8th Pay Commission: कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट! 8वां वेतन आयोग क्या-क्या बदलेगा? सैलरी, पेंशन, भत्ता और बोनस पर बड़ा फैसला, पढ़ें लाखों Employe लिए क्या बदलेगा?
8th Pay Commission News: 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स के लिए सैलरी, भत्ता, बोनस और पेंशन पर क्या तय करेगा 8वां वेतन आयोग, जानें पूरी जानकारी।
नई दिल्ली। आठवें वेतन आयोग यानी 8th Pay Commission को लेकर केंद्र सरकार ने तस्वीर साफ कर दी है। करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स की नजर इस आयोग की सिफारिशों पर टिकी है। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने 8वें वेतन आयोग से जुड़ा गजट नोटिफिकेशन सदन के पटल पर रखा है, जिसमें आयोग की रूपरेखा, जिम्मेदारियां और दायरा स्पष्ट किया गया है। सरकार ने क्लीयर किया है कि फिलहाल DA-DR को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन वेतन, भत्ते, पेंशन और बोनस से जुड़े सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा होगी।
8th Pay Commission का दायरा कितना बड़ा
केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2025 को आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की। आयोग की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं, जबकि प्रो. पुलक घोष सदस्य (पार्ट-टाइम) और पंकज जैन सदस्य-सचिव हैं। यह आयोग औद्योगिक और गैर-औद्योगिक केंद्रीय कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाएं, रक्षा बल, केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी, CAG, संसद द्वारा बनाए गए नियामक निकाय (RBI को छोड़कर), सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट के कर्मचारी और केंद्र शासित प्रदेशों के अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों को कवर करेगा।
सैलरी और Pay Structure में क्या बदलेगा
8वें वेतन आयोग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह मौजूदा Pay Structure की समीक्षा कर ऐसा ढांचा सुझाए, जिससे सरकारी सेवा में बेहतर टैलेंट आए, कामकाज में दक्षता बढ़े और जवाबदेही मजबूत हो। इसमें मूल वेतन, ग्रेड स्ट्रक्चर और प्रमोशन से जुड़े पहलुओं को नए सिरे से देखने की जिम्मेदारी आयोग पर होगी। सरकार चाहती है कि वेतन प्रणाली सिर्फ महंगाई से तालमेल तक सीमित न रहे, बल्कि प्रदर्शन और जिम्मेदारी से भी जुड़ी हो।
भत्तों और बोनस पर फोकस
8th Pay Commission Terms of Reference के तहत आयोग को सभी तरह के भत्तों, नकद और वस्तु रूपी सुविधाओं की समीक्षा करनी है। इसमें DA यानी महंगाई भत्ता, HRA, TA समेत तमाम अलाउंस को तर्कसंगत और सरल बनाने की सिफारिश करनी होगी। इसके साथ-साथ मौजूदा बोनस स्कीम्स को भी परखने को कहा गया है, ताकि बेहतर प्रदर्शन और उत्पादकता को स्पष्ट मानकों के आधार पर इनाम दिया जा सके।
पेंशन और NPS पर क्या तय करेगा आयोग
पेंशनर्स के लिए राहत की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि आयोग को पेंशन और ग्रेच्युटी की समीक्षा का स्पष्ट अधिकार दिया गया है। चाहे कर्मचारी NPS/एकीकृत पेंशन योजना के तहत आते हों या उससे बाहर, दोनों श्रेणियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और पेंशन से जुड़े सुझाव आयोग देगा। राज्यसभा में सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पेंशन पूरी तरह आयोग के दायरे में है, हालांकि DA-DR मर्जर पर फिलहाल कोई फैसला नहीं है।
DA-DR मर्जर पर सरकार का साफ रुख
संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने साफ कहा कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को मूल वेतन में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है। यानी कर्मचारियों को इस मुद्दे पर तुरंत राहत की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, लेकिन दीर्घकालिक सिफारिशों में आयोग इस पर अपनी राय दे सकता है।
आर्थिक हालात भी बनेंगे आधार
आठवें वेतन आयोग को सिफारिशें देते वक्त देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन, विकास और कल्याण योजनाओं के लिए संसाधनों की उपलब्धता, गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की लागत और राज्यों की वित्तीय हालत को ध्यान में रखना होगा। चूंकि अधिकतर राज्य केंद्र के वेतन आयोग की सिफारिशें अपनाते हैं, इसलिए इसका असर राज्यों के बजट पर भी पड़ेगा। साथ ही निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की वेतन-सुविधाओं से भी तुलना की जाएगी।
रिपोर्ट की डेडलाइन और आगे का रास्ता
आयोग का मुख्यालय दिल्ली में है और उसे 18 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है। जरूरत पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भी दी जा सकती है। आयोग अपने कामकाज की प्रक्रिया खुद तय करेगा और विशेषज्ञों या सलाहकारों की मदद ले सकता है। मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों और कर्मचारी संगठनों से पूरा सहयोग मिलने की उम्मीद जताई गई है।
कुल मिलाकर 8th Pay Commission Big Update Today यह है कि सैलरी, भत्ता, बोनस और पेंशन चारों मोर्चों पर बड़े फैसले आने वाले हैं लेकिन सब कुछ देश की आर्थिक सेहत और वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखकर किया जाएगा। अगले डेढ़ साल में आयोग की सिफारिशें तय करेंगी कि करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स की जेब पर इसका क्या असर पड़ेगा।