IPS Jitendra Kumar Yadav Biography in Hindi: आईपीएस जितेंद्र कुमार यादव का जीवन परिचय ( जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस जितेंद्र कुमार यादव?

IPS Jitendra Kumar Yadav Biography, Hindi, Age,wiki, wife,Family, Children, Name, Date of Birth, wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth:– जितेंद्र कुमार यादव छत्तीसगढ़ कैडर के 2018 बैच के आईपीएस हैं। मूलतः भी वे छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले है। पूर्व में भी उनका यूपीएससी के माध्यम से आईआरएस के लिए चयन हुआ था। जिसके बाद आईपीएस के लिए भी चयनित हुए हैं। सीजीपीएससी में भी चयनित होने वाले जितेंद्र यादव तीन बार यूपीएससी में चयनित हो चुके हैं।

Update: 2024-07-05 14:15 GMT

IPS Jitendra Kumar Yadav

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एनपीजी। जितेंद्र यादव छत्तीसगढ़ कैडर के 2018 बैच के आईपीएस हैं। मूलतः भी वे छत्तीसगढ़ के ही जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लॉक के रहने वाले हैं। वेटरनरी की पढ़ाई में गोल्ड मेडलिस्ट करने के बाद जितेंद्र यादव का चयन छत्तीसगढ़ पीएससी और यूपीएससी के माध्यम से आईआरएस के लिए भी हुआ था। फिर नौकरी करते हुए उन्होंने यूपीएससी दिलाई और 170 वीं रैंक के साथ आईपीएस के लिए चयनित हुए। सीजीपीएससी के अलावा तीन बार यूपीएससी भी जितेंद्र यादव ने निकाली है। वर्तमान में जितेंद्र यादव बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में....

जन्म और शिक्षा:–

जितेंद्र यादव छत्तीसगढ़ कैडर के 2018 बैच के आईपीएस हैं। वह मूलतः जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लॉक के पाकर गांव के रहने वाले हैं। 25 जनवरी 1989 को जितेंद्र यादव का जन्म अपने गृह ग्राम में ही हुआ। उनके पिता स्व. घनश्याम यादव सिंचाई विभाग में लगभग 28 वर्ष तक संविदा सुपरवाइजर रहे थे। सन 2008 में वे नियमित कर्मचारी बने। जितेंद्र से बड़े दो बड़े भाई हैं। उनके सबसे बड़े भाई नरेंद्र यादव पत्थलगांव में सरकारी शिक्षक और दूसरे नंबर के भाई संजय यादव दंतेवाड़ा जिले में सब इंस्पेक्टर हैं।

जितेंद्र यादव की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर से हुई। फिर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा निकाल कर 12 वीं तक नवोदय विद्यालय भूपदेवपुर रायगढ़ से पढ़ाई की। दसवीं में उनका 85% अंक और बारहवीं में 90.6% अंक आए थे। 11वीं 12वीं में उन्होंने भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई की थी। 12वीं के बाद चेन्नई जाकर मद्रास कॉलेज ऑफ वेटनरी से बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस से स्नातक किया। तमिलनाडु वेटरनरी विश्वविद्यालय में 84.94% अंकों के साथ जितेंद्र गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।

जितेंद्र के पिता 28 वर्षों तक संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत रहे थें। 2008 में उन्हें सिंचाई विभाग में सुपरवाइजर के पद पर नियमित नियुक्ति मिली। जितेंद्र के पिता को किडनी की बीमारी हो गई। उन्हें माह में दो बार डायलिसिस के लिए कोरबा ले जाना पड़ता था। बीमारी के इलाज व आने जाने में काफी रकम खर्च हो जाती थी। जिसके चलते जितेंद्र के दोनों बड़े भाइयों ने सिर्फ ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की और घर को सपोर्ट करने तथा जितेंद्र को आगे पढ़ाने के लिए सरकारी सेवाओं में लग गए।

जितेंद्र को कॉलेज की पढ़ाई के लिए चेन्नई भेजने में उनकी मां लीलावती यादव की प्रेरणा थी। उनके पिता जितेंद्र की इतनी दूर पढ़ाई करने जाने के शुरू में खिलाफ थे। पर उनकी मां ने कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद भी उनके पिता को इस बात के लिए राजी किया। जितेंद्र को आगे बढ़ाने में उनके दोनों बड़े भाइयों का भी काफी सपोर्ट मिला। जितेंद्र के कॉलेज की पढ़ाई का पूरा खर्च उनके भाई ही वहन करते थे। जितेंद्र के भाइयों ने जितेंद्र की पढ़ाई के लिए काफी त्याग व समर्पण किया। जिम्मेदारियां के चलते उन्होंने ग्रेजुएशन से आगे पढ़ाई नहीं की। उनके दोनों भाई अपना पूरा वेतन पिता के इलाज के अलावा जितेंद्र को पढ़ाने में लगा देते थे। जितेंद्र की तैयारी में भटकाव उत्पन्न ना हो इसलिए उन्होंने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के समय जितेंद्र को पिता के आईसीयू में भर्ती होने की जानकारी नहीं दी। प्रारंभिक परीक्षा देकर निकलते ही पिता के स्वास्थ्य की जानकारी देकर वापस घर बुलाया।

ग्रेजुएशन करने के बाद जितेंद्र यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली आ गए। घरवालों पर आर्थिक बोझ न पड़े इसके लिए उन्होंने दिल्ली में पशु चिकित्सा विभाग में नौकरी ज्वाइन कर ली। दिल्ली में ही नौकरी ज्वाइन करने के पीछे जितेंद्र की सोच यह थी कि यहां रहकर यूपीएससी की तैयारी भी हो जाए और उनके रहने खाने व पढ़ाई का खर्च भी निकल जाए। नौकरी लगने के बाद घर वालों के ऊपर जितेंद्र को आश्रित नहीं रहना पड़ा था। छत्तीसगढ़ पीएससी भी 114 वीं रैंक के साथ जितेंद्र यादव चयनित हुए थे।

बिना कोचिंग के तैयारी करते हुए यूपीएससी के 2014 के फर्स्ट अटेम्प्ट में ही जितेंद्र ने 379 वीं रैंक के साथ परीक्षा में सफलता हासिल की। वे भारतीय राजस्व सेवा के लिए चयनित हुए और सेंट्रल एंड कस्टम एक्साइज डिपार्टमेंट मे नियुक्ति पाकर हरियाणा के रोहतक में 3 वर्षों तक जीएसटी के सहायक आयुक्त के पद पर रहें। जितेंद्र के पिता उनके आईपीएस बनने से पहले ही स्वर्गवासी हो गए थे। हालांकि उनके निधन से पहले जितेंद्र का चयन आईआरएस के लिए हो चुका था।

2015 और 2016 का एग्जाम भी नौकरी करते हुए जितेंद्र ने दिलाया। पर उनका प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं निकल पाया। 2017 यूपीएससी में 170 वीं रैंक के साथ एग्जाम क्रैक कर आईपीएस के लिए चयनित हुए। आईपीएस की ट्रेनिंग ज्वाइन करने के बाद जितेंद्र 2018 यूपीएससी भी दिलाई। 2018 में भी 350 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक जितेंद्र यादव ने किया। पर उनका सर्विस अपग्रेड नहीं हो पाया। 2018 के बाद जितेंद्र यादव ने यूपीएससी नही दिलाई।

प्रोफेशनल कैरियर:–

जितेंद्र यादव ने 27 अगस्त 2018 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात फील्ड ट्रेनिंग के लिए जितेंद्र यादव की पोस्टिंग बलौदा बाजार–भाटापारा जिले में प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर हुई। जहां वे भाटापारा थाना प्रभारी के पद पर रहें। भाटापारा में थाना प्रभारी रहते हैं उन्होंने आबकारी के मामलों में वह आईपीएल सट्टा के मामलों में उल्लेखनीयकार्यवाही की। थाना क्षेत्र में हुए दो अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई। बलौदा बाजार के बाद जितेंद्र यादव सीएसपी दुर्ग रहें। दुर्ग में लॉ एंड ऑर्डर संभालने के अलावा महादेव एप मामले में कार्यवाही भी की। दुर्ग के चर्चित शिवांश चंद्राकर हाई प्रोफाइल मर्डर का खुलासा किया।

दुर्ग के बाद जितेंद्र यादव कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन बने। इस दौरान बस्तर फाइटर्स की भर्ती प्रक्रिया में शामिल रहे। आमबेड़ा में पुलिस कैंप भी खुलवाया। नक्सल ऑपरेशन को भी लीड किया। बतौर एसपी जितेंद्र यादव की पहली पोस्टिंग बालोद जिले में हुई। बालोद में उन्हें बिगड़ी हुई लॉ एंड ऑर्डर सम्हालने भेजा गया था। बालोद में पाटेश्वर धाम के इशू को बड़ी ही सहजता व समझदारी से हैंडल किया। लॉ एंड ऑर्डर को पटरी पर लाया। यहां हुई चर्चित एक करोड़ की चोरी का खुलासा किया। बालोद में जितेंद्र यादव 1 साल 8 माह पदस्थ रहें। बालोद के बाद जितेंद्र यादव बीजापुर जिले के एसपी बने।

बीजापुर में 6 माह के कार्यकाल में नक्सलियों के कोर एरिया में तीन कैंप खोले गए। नक्सली मुठभेड़ों में 51 नक्सली मारे गए। 280 से ऊपर नक्सली अरेस्ट हुए। इसके साथ ही 122 नक्सलियों ने सरेंडर किया। वर्तमान में जितेंद्र यादव बीजापुर के एसपी हैं। बतौर एसपी यह उनका दूसरा जिला है।

जीवन साथी:–

जितेंद्र यादव का विवाह वेदश्री के साथ हुआ है। आईपीएस जितेंद्र यादव की पत्नी वेद श्री फूड साइंटिस्ट हैं।

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