IPS Om Prakash Pal Biography in Hindi: आईपीएस ओम प्रकाश पाल का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस ओपी पाल?

IPS Om Prakash Pal Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– ओम प्रकाश पाल छत्तीसगढ़ कैडर के 2003 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले है। फौज में मेजर के पद पर कार्यरत ओपी पाल ने फौज से रिटायरमेंट लेकर प्रथम प्रयास में 82 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की है।

Update: 2024-06-15 09:25 GMT

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एनपीजी। ओपी पाल छत्तीसगढ़ कैडर के 2003 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले है। फौज में 15 वर्षों तक सेवा देने के बाद ओपी पाल आईपीएस की सर्विस में आए हैं। वे 6 जिलों के एसपी व दो रेंज के आईजी रहे है। आइए जानते हैं उनके बारे में...

जन्म और शिक्षा:–

ओम प्रकाश पाल का जन्म 17 जून 1968 को उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले के ग्राम बांसगांव में हुआ है। ओपी पाल का गांव बांसगांव बस्ती जिले में शहर से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। ओपी का जन्म गांव में ही हुआ और 10 वर्ष की उम्र तक वे गांव में ही रहे। शुरुआत की पढ़ाई उनकी गांव में हुई। उनके पिता फौज में सेना इंजीनियरिंग सेवा विंग में थे। जब उनके पिता की पोस्टिंग आगरा में हुई तब वे ओपी को अपने साथ आगरा ले गए। 2 साल केंद्रीय विद्यालय आगरा में पढ़ाई की। फिर वे गोरखपुर आए। गोरखपुर में आगे की पढ़ाई करते करते उनका चयन एक स्कॉलरशिप परीक्षा के लिए हुआ। स्कॉलरशिप के तहत उन्होंने बिड़ला विद्या मंदिर नैनीताल से आठवीं से लेकर ग्यारहवीं तक की पढ़ाई की। फिर उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए हो गया। 1985 में एनडीए खड़कवासला में चयन के बाद ओपी पाल सेना में गए। 1989 में सेवा की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ओपी पाल सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए। ओपी ने बीएससी की डिग्री ली है। सेना में उन्होंने आर्टीलरी रेजीमेंट में 15 वर्षों तक सेवा दी। फिर सन 2000 में म्युचअल रिटायरमेंट ले लिया। ओपी पाल सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के पद से नौकरी की शुरुआत कर मेजर तक के पद पर पहुंचे थे। फौज में मेजर के पद पर कार्य करते हुए सेना की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

प्रोफेशनल कैरियर:–

सेना छोड़ने के बाद यूपीएससी की परीक्षा में एक्स आर्मी मैन को मिलने वाले एज रिलैक्सेशन का फायदा उठा ओपी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। और 1 साल की ही तैयारी में 2002 में यूपीएससी की परीक्षा दी। अपने प्रथम प्रयास में ही 82 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस के लिए चयनित हो गए। हालांकि सेना छोड़ते वक्त यूपीएससी दिलाने जैसी कोई योजना उनकी नही थी। ओपी पाल ने 1 सितंबर 2003 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। ओपी पाल दंतेवाड़ा, धमतरी, कोरिया,सरगुजा,रायपुर,दुर्ग एसपी रहें है। ओपी पाल के दंतेवाड़ा में एसपी रहने के दौरान ही नक्सलियों के खिलाफ सलवा– जुडूम का अभियान चलाया। रायपुर एसपी रहते ओपी पाल ने सिमी के शहरी नेटवर्क को तोड़ा। ओपी पाल ने परिवहन विभाग में भी काम किया। परिवहन में ओपी पाल ने जनता को बिना परेशान हुए आसानी से सुविधा उपलब्ध करवाने में भूमिका निभाई। उन्होंने कई सेवाओं को ऑनलाइन किया। अंतरराज्यीय चेक पोस्ट को बंद करने का काम ओपी पाल के ही कार्यकाल में हुआ। राजस्व में भी खासी बढ़ोतरी हुई।

पुलिस उप महानिरीक्षक के रूप में ओपी पाल डीआईजी प्रशासन तथा नक्सल अभियान रहे। आईजी के पद पर पदोन्नति के पश्चात अपर परिवहन आयुक्त, व अल्प समय के लिए आईजी रायपुर व दुर्ग रहे है। छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी ओपी पाल सम्हाल चुके है।

वर्तमान में ओमप्रकाश पाल पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिरीक्षक ( नक्सल अभियान/ विशेष आसूचना शाखा) के पद पर कार्यरत हैं। ओपी पाल एक पुत्री व एक पुत्र के पिता है। ओपी पाल की बेटी का चयन उत्तरप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा में हो चुका है। वे उत्तर प्रदेश में एक प्रशासनिक अधिकारी हैं।

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