Letter Politics: ब्रेकिंग न्‍यूज: ओबीसी कोड को लेकर सीएम भूपेश ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जाने क्‍या है मामला

Letter Politics: मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के विभिन्‍न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को लगातार पत्र लिख रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्‍त मंत्री को पत्र लिखा था।

Update: 2023-08-29 08:09 GMT

Letter Politics: रायपुर। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर एक पत्र लिखा है। इस बार मुख्यमंत्री बघेल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए अलग से कोड निर्धारित करते हुए राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय पर और विलंब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें।

बघेल ने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानान्तरित करने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में कहा है - अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय पर और विलम्ब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें।

बघेल ने लिखा है कि -मेरे द्वारा अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य पिछड़ा वर्गों के व्यक्तियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिये जाने तथा इस विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आपसे अनुरोध किया गया था,आप सहमत होंगे कि सदियों से सामाजिक-राजनीतिक अधिकारों से वचित बड़ी आबादी को संविधान प्रदत्त समानता एवं सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप आरक्षण का लाभ दिया जाना आवश्यक है।

घेल ने लिखा है - राज्य विधानसभा द्वारा दिसंबर 2022 में सर्वसम्मति से पारित विधेयक में राज्य में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा ई.डब्ल्यू.एस. के लोगों के लिये क्रमशः 32, 13, 27 एवं 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था। दुर्भाग्य से वह विधेयक अभी तक राजभवन में अनुमोदन हेतु लंबित है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है-समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है। राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे है।




 


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