Petrol Diesel Price Today: आज फिर बदले पेट्रोल-डीजल के दाम! आपके शहर में घटे या बढ़े रेट, जानिए ताज़ा अपडेट

Petrol Diesel Price Today: तेल कंपनियों ने आज सुबह पेट्रोल-डीजल के नए दाम जारी किए। ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल के उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई।

Update: 2025-10-31 06:15 GMT

Petrol Diesel Price Today: आज शुक्रवार 31 अक्टूबर को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दामों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। तेल कंपनियां रोज सुबह 6 बजे नई दरें जारी करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के भाव और डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव के कारण घरेलू दाम प्रभावित हुए हैं।

दिल्ली में राहत, मुंबई और चेन्नई में स्थिरता
दिल्ली में आज 24 घंटे के भीतर पेट्रोल ₹94.72 प्रति लीटर और डीजल ₹87.62 प्रति लीटर तक सस्ता हुआ है। मुंबई और चेन्नई में दरों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया। कोलकाता में पेट्रोल ₹104.95 और डीजल ₹91.76 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है।
देश के प्रमुख शहरों में आज का भाव (₹/लीटर)
शहर पेट्रोल डीजल
नई दिल्ली	94.72	        87.62
मुंबई         103.44        89.97
कोलकाता 104.95        91.76
चेन्नई         100.76 92.35
बेंगलुरु         102.92 89.02
गुरुग्राम         95.50         87.97
नोएडा         94.87         88.01
गाजियाबाद 94.89         88.03
जयपुर         104.72 90.21
इंदौर         106.45 91.85
पटना         105.23 91.49
अहमदाबाद 94.49         90.17
चंडीगढ़         94.30         82.45
चांदी और आगरा में भी मामूली गिरावट
आगरा, मेरठ और लखनऊ जैसे यूपी के शहरों में भी पेट्रोल ₹94–95 रुपये के बीच और डीजल ₹87–88 रुपये प्रति लीटर पर है। वहीं जयपुर और इंदौर जैसे शहरों में कीमतें अब भी ₹104–106 रुपये के आसपास बनी हुई हैं।
1 लीटर पेट्रोल पर कितना टैक्स लगता है?
₹94.77 की अंतिम कीमत में पेट्रोल की मूल लागत (Base Price + Freight) ₹53.07 है। इस पर केंद्र सरकार की Excise Duty ₹21.90, राज्य सरकार का VAT ₹15.40 और Dealer Commission ₹4.40 शामिल है। यानी एक लीटर पेट्रोल पर टैक्स और मार्जिन मिलाकर लगभग 40% तक की राशि करों में चली जाती है।
कीमतें घटती-बढ़ती क्यों हैं?
पेट्रोल और डीजल की दरें कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारकों से तय होती हैं:

कच्चे तेल की कीमतें:         भारत अपनी जरूरत का 85% से अधिक तेल आयात करता है।

विदेशी मुद्रा दरें:        डॉलर मज़बूत होने पर तेल महंगा हो जाता है।

सरकारी कर:     केंद्र और राज्य दोनों के टैक्स से कीमतें बढ़ जाती हैं।

रिफाइनिंग और ट्रांसपोर्ट लागत:   पेट्रोल पंप तक तेल पहुंचाने की लागत भी जुड़ती है।

राहत सीमित, ट्रेंड अभी कमजोर
क्रूड मार्केट के स्थिर होते ही भारत में कीमतों में हल्की राहत दिखी है, लेकिन निकट भविष्य में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। फिलहाल उपभोक्ताओं के लिए मामूली राहत तो है, पर दीर्घकाल में दरें डॉलर और क्रूड की दिशा पर निर्भर करेंगी।
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