM विष्णुदेव साय के जशपुर की बेटियां क्रिकेट की पिच पर कर रही कमाल, प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अव्वल

राष्ट्रीय क्रिकेट टीम महिला अंडर-17 में जशपुर की 03 खिलाड़ियों का हुआ चयन। सरगुजा संभाग की टीम में जशपुर की 13 बच्चियां लहरा रही अपना परचम। सरगुजा संभाग की टीम ने प्राप्त किए रजत पदक

Update: 2024-10-12 06:30 GMT

जशपुरनगर। क्रिकेट को भारत में खेल नहीं बल्कि जुनून के रूप में जाना जाता इस जुनून का रंग अब जशपुर की बेटियों में भी नजर आ रहा है। जहां जशपुर की बेटियां ना सिर्फ राज्य अपितु राष्ट्रीय स्तर पर जिले का परचम लहराने के लिए तैयारी कर रहीं हैं। इसमें विशेष यह है कि जशपुर जिले में संचालित प्री मेट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला की 03 बालिकाओं का चयन अम्बिकापुर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2024-25 महिला अंडर-17 में अच्छे प्रदर्शन के द्वारा रजत पदक प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के अंडर-17 दल में हो गया है। चयनित खिलाड़ियों में एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की और वर्षा बाई शामिल है। जो आगामी महिला अंडर-17 राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता 2024-25 में सम्मिलित होगें।

इसके संबंध में छात्रावास की अधीक्षिका पंडरी बाई ने बताया कि उनकी बेटी आकांक्षा रानी जब छोटी थी तब उन्होंने उसकी रुचि क्रिकेट में देखी और उसे अच्छे स्तर पर कोचिंग दिलाई और उसने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की फिर जब उन्होंने अपने छात्रावास की बच्चियों की ओर देखा तो सभी में अपनी बेटी के समान ही छुपी प्रतिभा को पाया और ठान लिया की वो उन बच्चियों के लिए भी एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगी।

उन्होंने आगे बताया कि उसके बाद उन्होंने छात्रावास में ही अभ्यास पिच का निर्माण करवाया, फिर बच्चों के लिए बेहतर क्रिकेट सामग्रियां भी ली और अपनी बेटी एवं उसके कोच के माध्यम से बच्चियों की ट्रेंनिग चालू की। जल्द ही इसका परिणाम सामने आने लगा एक एक कर छात्रावास की सभी बच्चियों की प्रतिभा बाहर आने लगी। आज सरगुजा संभाग की क्रिकेट टीम में 13 बच्चियां जशपुर की हैं और 11 तो इचकेला छात्रावास की ही हैं। इसके अलावा तीन बच्चियों का चयन राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के अंडर-17 दल में हुआ है और एक बालिका का चयन बीसीसीआई की अंडर 19 दल में भी हुआ है। हमें शासन प्रशासन का समय समय पर योगदान एवं भी मिलता रहा जिसके लिए हम आभारी हैं।

बीसीसीआई अंडर 19 दल में वर्षा का हुआ चयन

10वीं कक्षा की वर्षा बाई ने बताया कि छात्रावास में अधीक्षिका के द्वारा हमें निरन्तर प्रशिक्षण एवं सहायता उपलब्ध करायी जा रहा है जिससे हमें प्रोत्साहन मिलता है जब मेरे राष्ट्रीय टीम में चयन की बात मेरे परिजनों को पता चली तो उनकी खुशी का ठीकाना नहीं था उन्होंने पूरे गाँव में मिठाइयां बाटीं। सभी ने कहा कि ऐसे ही खेलो ताकि पूरे देश और विश्व में जिले का नाम रौशन करो। मेरा चयन राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के अंडर-17 दल के साथ बीसीसीआई के अंडर -19 दल में भी हुआ है।

स्मृति मंदाना की तरह बल्लेबाज बनना चाहतीं हैं एंजेल

कक्षा 8वीं में पढ़ने वाली एंजेल लकड़ा ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनका चयन राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के अंडर-17 दल में हुआ है। मुझे मेरे शिक्षकों का पूरा सहयोग मिलता है। मेरा सपना है कि मैं भी अपनी पसंदीदा बल्लेबाज स्मृति मंदाना की तरह बल्लेबाज बनूं और देश का नाम रौशन करूँ।

झुमुर का सपना हो रहा पूरा

8वीं कक्षा में अध्ययनरत झुमुर लकड़ा ने बताया कि उनका सपना था कि कभी वह राष्ट्रीय दल में खेलें जब उनका चयन राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के अंडर-17 दल में हुआ तब उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। मेरे पिता का साया सिर से उठने के बाद मेरी माँ ने मुझे बहुत मेहनत से पाला। मेरी माँ का भी सपना था कि मैं उनका और अपने परिवार का नाम रौशन करूँ छात्रावास में अधीक्षिका के द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन से यह संभव हो पाया कि मैं अब राष्ट्रीय स्तर पर अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर पा रहीं हूँ।

खेल के साथ पढ़ाई भी...

जिले के प्रतिभावान बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नवसंकल्प शिक्षण संस्थान संचालित किया जा रहा है। जिला खनिज न्यास से संचालित इस संस्थान में कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के नेतृत्व में 34 छात्र-छात्राओं ने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता एवं छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। इन 33 छात्रों में से 25 छात्र-छात्राएं नवसंकल्प के वर्तमान शिक्षक परीक्षा बैच के छात्र हैं जबकि 9 छात्रों ने विभिन्न बैच में संस्थान में रह कर परीक्षा की तैयारी की है।

संस्थान के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिला कर उन्हें उत्कृष्ट भविष्य प्रदान करने के लिए जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन के सहयोग से नव संकल्प शिक्षण संस्थान संचालित किया जा रहा है। जहां हमारे संस्थान से 33 छात्र छात्रों का चयन शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा में हुआ है। सीटैट और सीजीटैट क्वालीफाई करने के बाद छात्र केंद्र और राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली शिक्षक भर्ती के लिए पात्र हो गए हैं, आगे उन्होंने कहा कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में छात्रों का यह परीक्षा पास करना नवसंकल्प के लिए गौरव की बात है।

ये हुए सफल

सफल होने वाले छात्र-छात्राओं में गिरिजा यादव, पोहिमा पैंकरा, भारती चक्रेश, रोहित चक्रेश, नीलम मिंज, नीरज निराला, अरविन्द कुमार, बालकनाथ, मेनका पैंकरा, प्रीतम एक्का, सौरभ संवासी, पुष्पांजलि चौहान, कमलेश कच्छप, दामोद भगत, साजन साय, देवंती बाई, विश्वनाथ साय, राकेश राम,गणेश प्रजापति, संजीव लकड़ा, संगीता साय, रामशिला, यशोदा, मनास्मनी, प्रीति निराला, प्रिया बघेल, निर्मला पैंकरा, प्रेम सागर यादव शामिल हैं।

दिव्यांग नीरज को मिला नव संकल्प से हौसला

कुनकुरी के छोटे से गांव कोराबहरी के किसान परिवार से आने वाले दिव्यांग नीरज निराला बचपन से ही चलने-फिरने और बोल पाने में कठिनाई होती थी। ऐसे में उन्हें बचपन से ही शिक्षक बन कर लोगों के जीवन में शिक्षा का उजाला करने का सपना था। उन्होंने उसके लिये जशपुर आ कर शिक्षा प्राप्त करना प्रारम्भ किया। आरम्भिक ज्ञान उपरांत जब शिक्षक बनने के लिए पता किया तो शिक्षक पात्रता परीक्षा की स्वयं तैयारी प्रारम्भ की पर मार्गदर्शन की कमीं से उन्हें अपनी तैयारी अधूरी लगती थी ऐसे में जिला प्रशासन की नव संकल्प पहल उनके लिए वरदान बनीं जहां उन्हें शिक्षकों का सहयोग मिला। जिससे उन्होंने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ की राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा बल्कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को भी उत्तीर्ण किया।

पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ गिरिजा ने पास की पात्रता परीक्षा

जशपुर की गिरिजा यादव शादी के पहले से ही शिक्षक बनने का ख्वाब आंखों में लिए बीएड कर रहीं थी पर माता की तबियत खराब होने से शिक्षा छूट गयी। उसके साथ ही पारिवारिक दायित्व के निर्वहन में दिल की तमन्ना दब कर रह गयी थी। उन्हें अपने पारिवारिक दायित्व के साथ सपना पूरा होना नामुमकिन सा लगने लगा ऐसे में नव संकल्प नई किरण बन कर उनके जीवन में आई। अपने 2 साल की छोटी बच्ची को लेकर वे कोचिंग जाने लगी। कोचिंग के शिक्षकों द्वारा उन्हें पूरा सहयोग और मार्गदर्शन दिया गया। जिससे वो माता होने के दायित्व के साथ पढ़ाई कर सकीं और छत्तीसगढ़ और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को एक साथ उत्तीर्ण किया।

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