ITBP DG Praveen Kumar: ITBP हेड IPS प्रवीण कुमार बने BSF के कार्यवाहक DG, जानें कौन हैं प्रवीण कुमार

ITBP DG Praveen Kumar: केंद्र सरकार ने ITBP DG प्रवीण कुमार को BSF का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। दलजीत सिंह चौधरी के रिटायरमेंट के बाद कुमार अब ITBP और BSF दोनों की कमान संभालेंगे। जानिए उनका प्रोफाइल और जिम्मेदारियों का पूरा अपडेट।

Update: 2025-11-28 11:52 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक अहम प्रशासनिक कदम उठाते हुए ITBP के डायरेक्टर जनरल (DG) प्रवीण कुमार को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है। इस फैसले के बाद कुमार अब एक साथ दो प्रमुख बॉर्डर-सिक्योरिटी फोर्स - ITBP और BSF - की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसका मतलब है कि वह हिमालयी इंडिया-चाइना फ्रंटियर और इंडिया-पाकिस्तान व इंडिया-बांग्लादेश सीमा दोनों की सुरक्षा को लीड करेंगे।

यह नियुक्ति BSF के मौजूदा DG दलजीत सिंह चौधरी के 30 नवंबर 2025 को रिटायरमेंट के बाद लागू होगी। प्रवीण कुमार तब तक BSF DG के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे, जब तक केंद्र सरकार किसी स्थायी DG की नियुक्ति नहीं कर देती। सरकार का यह कदम ट्रांजिशन पीरियड में कमांड की कंटिन्यूटी और ऑपरेशनल Stability सुनिश्चित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
1993 बैच के IPS अधिकारी, दो दशक IB में अनुभव
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1993 बैच के IPS अधिकारी प्रवीण कुमार को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वह 1 अक्टूबर 2025 को ही ITBP के DG बने थे। ITBP की कमान संभालने से पहले उन्होंने इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में दो दशक से भी अधिक समय तक काम किया है, जहां वह इंटेलिजेंस और फील्ड ऑपरेशन्स दोनों में सक्रिय रहे। उनके कम्प्रेहैन्सिव अनुभव और तेज़ निर्णय क्षमता को देखते हुए सरकार ने BSF जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पद पर उन्हें एडिशनल चार्ज देने का फैसला लिया है।
BSF की कमान: देश की सबसे अहम सुरक्षा जिम्मेदारियों में से एक
BSF देश की सबसे बड़ी बॉर्डर गार्डिंग फोर्स है जिसके पास पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की सीधी जिम्मेदारी है। लगभग 2.7 लाख से अधिक कर्मियों वाली इस फोर्स के DG का पद केंद्र की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं की संवेदनशीलता को देखते हुए DG BSF की भूमिका रणनीतिक ऑपरेशन्स, इंटेलिजेंस कोऑर्डिनेशन और एंटी-इंफिल्ट्रेशन प्रयासों में अहम होती है। सरकार का यह निर्णय बताता है कि प्रवीण कुमार की लीडरशिप पर उसका भरोसा मजबूत है और वह सीमा सुरक्षा के ट्रांजिशन फेज में स्थिरता बरकरार रखना चाहती है।
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