Chhattisgarh News: CG मंडी सचिव भर्ती में घोटाला का आरोप: मेरिट सूची में नहीं किया गया रोस्टर का पालन, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

Chhattisgarh News: मंडी बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि सचिव की भर्ती के लिए जारी मेरिट सूची में रोस्‍टर का पालन नहीं किया गया है। इसको लेकर लिखित शिकायत की गई है। शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय अधिकारी शिकायतकर्ता को कोर्ट जाने की नसीहत दे रहे हैं।

Update: 2024-12-18 08:32 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) में सहायक संचालक, सचिव वरिष्ठ एवं सचिव कनिष्ठ के 30 पदों भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। भर्ती की लिखित परीक्षा व्‍यापम के माध्‍यम से आयोजित की गई। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए 95 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसके आधार अब मेरिट सूची जारी की गई है।

आरोप है कि मेरिट सूची में रोस्‍टर का पालन नहीं किया गया है। इस संबंध में अभ्‍यर्थी दिनेश बंजारे ने बोर्ड से लिखित में शिकायत भी की है। दिनेश के अनुसार सचिव कनिष्ठ पद की मुख्य चयन सूची में उनका नाम सरल क्रमांक 01 पर है। इसमें उनका वर्ग अनुसूचित जाति लिखा गया है। जबकि मुख्य चयन सूची में सचिव कनिष्ठ पद पर अनारक्षित वर्ग से मेरा चयन किया जाना था। साक्षात्कार के बाद जारी सूची में उनका नाम अनारक्षित वर्ग में था।

इसी तरह चयन सूची में सचिव कनिष्ठ पद पर सरल क्रं. 04 रवि श्रीवास का त्रुटिवश चयन का वर्ग अन्य पिछड़ा उल्लेखित हो गया है, जबकि चयन का वर्ग अनारक्षित वर्ग होना था। सरल क्रं. 06 में हरिश पटेल का त्रुटिवश चयन का वर्ग अनारक्षित उल्लेखित हो गया है, जबकि चयन का वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग होना था। इसी प्रकार मुख्य चयन सूची में सरल क्रं. 08 में मनीष साहू का नियमानुसार चयन नहीं किया जाना चाहिए था, किन्तु उनका चयन अन्य पिछड़ा वर्ग से किया गया है।

चयन सूची में सचिव वरिष्ठ पद पर सरल क्रं. 03 में शेख अब्दुल रहमान का त्रुटिवश चयन का वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग उल्लेखित हो गया है, जबकि चयन का वर्ग अनारक्षित वर्ग होना था। इसी प्रकार सरल क्रं. 05 में प्रशांत कुमार का त्रुटिवश चयन अनारक्षित से हो गया है, जबकि चयन का वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग होना था।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ने वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) के अनुसार यदि उपधारा (2) में उल्लेखित प्रवर्गों में से किसी प्रवर्ग से संबंधित कोई व्यक्ति सामान्य अभ्यर्थियों के साथ खुली प्रतियोगिता में योग्यता के आधार पर चयनित हो जाता हैं तो उपधारा (2) के अधीन ऐसे प्रवर्ग के लिए आरक्षित रिक्तियों के प्रति समायोजित नहीं किया जायेगा।"

सामान्य प्रशासन विभाग के संदर्भित पत्र क्रं. 4 एवं 5 के कंडिका 2 (3) के अनुसार अनारक्षित पदों के अनुपात में मेरिट के आधार पर परीक्षाफल घोषित करने के बाद शेष बचे उम्मीदवारों में से आरक्षित पदों के अनुपात में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़े वर्गों के उम्मीदवार जो मेरिट में नहीं आते है, का परीक्षाफल पृथक से दर्शाकर घोषित किया जाए।

उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग के रूप में माना जायेगा, यदि उसने खुली श्रेणी में चयनित अंतिम अभ्यर्थी से अधिक अंक प्राप्त किये हो।



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