3 IAS-IPS पर CBI ने कार्रवाई की सिफारिश की……रेप मामले में अफसरों की चूक जांच में आयी सामने… सभी अधिकारी अभी बड़े पदों पर हैं काबिज

Update: 2020-09-11 10:57 GMT

लखनऊ 11 सितंबर 2020। उन्नाव केस में CBI कई IAS-IPS अफसरों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप मामले में सीबीआई ने उन्नाव में तैनात रही तीन महिला अफ़सरों समेत चार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए सिफारिश की है। जिन अफसरों के खिलाफ शिकंजा कसा जा सकता है, उन्नाव की तत्कालीन ज़िलाधिकारी आईएएस अदिति सिंह, तत्कालीन एसपी आईपीएस नेहा पांडेय और आईपीएस पुष्पांजलि माथुर के अलावे ASP अस्तभुजा सिंह शामिल हैं।

अदिति सिंह 2009 बैच की IAS अफसर हैं और 24 जनवरी 2017 से 25 अक्टूबर 2017 के बीच उन्नाव की डीएम रही है। नेहा पांडेय भी 2009 बैच की IPS अफसर है और अभी मौजूदा वक्त में आईबी में अस्टिटेंट डायरेक्टर है। फरवरी 2016 से अक्टूबर 2017 के बीच वो उन्नाव की एसपी रही थी। उस दौरान उन्होंने पीड़ित लड़की की गुहार को अनसुना कर दिया था। पुष्पांजलि देवी 2006 बैच की आईपीएस अफसर है और अभी डीआईजी रेलवे है। वो भी अप्रैल 2018 तक एसपी उन्नाव रही थी। ASP अस्तभुजा सिंह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी हैं।

यह वही मामला है जिसमें बांगरमाऊ के तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अदालत ने दोषी क़रार देते हुए उम्र क़ैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में सेंगर की गिरफ़्तारी से पहले ही बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.इन तीन महिला अफ़सरों में

सीबीआई ने अपनी जांच में इन अधिकारियों की लापरवाही पाई और इनके विरुद्ध सरकार से कार्रवाई की सिफ़ारिश की है.लखनऊ में गृह विभाग तैनात एक सीनियर आईएएस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने इन सभी अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई किए जाने की सिफ़ारिश की है.

अपने पत्र में, एजेंसी ने विधायक द्वारा माखी गांव, बांगरमऊ, उन्नाव में सेंगर के आवास पर नाबालिग के दुष्कर्म के मामले और बाद में सेंगर के समर्थकों द्वारा परिवार के उत्पीड़न मामले से निपटने में खामियों को रेखांकित किया। सीबीआई ने किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग नहीं की बल्कि इन अधिकारियों के नेतृत्व में हुई खामियों को उजागर कर एजेंसी के अवलोकन के मद्देनजर उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार पर छोड़ दी है। 2009 बैच की आईएएस अधिकारी अदिति सिंह वर्तमान में हापुड़ की डीएम हैं।

कुलदीप सेंगर को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में, दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में उन्नाव में नाबालिग से दुष्कर्म के लिए भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया था। अदालत ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता और POCSO अधिनियम के तहत दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 53 वर्षीय सेंगर को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा कि सीबीआई ने साबित कर दिया कि पीड़िता नाबालिग थी। इसके बाद से पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में बंद है।

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