IAS Sanjita Mohapatra Biography: जानिए कौन है आईएएस संजीता महापात्रा, जिनके जन्म से दुखी थे घरवाले, अब करते हैं गर्व
IAS Sanjita Mohapatra Biography: संजीता महापात्रा महाराष्ट्र कैडर की 2020 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। मूलतः वे उड़ीसा की रहने वाली है। उनका जन्म सुंदरगढ़ में और लालन-पालन राउरकेला में हुआ।

IAS Sanjita Mohapatra Biography: संजीता महापात्रा महाराष्ट्र कैडर की 2020 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। मूलतः वे उड़ीसा की रहने वाली है। उनका जन्म सुंदरगढ़ में और लालन-पालन राउरकेला में हुआ। उनसे पहले भी उनकी एक बड़ी बहन हैं। गरीब परिवार में जन्मी संजीता महापात्रा के माता-पिता को बेटे की चाहत थी इसलिए वे संजीता के जन्म पर उसे अपनाना नहीं चाहते थे। पर संजीता की बड़ी बहन की जिद के चलते संजीता को साथ रखने के लिए वे तैयार हुए। कठिन आर्थिक संघर्षों के बीच पढ़ाई करते हुए संजीता ने भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और 5 साल तक सेल में नौकरी की। बिना कोचिंग के ही उड़ीसा पीएससी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर सेकेंड रैंक के साथ चयनित हुई। पांचवे अटेम्प्ट में दसवें रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनीं। वर्तमान में महाराष्ट्र के अमरावती जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में संजीता महापात्रा पदस्थ हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में....
जन्म और शिक्षा
34 वर्षीया संजीता महापात्रा महाराष्ट्र कैडर की 2020 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वे मूलतः उड़ीसा की रहने वाली है। उनका जन्म सुंदरगढ़ में हुआ है पर लालन पालन राउरकेला में हुआ है। संजीता के माता पिता काफी गरीब थे और परिवार चलाने के लिए ने माता-पिता ने कई जगह छोटी-छोटी नौकरियां की। संजीता के माता पिता की पहली संतान एक बेटी थी जिसके बाद वे परिवार में बेटे को जन्म देना चाह रहे थे। पर उनकी दूसरी संतान भी संजीता के रूप में बेटी ही हुई। जिससे उन्हें काफी निराशा हुई और वह संजीता को रखना नहीं चाहते थे। पर संजीता की बड़ी बहन ने अपनी छोटी बहन को रखने की जिद की जिसके बाद उनके माता पिता उन्हें रखने के लिए राजी हुए और रखा। संजीता ने भी अपने माता पिता का मान बढ़ाया और जिस बेटी को कभी उसके माता-पिता रखना नहीं चाह रहे थे उस बेटी ने अथक मेहनतकर यूपीएससी क्रैक किया और आईएएस बन अपने माता पिता का नाम रोशन किया।
संजीता का बचपन काफी गरीबी में गुजरा। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते काफी संघर्षों से उनकी पढ़ाई हुई। पर संजीता बचपन से ही पढ़ने में कुशाग्र थी जिसके चलते शिक्षकों,समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों ने उनकी मदद की। संजीता को स्कॉलरशिप भी मिली और उन्होंने अपने स्कूलिंग पुरी की।
स्कॉलरशिप की मदद से भुवनेश्वर के सीईटी इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री ली। इंजीनियरिंग के पढ़ाई के दौरान ही कलेक्टर बनने के सपने के चलते यूपीएससी की तैयारी करने लगी। डिग्री पूरी करने के बाद स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के राउरकेला स्टील प्लांट में प्रशिक्षु तकनीकी के रूप में नौकरी शुरू की। फिर जूनियर मैनेजर बनी। इस दौरान उनका काम फील्ड मेंटेनेंस और कर्मचारियों को मैनेज करना तथा शिफ्ट में ड्यूटी लगाना था। 2018 तक उन्होंने नौकरी की।
यूपीएससी में चयन
नौकरी करते हुए संजीता महापात्रा ने यूपीएससी के तीन अटेम्प्ट दिए पर तीनों में ही उनका प्रारंभिक परीक्षा भी क्लियर नहीं हुआ। यूपीएससी में ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने 2018 में सेल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरा फोकस तैयारी को दिया। चौथे अटेम्प्ट में उनका प्री तो निकला पर मेंस नहीं निकल पाया। यूपीएससी 2019 में उन्होंने अपना पांचवा अटेम्प्ट दिया। इसमें प्रारंभिक, मुख्य के साथ ही साक्षात्कार निकालते हुए पूरे देश में दसवें रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक कर आईएएस के लिए चयनित हुई।
सेल्फ स्टडी से पाई सफलता
संजीता ने तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं की। उन्होंने इसके लिए सेल्फ स्टडी और हार्ड वर्क का रास्ता चुना। समाजशास्त्र उनका वैकल्पिक विषय था। वह प्रति सप्ताह का लक्ष्य बनाकर सेल्फ स्टडी करती थी और एनसीईआरटी की किताबों से नोट्स बनाती थी। नोट्स में मुख्य बिंदुओं को हाईलाइट करती थी। करंट अफेयर्स के लिए अखबारों का सहारा लेती थी। जिसके आधार पर कड़ी मेहनत करते हुए संजीता आईएएस बनीं। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनका चयन उड़ीसा पीएससी में भी हुआ था। पीएससी में पूरे राज्य में संजीता ने सेकंड रैंक लाया था। पर यूपीएससी की तैयारी से ध्यान ना भटके इसके लिए उन्होंने उड़ीसा पीएससी से चयनित होने के बाद भी वहां ज्वाइन नहीं किया।
जीवन साथी
संजीता ने 2017 में आरबीआई के मुंबई मुख्य ब्रांच में पदस्थ मैनेजर बिश्वरंजन मुंडारी से शादी की है। शादी के बाद पति और ससुराल वालों की प्रेरणा और सपोर्ट के चलते यूपीएससी में ध्यान केंद्रित करने के लिए राउरकेला स्टील प्लांट की नौकरी से संजीता ने इस्तीफा दे दिया और मुंबई शिफ्ट हो गई। चार बार असफल होने के बाद भी पति और ससुराल वालों की प्रेरणा के चलते पांचवीं बार यूपीएससी दिलाई और दसवें रैंक के साथ चयनित हुई।
पोस्टिंग
संजीता महापात्रा ने यूपीएससी 2019 में 10 वा रैंक लाया। उन्हें आईएएस 2020 बैच और महाराष्ट्र कैडर एलॉट हुआ। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के बाद उनकी महाराष्ट्र में नियुक्ति हुई। वर्तमान में महाराष्ट्र में अमरावती जिला परिषद की सीईओ है। सीईओ रहते हुए वह सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त बनाने के काम में जुटी है। उन्होंने एसएचजी के उत्पादों के लिए उनकी ब्रांडिंग और पैकेजिंग से लेकर उनके प्रोडक्ट की लॉन्च के लिए एक विशिष्ट बाजार बनाने पर फोकस किया है। वह सरकारी स्कूलों की शिक्षा की क्वालिटी में भी सुधार लाने की दिशा में जुटी हुई है। उनका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना और आदिवासी इलाकों के विकास में योगदान देना है।
संजीता के जन्म पर उनके माता पिता एक लड़की संतान को अपनाना नहीं चाहते थे पर उनकी दोनों बेटियों ने अपने खुद के बलबूते पर अपने पैरों में खड़े हो अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। संजीता के आईएएस बनने पर उनके माता-पिता को बड़ा गर्व है। उनकी बड़ी बहन भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड बेंगलुरु में मैनेजर है। दोनों बहनों ने गांव में घर बनाने में अपने माता-पिता की मदद की है। दोनों बेटियां श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता का ध्यान रखती है।