IAS Subodh Singh: ईमानदार और इनोवेटिव IAS सुबोध सिंह को बनाया गया बलि का बकरा! बेदाग रहा है 27 साल का कैरियर...
IAS Subodh Singh: छत्तीसगढ़ कैडर के 97 बैच के आईएएस अफसर सुबोध सिंह साफ-सुथरी छबि के अफसर माने जाते हैं। 27 साल की आईएएस की सर्विस में वे जहां और जिस विभाग में पोस्ट हुए, उन्होंने वहां अपना बेस्ट देते हुए हमेशा कुछ नया करने का प्रयास किया। ऐसे अफसर को एनटीए पेपर लीक केस में बलि का बकरा बना दिया गया।
IAS Subodh Singh: रायपुर। ठीक ही कहा जाता है, भारत देश में राजनेता कम ही फंसते हैं, गाज गिरती है तो अफसरों पर। एनटीए पेपर लीक कांड में केंद्र सरकार ने डायरेक्टर जनरल सुबोध सिंह को हटा दिया। जाहिर सी बात है, लोकसभा की सत्र शुरू होने वाला था और बिहार में बीजेपी और जय यू के नेता कटघरे में आ रहे थे, सो ऐसे समय में किसी-न-किसी को बलि तो चढ़ाना ही पड़ता। लिहाजा, 22 जून को देर रात सुबोध सिंह को हटा दिया गया।
शिक्षक के बेटा
सुबोध सिंह सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखते हैं। यूपी के कानपुर जिले के निवासी सुबोध के पिता प्रायमरी स्कूल में शिक्षक थे। 1997 में जब यूपीएससी क्रैक कर वे आईएएस चुने गए तो उनके गांव के आसपास आईएएस बनने का युवाओं पर ऐसा जुनून सवार हुआ कि उनकी देखादेखी आधा दर्जन से अधिक का आईएएस में सलेक्शन हो गया।
शुरू से मेधावी रहे सुबोध
सुबोध सिंह बचपन से ही मेधावी छात्र रहे। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने कानपुर आईआईटी से ग्रेजेएशन किया और उसके बाद जुट गए यूपीएससी की तैयारी में। और आईएएस सलेक्ट हुए।
27 साल का आउटस्टैंडिंग कैरियर
सुबोध सिंह जब आईएएस चुने गए तब मध्यप्रदेश का बंटवारा नहीं हुआ था। सो, उन्हें मध्यप्रदेश कैडर मिला। तीन साल बाद 2000 में छत्तीसगढ़ बना तो उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर अलाट हो गया। वे छत्तीसगढ़ के काफी सुलझे हुए आईएएस अधिकारी माने जाते हैं। छत्तीसगढ़ में सुबोध जिस भी पोस्टिंग में रहे, उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। वे रायगढ़, रायपुर, बिलासपुर और फिर रायपुर जिले के कलेक्टर रहे। उन्हें दो बार रायपुर का कलेक्टर बनाया गया। रायपुर और बिलासपुर में सिटी बस सेवा उनके कार्यकाल में ही शुरू हुआ। इसमें उनकी भूमिका अहम रही। रायपुर कलेक्टर के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह ने सुबोध को अपने सचिवालय में बुला लिया। वे करीब आठ साल सीएम सचिवालय में रहे।
सिस्टम को ऑनलाइन
छत्तीसगढ़ के कई विभागों को ऑनलाइन करने में सुबोध सिंह की बड़ी भूमिका रही। माईनिंग को उन्होंने ही ऑनलाइन किया था। यही वजह रही कि रमन सिंह की सरकार में माईनिंग में कोई स्कैम नहीं हो सका। सुबोध लीक से हटकर ऐसे इनोवेटिव कार्य करने वाले आईएएस अधिकारी माने जाते हैं, जिससे आम आदमी की सहूलियतें बढ़े।
2020 सेंट्रल डेपुटेशन
सुबोध सिंह 2020 में सेट्रल डेपुटेशन पर चले गए। वहां उन्हें सिविल सप्लाई में ज्वाइंट सिकरेट्री बनाया गया। बाद में उनका प्रमोशन हुआ और वे एडिशनल सिकरेट्री हो गए। अप्रैल 2023 में भारत सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का डीजी अपाइंट किया। मगर खटराल सिस्टम को वे ठीक करते तब तक नीट पेपर लीक कांड हो गया।
जानिए कौन हैं सुबोध सिंह
IAS Subodh Kumar Singh Biography: एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक के बेटे को केंद्र सरकार ने देश की टॉप परीक्षाएं ऑर्गनाइज कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक की कमान सौंपी है। उस होनहार बेटे का नाम है, सुबोध कुमार सिंह। छत्तीसगढ़ कैडर के 1997 बैच के आईएएस सुबोध कुमार सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के हैं. केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय में वे एडिशनल सेक्रेटरी थे। उन्हें अब डायरेक्टर जनरल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) बनाया गया है। यहां जानिए उनके बारे में...