Chhattisgarh News: CG कबूतर तो बच गया, लेकिन एसपी साहब की कुर्सी उड़ गई: जानिये..एक मात्र एसपी के ट्रांसफर के पीछे की कहानी

Chhattisgarh News: छत्‍तीसगढ़ एक के एक जिले के एसपी की आज छुट्टी हो गई है। लोग साहब को हटाए जाने का आधार खोज रहे हैं। बताया जा रहा है कि तबादले के पीछे एक कबूतर है।

Update: 2024-09-14 13:30 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। राजधानी रायपुर के नए सर्किट हाउस में 12 और 13 तारीख को कलेक्‍टर्स-एसपी का कांफ्रेंस चला। दो दिनों तक मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने आला अफसरों के साथ 33 जिलों के कलेक्‍टरों और एसपी की क्‍लास ली। इस दौरान कुछ जिलों के कलेक्‍टर्स और एसपी के काम पर सीएम ने असंतोष जाहिर करते हुए परफॉर्मेंस सुधारने का निर्देश दिया। कहा जा रहा है कि इस बैठक के आधार पर कुछ कलेक्‍टर और एसपी बदले जा सकते हैं। ऐसे में आज जैसे ही एसपी ट्रांसफर की खबर आई तो प्रशासनिक गलियरे में चर्चा शुरू हो गई कि कितने जिलों के एसपी बदले गए। यह रहस्‍य भी ज्‍यादा देर कायम नहीं रहा। पता चला कि केवल एक जिला के एसपी बदले गए हैं।

गृह विभाग से जारी इस आदेश में मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर को हटाकर उनके स्‍थान पर भोजराम पटेल को वहां का एसपी बनाया गया है। गिरिजा शंकर 2010 बैच के आईपीएस है। डीआईजी रैंक पर हैं और यह उनका चौथा जिला था। उन्‍हें पीएचक्‍यू बुला लिया गया है। अब लोग इस एक मात्र एसपी को हटाए जाने के कारण तलाशने लगे। कलेक्‍टर्स कांफ्रेंस में मौजूद अफसरों से पूछा गया कि क्‍या मुंगेली के ला एंड आर्डर को लेकर कुछ गंभीर बात हो गई थी, तो पता चला कि बैठक में मुंगेली के परफॉर्मेंस पर कोई खास टिकाटिप्‍पणी नहीं हुई है तो फिर गिरिजा शंकर हटा क्‍यों दिए गए।

एक अफसर ने कहा कि मुंगेली एसपी को हटाने जाने की पटकथा करीब 2 महीने पुरानी है। मामला 15 अगस्‍त को शांति दूतों (कबूतरों) को उड़ाने से जुड़ा है। बता दें कि 15अगस्त को मुंगेली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुंगेली एसपी के हाथ से कबूतर उड़ नहीं पाया था, बल्कि उनके हाथ से निकल कर कबूतर गिर गया। कुछ लोग ने कहा कि एसपी को मरा हुआ कबूतर थमा दिया गया था, लेकिन बाद में पता चला की वह बीमार था। ईलाज के बाद वह उड़ गया। इस घटना को लेकर एसपी और कलेक्‍टर के बीच में कथित तनातनी की भी खबरें आई। एसपी ने कलेक्‍टर को पत्र लिखकर इसकी जांच करने के लिए कहा था।

गिरिजा शंकर को हटाए जाने के पीछे दूसरा कारण उनकी वरिष्‍ठता बताई जा रही है। गिरिजा शंकर 2010 बैच के आईपीएस हैं। अब वे डीआईजी हो चुक हैं। चार जिलों की कप्‍तानी भी कर चुके हैं। इसी वजह से उन्‍हें हटा दिया गया, लेकिन इस तर्क में दम नहीं है क्‍योंकि इनसे एक बैच सिनियर 2009 बैच के आईपीएस तुकाराम काम्बले गरियाबंद के एसपी हैं, जबकि 2010 बैच के एमआर अहिरे सूरजपुर जिला के कप्‍तान है।

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