Raipur news: रायपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में अब 5 छात्र एक माह के लिए निलंबित, अभिभावकों को बुलवाकर लिया जाएगा शपथ पत्र

Raipur news: पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक के बाद रैगिंग में संलिप्त एमबीबीएस सेकंड ईयर के पांच छात्रों को एक माह के लिए कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। इसके अलावा उनके अभिभावकों को बुलवाकर स्टांप पेपर में भविष्य में उनके बच्चों द्वारा रैगिंग संबंधी कृत्यों में सम्मिलित न रहने की शपथ पत्र ली जा रही है।

Update: 2024-11-12 05:48 GMT

Raipur news: रायपुर। रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक के बाद पांच छात्रों को एक माह के लिए कॉलेज से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा रैगिंग करने वाले पांचों छात्रों के अभिभावकों को कॉलेज में बुलाकर स्टांप में उनके बच्चों के द्वारा भविष्य में रैगिंग जैसे कृत्य में संलिप्त नहीं रहने संबंधी शपथ पत्र लिया जाएगा। इससे पहले हुई कार्यवाही में सेकंड ईयर के दो छात्रों को 10 दिनों के लिए कॉलेज से निलंबित किया गया था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में सीनियर छात्रों के द्वारा फर्स्ट ईयर के जूनियर छात्रों के साथ अमानवीय हरकत करते हुए रैगिंग की गई। मामला दीपावली के पहले का है। 50 प्रथम वर्ष के छात्रों को दबाव बनाकर मुंडन करवा दिया गया। इनके लिए कॉलेज जाने के दौरान ड्रेस कोड भी तय कर दिया गया। स्कूल शूज के अलावा लटकने वाला झोला लेकर आने को मजबूर किया गया। साथ ही कॉलेज में आने और जाने के दौरान और क्लास से निकलने के दौरान सर झुकाकर एक लाइन में कंधे में झोला लटका कर आने –जाने के निर्देश दिए। जिसके चलते अभ्यर्थी कॉलेज आने– जाने के दौरान और कॉलेज में सर झुका कर चलते हैं। फर्स्ट ईयर के छात्रों को एक विशेष प्रकार का तेल लगाकर आने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्राओं की व्हाट्सएप में फोटो भी मोबाइल में मंगवाई। हॉस्टल में भी प्रताड़ना और मारपीट की गई।

व्हाट्सएप मैसेज से सामने आया मामला

जूनियर और सीनियर छात्रों का ग्रुप बना है। जिसमें रैगिंग हेतु सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को निर्देश देते हैं। इसी में जूनियर छात्रों के लिए ड्रेस कोड और सर मुडाने संबंधी मैसेज किया गया था। यह मैसेज एक जूनियर छात्र ने अपने पेरेंट्स को भेज दिया। पैरंट्स ने स्थानीय स्तर पर शिकायत की। शिकायत पर जब कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तब फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों के परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय और नेशनल मेडिकल कमीशन नई दिल्ली से शिकायत की। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नेशनल मेडिकल कमीशन ने मामले को टैग किया। इसके बाद यह मामला कॉलेज के एंटी रैगिंग कमेटी तक पहुंचा। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली की एंटी रैगिंग कमेटी ने भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मेल कर इस मामले में कार्रवाई कर अवगत करवाने के लिए कहा है।

मामला सामने आने के बाद पूर्व में दीप राज वर्मा और अंशु जोशी को 4 नवंबर के दिन समस्त कक्षाओं एवं क्लीनिकल पोस्टिंग से 10 दिनों के लिए निष्कासित कर दिया गया था। जिसके बाद 8 नवंबर को एंटी रैगिंग सेल को ई– मेल के द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर 11 नवंबर को फिर से महाविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। डीन की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। बैठक में समिति के द्वारा जांच उपरांत द्वितीय वर्ष एमबीबीएस 2023 बैच के छात्र अंशु जोशी, अक्षत जायसवाल, विकास टंडन, गौरव चंद्र महाली और आयुष गुप्ता के रैगिंग गतिविधियों में संयुक्त पाए जाने की पुष्टि हुई। जिसके आधार पर इन्हें तत्काल प्रभाव से 11 नवंबर से एक माह की अवधि तक समस्त कक्षाओं एवं क्लीनिकल पोस्टिंग से निलंबित कर दिया गया है।

इसके अलावा निलंबित विद्यार्थियों के अभिभावकों को 13 नवंबर को एंटी रैगिंग समिति के समक्ष उपस्थित होने और 10 रूपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप में भविष्य में उनके बच्चों के द्वारा रैगिंग संबंधी किसी भी प्रकार की गतिविधियों में शामिल नहीं होने का शपथ पत्र मांगा गया है। रैगिंग संबंधी किसी भी गतिविधियों में शामिल होना पाए जाने की स्थिति में महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा की गई कार्यवाही के विरुद्ध उन्हें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होने की बात का भी उल्लेख शपथ पत्र में होगा।

ग्रुप में भी आई थी धमकी

दो छात्रों के 10 दिनों के निलंबन की पहली कार्यवाही के बाद भी सीनियर छात्रों के हौसले बुलंद थे और वे जूनियर छात्रों को धमकाते हुए ग्रुप में 10 नवंबर के बाद असली रैगिंग होने की बात कह रहे थे। धमकी भरे मैसेज लिखते हुए कह रहे थे कि 60 साल से चली आ रही यह प्रथा तुम लोगों के शिकायत से बंद नहीं होने वाली। शिकायत करने वाले का नाम पता चलने पर एमबीबीएस कैसे पास होगा यह देखने की धमकी दी गई थी।

लिखा गया था कि सिर्फ फोटो ही मांगी गई थी और शिकायत करने वाला भी उतना शरीफ नहीं होगा जितना बन रहा है। फोटो मांगने जैसी छोटी सी चीज के लिए शिकायत की जा रही है। यह सब सीनियर्स के द्वारा मजे के लिए नहीं किया जा रहा है जो उनके साथ हुआ है वही वह कर रहे हैं और अगले साल तुम लोग भी करोगे। एंटी रैगिंग कमेटी ने छात्र अंशु जोशी और अक्षत जायसवाल को रैगिंग में शामिल होना और विकास टंडन, गौरव चंद्र महाली, आयुष गुप्ता को इस प्रकार पर प्रतिक्रिया द्वारा समर्थन करना पाया है। जिस आधार पर कार्यवाही की गई है।



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