Civil Service Conduct Rules: सरकारी नौकरी में राजनैतिक सिफारिश: जानिए... क्‍या कहता है सिविल सेवा नियम, पटवारी पर कार्यवाही के बाद से चर्चा में है मामला

Civil Service Conduct Rules: सरकारी कर्मचारियों के लिए आचरण नियम बना हुआ है। इसे छत्‍तीगसढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम कहते हैं। इसमें शासकीय सेवकों के सेवा और निजी जिंदगी के लिए कई नियम तय किए गए हैं। इनका उल्‍लंघन करने पर कठोर कार्यवाही का भी प्रावधान है।

Update: 2024-03-07 13:43 GMT

Civil Service Conduct Rules: रायपुर। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965, जब भी किसी शासकीय कर्मचारी पर कार्यवाही होती है तो इस नियम का उल्‍लेख जरुर रहता है। बीते एक-दो दिनों से इस नियम की चर्चा कुछ ज्‍यादा ही हो रही है। वजह यह है कि बिलासपुर कलेक्‍टर अवनीश शरण ने मंत्री बंगले में सिफारिश लगाने पहुंचे एक पटवारी को इसी नियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पटवारी अपना तबादला रुकवाने के लिए राजस्‍व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले पहुंच था। कलेक्‍टर ने इसे छत्‍तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विरुद्ध मानते हुए जवाब तलब किया है।

दरअसल सिविल सेवा नियम कहता है कि कोई भी शासकीय कर्मचारी शासन के अधीन अपनी सेवा से संबंधित मामलों में अपने हितों की वृद्धि के लिए किसी वरिष्‍ठ अधिकारी पर कोई राजनैतिक या अन्‍य प्रभाव न तो डालेगा और न डलवाने का प्रयत्‍न करेगा। यह नियम मध्‍य प्रदेश के समय से चल रहा है, इसके बावजूद अक्‍सर शासकीय सेवक ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने या रुकवाने के लिए मंत्री या दूसरे राज नेताओं के यहां पहुंच जाते हैं। कई मामलों में तो मंत्री और नेता शासकीय सेव की तरफ से प्राप्‍त आवेदन पर सिफारिश भी कर देते हैं।

अब चूंकि इस मामले में एक पटवारी पर कार्यवाही हो गई है ऐसे में अब ऐसी गलती करने वाले दूसरे शासकीय सेवाओं पर कार्यवाही की संभावना बढ़ गई है। यानी मंत्री और नेता के यहां सिफारिश के लिए पहुंचने वाले शासकीय सेवाओं को अब सतर्क रहना पड़ेगा मामला उल्‍टा भी पड़ सकता है।




 


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