EX IAS Pooja Khedkar: पूजा खेड़कर को सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत: कोर्ट ने कहा न हत्यारी, न ड्रग माफिया, उसने अपना सब-कुछ खो दिया, अब तो नौकरी भी नहीं मिलेगी...
EX IAS Pooja Khedkar: फर्जी सर्टिफिकेट से यूपीएससी सलेक्ट व बर्खास्त प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेड़कर को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा ने सब-कुछ खो दिया और उन्हें अब दोबारा नौकरी भी नहीं मिलेगी। पूजा न तो ड्रग माफिया, न हत्यारिन,न आतंकी और ना ही एनडीपीएस की आरोपी हैं। उन्हें पूर्व में ही दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जमानत दे दी जानी चाहिए थी।
EX IAS Pooja Khedkar: वर्ष 2023 बैच की बर्खास्त प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेड़कर को सुप्रीम कोर्ट से नियमित अग्रिम जमानत मिल गई है। पूजा खेड़कर को पहले सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी।जिसे अदालत ने बढ़ा दी थी। अब नियमित जमानत प्रदान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूजा न तो ड्रग माफिया हैं,न हत्यारिन है और न ही आतंकी या रेपिस्ट या एनडीपीएस की आरोपी है। उन्हें पहले ही हाई कोर्ट को जमानत दे दी जानी चाहिए थी।
पूजा खेड़कर वर्ष 2023 बैच की बर्खास्त प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र और फर्जी गैर क्रीमीलेयर का ओबीसी प्रमाण पत्र लगाकर आईएएस बनने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त पूजा पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ थीं। उन पर सीनियर अधिकारी के चैंबर में कब्जा करने,अपने लिए गाड़ी,आवास, पीएसओ मांगने तथा निजी गाड़ी में लाल नीली बत्ती तथा महाराष्ट्र सरकार लिखवा घूमने की शिकायत थी।
मामले में पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवासे ने शिकायत की थी। जिसके बाद पूजा का वासिम तबादला कर दिया गया था। मामला काफी चर्चित रहा था। जिसके बाद मामले की कड़ियां खुलते हुए परत दर परत पूजा के नियुक्ति तक पहुंच गई। जांच में जानकारी मिली कि पूजा ने नकली विकलांगता सर्टिफिकेट और नकली नान क्रीमीलेयर का सर्टिफिकेट लगाकर तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट प्राप्त करने और उम्र सीमा बीत जाने के बाद भी परीक्षा दिलाने की जानकारी सामने आई। जिसके बाद उनकी ट्रेनिंग बीच में ही रद्द कर उन्हें एकेडमी बुला लिया गया। उनसे जवाब तलब के बाद उनकी सेवा समाप्त करते हुए उनके खिलाफ यूपीएससी ने दिल्ली में एफआईआर भी करवाई।
एफआईआर के खिलाफ पूजा ने जमानत के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका लगाई थी। पर 1 अगस्त 2024 को वहां से याचिका खारिज हो गई। इसके बाद पूजा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची। वहां से भी 23 दिसंबर 2024 को पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई। जमानत खारिज करने का आधार बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि यह संवैधानिक निकाय के साथ साथ समाज और पूरे देश के साथ धोखाधड़ी हैं। हाईकोर्ट ने माना था कि पूजा के माता पिता प्रभावशाली लोग है, उनके पिता भी आईएएस रह चुके है। लिहाजा मिलीभगत की आशंका है।
दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद पूजा सुप्रीम कोर्ट पहुंची। यहां जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि पूजा न तो ड्रग माफिया हैं और न हत्यारिन है। अदालत ने कहा कि पूजा न तो एनडीपीएस की आरोपी है और न ही उसने कोई रेप किया है। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट को नियमित अग्रिम जमानत पहले ही प्रदान कर देनी चाहिए थी।
अदालत ने कहा कि आपके पास कोई सिस्टम या सॉफ्टवेयर होना चाहिए,जिससे इस तरह की जांच समय पर हो। पूजा से सबकुछ छीन गया है,यहां तक कि अब उन्हें कही नौकरी भी नहीं मिलेगी।
इसके साथ ही पूजा को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी गई।पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अपने द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को आगे बढ़ा दिया था। अब नियमित अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए अदालत ने पूजा के लिए शर्तें तय करते हुए कहा है कि इस मामले में पूजा जांच में पूरा सहयोग करेंगी तथा गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी। न ही वे सबूतों छेड़छाड़ करेंगी। उन्हें गिरफ्तारी की दशा में 25 हजार रुपए बांड का जमानत और दो जमानतदार प्रस्तुत करने होंगे। स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने और किसी शर्त का उल्लंघन करने पर अग्रिम जमानत रद्द की जा सकती है।