Paytm Payments Bank: Paytm पेमेंट्स बैंक के खिलाफ ED ने शुरू की जांच, FII ने बेचे 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर
Paytm Payments Bank: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगे आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुरू कर दी है। पेटीएम पर सैंकड़ों करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन के आरोप हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) के पास ऐसे लाखों खाते थे जिनका सही तरीके से नो-योर-कस्टमर (KYC) नहीं हुआ था।
Paytm Payments Bank: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगे आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुरू कर दी है। पेटीएम पर सैंकड़ों करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन के आरोप हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) के पास ऐसे लाखों खाते थे जिनका सही तरीके से नो-योर-कस्टमर (KYC) नहीं हुआ था। इसके अलावा एक PAN से एक से अधिक अकाउंट खोले गए, जिससे करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। इन्हीं आरोपों के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने PPBL के खिलाफ कार्रवाई की।
मामला विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है। हालांकि, पेटीएम ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया है। पेटीएम पर आरोप है कि उसने RBI के उस नियम का उल्लंघन किया, जिसमें भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों से राशि लेने के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता होती है। केंद्र ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) में चीनी निवेश की जांच भी शुरू की है।
पेटीएम और इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं। RBI ने अपनी जांच में पाया है कि PPBL में एक PAN पर 1,000 से अधिक बैंक खाते खोले गए थे। ऐसे खातों की संख्या करोड़ों में है, जिनकी KYC पूरी नहीं थी। इन खातों से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया। यह प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट की निर्धारित सीमा से अधिक हैं, जिससे RBI को मनी लॉड्रिंग की आशंका पैदा हुई।
ED जांच से पेटीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विजय शेखर शर्मा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि RBI ने पहले ही PPBL की अधिकांश सेवाओं और क्रेडिट लेन-देन पर रोक लगा रखी है। RBI और लेखा परीक्षकों द्वारा की गई सत्यापन प्रक्रियाओं के दौरान बैंक द्वारा प्रस्तुत जानकारी में भी खामियां मिली थीं। इसके अलावा मनी और डाटा ट्रैफिक फ्लो में भी दिक्कतें सामने आई थीं। RBI ने ED और केंद्र सरकार को भी जानकारी दी थी।
PPBL के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से 31 करोड़ सक्रिय नहीं हैं, जबकि 4 करोड़ कम राशि के साथ सक्रिय हैं। ऐसे में विशेषज्ञों ने इन निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों या लेनदेन के लिए किए जाने की संभावना जताई है। 2021 में ही RBI ने KYC में गड़बड़ी का पता लगाकर पेटीएम को इन कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
RBI ने PPBL के 29 फरवरी के बाद ग्राहकों के अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग आदि में पैसा जमा करने, पैसा निकालने या टॉप-अप स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। RBI ने पेटीएम को अपने बैंक से नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का भी आदेश भी दिया था। इसके बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि PPBL के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा करने कोई गुंजाइश नहीं है।
ED सितंबर, 2022 में PPBL और पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और अन्य पेमेंट ऐग्रीगेटर के परिसरों पर छापा मार चुकी है। यह कदम जांच एजेंसी ने कई राज्यों में भोले-भाले कर्जदारों द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद उठाया था। मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धारा के तहत ही जांच शुरू हुई थी। अवैध डिजिटल लोन कंपनियों पर ऐप्स के जरिए कर्ज लेने वालों के निजी डाटा चुराने के आरोप थे।