IPS GP Singh Restate: आईपीएस जीपी सिंह हुए बहाल, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने जारी किए आदेश , देखें आदेश....

IPS GP Singh Restate:–10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश दिए थे। आदेशों के परिपालन में मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स ने जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश जारी किए है। जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस हैं।

Update: 2024-12-12 12:05 GMT

Delhi दिल्ली। अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए बर्खास्त आईपीएस जीपी सिंह को बहाल कर दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने आज इसके आदेश जारी कर दिए हैं। 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया की याचिका को खारिज कर जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश दिए थे। आदेश के परिपालन में आज जीपी सिंह को बहाल कर दिया गया।

जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान उनके खिलाफ एक्सटॉर्शन, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया गया था। जिसके आधार पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा था। जिसके आधार पर केंद्र सरकार ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। जिसको उन्होंने अधिवक्ता हिमांशु पांडे के माध्यम से कैट में चुनौती दी। कैट ने जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश दिए। जिसके आधार पर राज्य सरकार ने उन्हें बहाल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। पर केंद्र सरकार ने उन्हें बहाल करने की बजाय कैट के फैसले को हाईकोर्ट में अपील कर दिया। हाईकोर्ट ने भी जीपी सिंह के पक्ष में फैसला दिया। जिसको यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

सुप्रीम कोर्ट में दस दिसंबर को जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसबीएन भाटी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। जिसमें जीपी सिंह की तरफ से सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने पैरवी की। वहीं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता हिमांशु पांडे ने उन्हें असिस्ट किया किया और पूरे मामले की जानकारी दी।

सुप्रीम कोर्ट में सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यूनियन का पक्ष रखा। यूनियन के तीनों आधारों को जीपी सिंह के अधिवक्ताओं ने काउंटर किया। यूनियन के तीनों आधारों में पहला आधार था कि जीपी सिंह के खिलाफ तीन अपराधिक प्रकरण दर्ज थे, जिसके बारे में जीपी सिंह के अधिवक्ता ने बताया कि उक्त तीनों आपराधिक प्रकरणों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने क्वेश कर दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का दूसरा आधार था कि आईपीएस राहुल शर्मा के द्वारा किए गए सुसाइड पर तत्कालीन सरकार ने जीपी सिंह के खिलाफ जांच कमेटी बनाई है।

दूसरे आधार पर जीपी के अधिवक्ताओं ने बताया कि राहुल शर्मा आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच हुई थी। सीबीआई ने इस मामले में कोई तथ्य न पाते हुए सीबीआई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश किया था। जिसके बाद भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने द्वेषवश फिर से जांच टीम बना दी थी। उक्त जांच कमेटी को दिल्ली कैट ने नियम विरुद्ध पाते हुए क्वेश कर दिया था।

सॉलिसिटर जनरल की तरफ से तीसरा तर्क रखा गया था कि जीपी सिंह की सर्विस एसीआर में केवल 6 नंबर दिए गए है। जीपी के अधिवक्ता ने बताया कि उक्त सर्विस एसीआर को दिल्ली कैट में चुनौती दी गई थी। जिस पर कैट के आदेश से सुधार कर 6 नंबर से आठ नंबर कर दिया गया है। सभी आधारों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जीपी सिंह को जिस दिन से उनकी सर्विस ब्रेक हुई है उस दिन से समस्त सेवा लाभों को देते हुए बहाल करने के आदेश दिए थे। 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश के परिपालन में आज 12 दिसंबर को मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स ने जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश जारी कर दिए।



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