CG IPS Transfer:…और अब आईपीएस की बारी: छत्‍तीसगढ़ में रेंज और जिला से लेकर पीएचक्‍यू तक होगा बदलाव

CG IPS Transfer: छत्‍तीसगढ़ की नई विष्‍णुदेव साय सरकार ने प्रशासनिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है। सरकार के पहले ही ऑडर में 88 आईएएस प्रभावित हुए हैं। अब पुलिस में सर्जरी की बारी है। मंत्रालय के स्‍तर पर इसकी भी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

Update: 2024-01-04 15:28 GMT

CG IPS Transfer: रायपुर। सत्‍ता में आने के करीब 20 दिन बाद छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार ने प्रशासनिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है। 3 जनवरी की आधी रात को सरकार ने 88 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आर्डर जारी किया। बताया जा रहा है कि प्रदेश में यह अब तक की सबसे बड़ी सर्जरी है। इसमें नगरीय निकाय, संभाग और जिला से लेकर मंत्रालय तक के अफसर प्रभावित हुए हैं। अभी आईएएस अफसरों की एक और सूची जारी होने की उम्‍मीद की जा रही है। इधर, पुलिस मुख्‍यालय (पीएचक्‍यू) यानी पुलिस में सर्जरी की सुगबुगाहट तेज हो गई है। आईएएस की सूची को देखते हुए आईपीएस की लिस्‍ट भी लंबी होने की उम्‍मीद की जा रही है।

अफसरों के अनुसार आईपीएस ट्रांसफार- पोस्टिंग की एक्‍सरसाइज चल रही है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी 7 आईजी रेंज और 3 डीआईजी रेंज के साथ 33 जिलों के एसपी, बटालियनों और पीएचक्‍यू में पदस्‍थ अफसरों की पूरी सूची मांगी गई है। इसके साथ ही विभिन्‍न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे आईपीएस अफसरों के साथ ही संविदा वालों की भी पूरी सूची मांगी गई है। सूत्रों के अनुसार हर एक नाम पर कई तरह से फिडबैक लिया जा रहा है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार पीएचक्‍यू से बाहर बैठे कुछ अफसरों की मुख्‍यालय में वापसी की भी चर्चा गरम है। बताया जा रहा है कि खुफिया विभाग के चीफ को लेकर सबसे ज्‍यादा रस्‍साकशी चल रही है। एडीजी रैंक के अफसर को खुफिया विभाग का चीफ बनाए जाने की भी चर्चा चल रही है। प्रशासनिक गलियारों में जो चर्चा है उसके अनुसार सरकार किसी भी संविदा आईपीएस अफसर की सेवा फिलहाल समाप्‍त नहीं करेगी। वहीं, 3 से ज्‍यादा रेंज आईजी और करीब 15 जिलों के एसपी इधर से उधर किए जा सकते हैं। इसमें कुछ एसपी को शिकायत के आधार पर हटाने की तैयारी है। ऐसे अफसरों को पीएचक्‍यू या बटालियन में भेजा जा सकता है।

आईपीएस अफसरों की सूची कब तक जारी होगी इसको लेकर अभी कोई स्‍पष्‍ट जानकारी निकल कर नहीं आ रही है, लेकिन एक-दो दिन के भीतर आदेश जारी हो सकता है। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि 8 जनवरी को गृह मंत्री विजय शर्मा विभागीय कामकाज की समीक्षा करने वाले हैं। ऐसे में सूची 8 जनवरी तक रुक भी सकता है।

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